Hanuma Vihari latest Interview: भारतीय टीम के लिए 16 टेस्ट मैच खेल चुके स्टार खिलाड़ी हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) के एक पोस्ट ने हाल में बखेड़ा कर दिया था. इस पोस्ट में उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर आंध्र टीम के ही विकेटकीपर बल्लेबाज केएन पृध्वी राज (Kuntrapakam Prudhviraj) का नाम लिया था. हनुमा का मानना था कि पृध्वी के कारण ही वो राजनीति का शिकार हुए. हनुमा ने एक पोस्ट में लिखा था कि अब वो आंध्र प्रदेश के लिए नहीं खेलना चाहते हैं.
दरअसल, पृध्वी के पिता कुंत्रपकम नरसिम्हा (Kuntrapakam Narasimha) हैं. नरसिम्हा युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP ) के प्रमुख राजनेताओं में से एक हैं और आंध्र प्रदेश के तिरुपति के वार्ड पार्षद भी हैं.
हनुमा का मानना था कि पृध्वी के पिता के कारण ही उन पर आंध्र प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने उन पर कार्रवाई की. ऐसे में वो अब शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं, हनुमा ने साफ कर दिया कि इस सीजन के बाद वो कभी भी आंध्र प्रदेश के लिए क्रिकेट नहीं खेलेंगे.
वहीं इस पर पृध्वी ने भी एक इंस्टाग्राम स्टोरी शेयर की, इसमें उन्होंने लिखा कि मैं ही वो क्रिकेटर हूं, जिसको यूजर्स कमेंट बॉक्स में तलाश रहे हैं. पृध्वी ने इस पोस्ट में लिखा था कि गेम से ऊपर कोई नहीं है, किसी का भी आदर सभी से ऊपर है. अभद्र भाषा कतई स्वीकार्य नहीं की जा सकती है, सभी लोग जानते हें उस दिन क्या हुआ था.
अब इस पूरे हालिया विवाद पर हनुमा विहारी का रिएक्शन आया है, उन्होंने इसे लेकर इंडिया टुडे से खुलकार बात हुई. इस दौरान हनुमा विहारी ने कई सवालों के जवाब दिए.
सवाल: आखिर इस पूरे मामले की सच्चाई क्या है?
हनुमा विहारी: एक क्रिकेटर के रूप में, मैं लंबे समय से खेल रहा हूं. मैं बहुत संघर्षों से गुजरा हूं. मैं दो राज्यों (हैदराबाद, आंध्र प्रदेश) के लिए खेला हूं. इसे खेलना आसान नहीं है. मैं आंध्र क्रिकेट टीम को उसके स्तर पर ले गया हूं. मैं एक खिलाड़ी पर चिल्लाया, जो 17वां खिलाड़ी (केएन पृध्वी राज का नाम नहीं लिया) था, जिसे ड्रेसिंग रूम में नहीं होना चाहिए था. नियमानुसार उन्हें वहां नहीं रहना चाहिए था. लेकिन उसने इसे गलत तरीके से लिया और इसकी शिकायत अपने पिता से की. और वहां से सब कुछ गलत हो गया.
उन्होंने मेरे खिलाफ शिकायत की. इसके बाद मुझे कप्तान के पद से हटा दिया. फिर भी मैंने टीम के लिए खेलना जारी रखा, क्योंकि मैं खेल से प्यार करता था और खेल का सम्मान करता था. एक बार टूर्नामेंट खत्म होने के बाद, मैंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया क्योंकि मुझे लगा कि जो हुआ उसके बारे में लोगों को सच्चाई जाननी चाहिए.
सवाल: इस घटना को घटित हुए कितना समय हो गया है? आपको किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है?
हनुमा विहारी: इस घटना को हुए कुछ महीने हो चुके हैं. इतने महीनों तक मैंने इसे अपने अंदर रखा, यह वास्तव में कठिन था क्योंकि एक खिलाड़ी जो इतने लंबे समय से और प्रोफेशनल तरीके से खेल रहा है, यह वाकई में मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है. मैंने केवल टूर्नामेंट और टीम के बारे में सोचा. एक बार टूर्नामेंट खत्म होने के बाद, मैं अपने लिए खड़ा होना चाहता था, वरना मैं खुद को कभी माफ नहीं करता.
सवाल: आपके खिलाफ कई आरोप हैं?
हनुमा विहारी: उन्होंने शिकायत की है कि मेरा व्यवहार ठीक नहीं है, और मुझे नहीं पता कि उन्होंने ऐसा किया था, लेकिन फिर मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. मुझे यह मंजूर नहीं था. मुझे इस्तीफा देना पड़ा. मेरे पास कोई अन्य ऑप्शन हीं था. मैंने ईमेल इसलिए भी भेजा क्योंकि मैं टीम का मनोबल बनाए रखना चाहता था. मैं असल तौर पर इस्तीफा नहीं देना चाहता था. हमने रणजी ट्रॉफी जीतने के बारे में सोचा था. लेकिन उस शिकायत के बाद से सब कुछ गलत हो गया.
सवाल: क्या आपको किसी मदद की जरूरत है?
हनुमा विहारी: मैं अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहता था. मैंने एक लेटर भी पोस्ट किया था, जिसमें टीम के खिलाड़ी और कप्तान के रूप में चाहते हैं, इस लेटर में मेरा और उस खिलाड़ी का नाम नहीं था. टीम के साथियों ने मुझ पर टीम के एक लीडर के रूप में भरोसा किया. पिछले 24 घंटों में मुझे जो भी हेल्प मिली, मैं उसकी प्रशंसा करना चाहता. मैं बोलने के लिए बाहर आया हूं, क्योंकि लोगों को सच्चाई जाननी है. इसलिए मैं आगे आया.
सवाल: क्या आपके पास कोई प्रश्न है जो आप पूछना चाहते हैं?
हनुमा विहारी: जब मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहा गया तो मैंने बहुत संघर्ष किया. मैंने लोगों से मदद मांगी. ऐसा नहीं हो सका. इतनी नुकसान होने के बाद भी मैं और कुछ नहीं मांग रहा हूं, मैं किसी से सवाल या जवाब नहीं करना चाहता था. लोग अपने-अपने आरोप और धारणाएं बना सकते हैं, मेरे पास इसका कोई तर्क नहीं है.
सवाल: अब आप कैसे हैं? आप और आपके परिवार कैसे हैं ?
हनुमा विहारी: मेरे परिवार ने मेरा समर्थन किया है, हम मजबूती से खड़े हुए हैं.
सवाल: क्या आप एसीए (आंध्र प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन) से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं?
जवाब: मुझे नहीं पता... यह उन पर निर्भर है कि वे क्या रेस्पॉन्ड देना चाहते हैं, यदि वे कुछ और कहते हैं, तो शायद हम इस मुद्दे पर पहुंचने के लिए एक अलग रास्ता अपनाएंगे.
हनुमा विहारी का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर
हनुमा विहारी ने भारतीय टीम के लिए अब तक 16 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 33.56 के एवरेज से 839 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 1 शतक और 5 अर्धशतक निकले. विहारी ने अपना आखिरी टेस्ट मैच जुलाई 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेला था. विहारी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में खेली गई साहसिक पारी के लिए याद किया जाता है. उस मैच में हनुमा विहारी ने अंगद की तरह अपना पैर रखकर मैच बचाया था. उसके बाद ही भारत ने गाबा टेस्ट जीतकर सीरीज अपने नाम की थी.