दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हो रही टेस्ट सीरीज में अब तक भारतीय स्पिनरों ने अफ्रीका के 50 में से 47 विकेट हासिल किए हैं लेकिन लेग स्पिनर अमित मिश्रा इस बाद से थोड़े निराश हैं कि पिच की प्रकृति को लेकर हो रही बहस ने रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और उनके अच्छे प्रदर्शन के महत्व को कमतर कर दिया है. मिश्रा से जब यह पूछा गया कि क्या वह जिसके हकदार हैं उन्हें उससे कम श्रेय मिला तो उन्होंने कहा, ‘हां, पिच को लेकर इतनी सारी बातें हुई और हमें पर्याप्त श्रेय नहीं दिया गया. हमारे घरेलू हालात पिछले 15 साल से ऐसे ही हैं और यह आज से नहीं है. जब हम श्रीलंका गए तो वहां भी हमें स्पिन लेती पिच मिली और हमने वहां अच्छी गेंदबाजी की.’
स्पिन गेंदबाजी से दवाब में है अफ्रीकी टीम
इस लेग स्पिनर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर स्पिनर अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं तो कम से कम अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उनकी तारीफ कीजिए. ऐसा नहीं है कि स्पिनरों को सिर्फ इन पिचों के कारण विकेट
मिले. हमने देश के बाहर भी अच्छा प्रदर्शन किया है. मिश्रा का मानना है कि स्पिन लेती गेंदों के खिलाफ दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों की तकनीक में खामी के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा.
अश्विन के 24 और जडेजा के 16 विकेटों की तुलना में दो मैचों में सात विकेट चटकाने वाले मिश्रा ने कहा, ‘जैसे उपमहाद्वीप से बाहर जाने पर हमें अधिक उछाल का सामना करना होता है उसी तरह जब टीमें भारत आती हैं तो उन्हें अधिक स्पिन का सामना करना होता है. यह सामंजस्य का सवाल है. उन्हें होमवर्क करने और स्पिन की अनुकूल पिचों पर अपनी बल्लेबाजी तकनीक सुधारने की जरूरत है. मुझे लगता है कि वे काफी दबाव में हैं क्योंकि हमने उन्हें ऐसी गेंद नहीं फेंकी जिन पर बाउंड्री लगाई जा सके.’
‘बंगलुरु टेस्ट में बाहर बैठना टीम के हित में था’
मिश्रा को खुशी है कि चुनौतीपूर्ण हालात में भी उन्हें कप्तान विराट कोहली का समर्थन हासिल है. उन्होंने कहा, ‘वह काफी सकारात्मक है और किसी बल्लेबाज को कैसे आउट किया जाए उसके बारे में जरूरी टिप्स
देता रहता है. उसकी कप्तानी के बारे में सबसे अच्छी चीज यह है कि आप कैसी भी गेंदबाजी करो वह आपका समर्थन करता है. वह मेरा उसी तरह समर्थन करता है जैसे मैं चाहता हूं कि वह करे.’
मिश्रा ने तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में अमला को आउट किया जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका का बल्लेबाजी क्रम ध्वस्त हो गया. इस लेग स्पिनर ने खुलासा किया कि उसने कोहली को छोटा स्पेल देने के लिए कहा था. मिश्रा इस बात से भी सहमत नहीं हैं कि टीम प्रबंधन को उन पर कम भरोसा है क्योंकि स्पिन तिकड़ी में उन्हें आखिर में गेंदबाजी के लिए बुलाया जाता है. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि विश्वास की कमी है. श्रीलंका में कई बार मुझे पहले आक्रमण पर लगाया गया. यह हालात पर निर्भर करता है. हां, बंगलुरु में मुझे टीम से बाहर कर दिया गया लेकिन मैं टीम प्रबंधन के फैसले से सहमत था कि टीम को बल्लेबाजी मजबूत करने के लिए आलराउंडर की जरूरत है.’
‘अपना सौ फीसदी देते हैं’
हरियाणा के इस क्रिकेटर का मानना है कि अश्विन और जडेजा के साथ उनका विश्वास और अच्छे संबंध सफलता की कुंजी है. भारत अगर टेस्ट सीरीज 3-0 से जीतेगा तो आईसीसी टेस्ट टीम रैंकिंग में दूसरे नंबर
पर पहुंच जाएगा. यह पूछने पर कि क्या यह टीम के लिए अतिरिक्त प्रेरणा है, मिश्रा ने कहा, ‘भारत के लिए खेलते वक्त आपको अतिरिक्त प्रेरणा की जरूरत नहीं होती है. हमारे अंदर जीतने का जुनून और भूख है
और यह मैदान पर दिखता भी है. हम हमेशा अपना शत प्रतिशत देते हैं.’