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ईशांत शर्मा की मैदान पर लंकाई प्लेयर्स से हुई झड़प पर गावस्कर को आया गुस्सा

पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने भारत और श्रीलंकाई क्रिकेटरों के बीच मैदान पर झड़प की कड़ी निंदा की और कहा कि इस तरह की घटनाएं खेल के लिये अच्छी नहीं हैं.

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मैदान पर भिड़ गए थे ईशांत
मैदान पर भिड़ गए थे ईशांत

पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने भारत और श्रीलंकाई क्रिकेटरों के बीच मैदान पर झड़प की कड़ी निंदा की और कहा कि इस तरह की घटनाएं खेल के लिये अच्छी नहीं हैं.

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चांदीमल और धम्मिका से भिड़े ईशांत
गौरतलब है कि भारतीय तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा की तीसरे टेस्ट के चौथे दिन श्रीलंका के धम्मिका प्रसाद और दिनेश चांदीमल के साथ झड़प हुई थी जबकि तीसरे दिन भी वो रंगना हेराथ और कुशाल परेरा से भिड़ गए थे. गावस्कर ने कहा, 'ये कुछ दृश्य होते हैं जिन्हें आप देखना नहीं चाहते हो. बच्चे देख रहे हैं और इंटरनेशनल प्लेयर रोल मॉडल होते हैं. यह केवल खेल है जिसका आनंद लिया जाना चाहिए. आप नहीं चाहते कि माता पिता अपने बच्चों से कहें कि उन्हें खेल नहीं खेलना चाहिए.'

ईशांत ने की शानदार गेंदबाजी
हालांकि गावस्कर ईशांत की गेंदबाजी से बहुत प्रभावित दिखे. उन्होंने कहा, 'उसने जानदार प्रदर्शन किया. उसकी कलाई की स्थिति अच्छी थी और वह सीम का अच्छा इस्तेमाल कर रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे कि बाहर की तरफ निकल रही गेंद अंदर आ जाएगी. यह भारतीय क्रिकेट के लिये अच्छी खबर है. यदि वह अपने गुस्से पर नियंत्रण बनाये रखता है तो फिर यह टीम के लिये अच्छा है.'

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गावस्कर की बिन्नी को सलाह
गावस्कर ने स्टुअर्ट बिन्नी को भी सलाह दी. उन्होंने कहा, 'रोहित शर्मा के साथ उसकी साझेदारी से पारी को मजबूती मिली. वह वैसा ही खेला जैसा वह खेलता है. यदि वह हवा में शॉट मारने में बारे में सोचना बंद कर दे तो अच्छा होगा. उसे अपने शॉट खेलने चाहिए लेकिन मैदान पर चिपकते हुए.'

निचले क्रम से प्रभावित हैं गावस्कर
यह पूर्व कप्तान निचले क्रम के बल्लेबाजों के प्रदर्शन से भी प्रभावित दिखा. गावस्कर ने कहा, 'यह शानदार है. यह देखकर अच्छा लगा कि उन्होंने जज्बा दिखाया. इसके लिए प्रतिबद्धता की जरूरत पड़ती है. आप अपना विकेट सस्ते में नहीं गंवा सकते. विरोधी टीम के लिए विकेट लेना मुश्किल बनाओ.'

नई गेंद से हुई अच्छी गेंदबाजी
दोनों टीमों के सलामी बल्लेबाजों को सीरीज में रन बनाने के लिए जूझना पड़ा. इस बारे में गावस्कर ने कहा, 'नई गेंद के गेंदबाजों को श्रेय जाता है. उन्होंने जिस लाइन और लेंथ से गेंद की उससे सलामी बल्लेबाजों के लिए काम मुश्किल हो गया. निश्चित रूप में उनमें तकनीकी खामियां हैं. वे अपना पांव फॉरवर्ड रखकर खेले और बैकफुट पर कई शॉट चूक गये.

इनपुट: भाषा

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