दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में शुमार वेस्टइंडीज के हरफनमौला क्रिकेटर क्रिस गेल ने शुक्रवार को अपनी आत्मकथा 'सिक्स मशीन' का लोकार्पण किया. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने गेल की किताब का विमोचन किया. इस किताब को वाइकिंग-पेंग्विन यूके ने प्रकाशित किया है.
गेल की आत्मकथा का विमोचन
गेल ने अपनी आत्मकथा के विमोचन पर कहा, "अपनी पहली किताब लांच करते हुए मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं आशा करता हूं कि यह दूरदराज तक पहुंचे, क्रिकेट ही नहीं उसके अलावा भी बहुत सी कहानियां और राज हैं जिन्हें मैं लंबे समय से साझा करना चाहता था.' उन्होंने कहा, 'क्रिस गेल होना यानी मस्ती करना. मैं बोरिंग होने में यकीन नहीं करता और 'सिक्स मशीन' में पूरी तरह से मैं हूं, हर अंदाज में.'
गेल को स्कोर शीट के आधार पर मापा जाता है
बीसीसीआई के अध्यक्ष ठाकुर ने पुस्तक विमोचन पर कहा, "क्रिस गेल की आत्मकथा 'सिक्स मशीन' का शीर्षक बिल्कुल सही ढंग से उन्हें जाहिर करता है. उन्होंने क्रिकेट जगत में जो पहचान कायम की है उसका गवाह बनना अत्यधिक खुशी की बात है. वह उन क्रिकेट खिलाड़ियों में से हैं जिनकी सफलता को केवल उनकी स्कोर शीट के आधार पर नहीं मापा जा सकता.' ठाकुर ने कहा, 'उन्होंने अपने बल्लेबाजी कौशल से दर्शकों को रोमांचित किया है और बेशक वह आगे भी ऐसा करना जारी रखेंगे. उनकी आत्मकथा के विमोचन का हिस्सा बन कर मैं बहुत प्रसन्न हूं और मैं 'सिक्स मशीन' को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं.'
'गेल सबसे मस्तमौला क्रिकेटर हैं'
पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग भी इस मौके पर मौजूद थे. उन्होंने गेल की किताब पर कहा, 'मुझे जितने भी लोगों से मिलने और उन्हें जानने का मौका मिला है उनमें क्रिस सबसे मस्तमौला और खरे व्यक्तियों में से एक हैं क्रिकेट के लिए उनका प्यार उनकी बल्लेबाजी से झलकता है. मुझे खुशी है कि अब ज्यादा लोग असली क्रिस को जान पाएंगे और इस शख्सियत के पीछे के इंसान का परिचय प्राप्त करेंगे. मुझे यकीन है कि दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों के बीच 'सिक्स मशीन' लोकप्रिय होगी.' अपने खेल के अंदाज की ही तरह 'सिक्स मशीन' में भी क्रिस गेल ने खुल कर अपनी कहानी कही है. किंग्स्टन इलाके में टिन की छत के नीचे रहने वाला संकोची और दुबला-पतला लड़का किस प्रकार क्रिकेट की दुनिया के सबसे नामचीन सितारों में से एक बन गया. उसकी पूरी कहानी इस किताब में दर्ज है. यह आत्मकथा सिर्फ उनकी खेल प्रतिभा के बारे में नहीं बताती, यह क्रिस के संघर्ष, बल्लेबाजी के पूर्वाग्रहों की दास्तां बयां करती है.