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Hanuma Vihari Vs Prudhvi Raj: हनुमा विहारी की बगावत के बाद सामने आया ये क्रिकेटर, बोला- मैं हूं वो ख‍िलाड़ी

भारतीय टीम के स्टार क्रिकेटर हनुमा विहारी सुर्खियों में हैं. हाल ही में उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए कहा था कि एक खिलाड़ी को डांट लगाने की वजह से वो राजनीतिक का शिकार हुए हैं. हालांकि हनुमा ने किसी प्लेयर का नाम नहीं लिया था. मगर अब आंध्र की टीम के ही विकेटकीपर बल्लेबाज केएन पृध्वी राज ने सामने आकर जवाब दिया है.

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केएन पृध्वी राज और हनुमा विहारी.
केएन पृध्वी राज और हनुमा विहारी.

Hanuma Vihari Vs Prudhvi Raj: भारतीय टीम के स्टार क्रिकेटर हनुमा विहारी ने हाल ही में एक पोस्ट से तहलका मचा दिया. वो इस समय सुर्खियों में छाए हुए हैं. हनुमा ने अपनी घरेलू टीम आंध्र प्रदेश एसोसिएशन के खिलाफ बगावत करते हुए एक बड़ा बयान दिया था.

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हनुमा ने अप्रत्यक्ष तौर पर कहा था कि एक खिलाड़ी को डांट लगाने की वजह से वो राजनीतिक का शिकार हुए हैं. हालांकि हनुमा ने किसी प्लेयर का नाम नहीं लिया था. मगर अब आंध्र की टीम के ही विकेटकीपर बल्लेबाज केएन पृध्वी राज ने सामने आकर जवाब दिया है.

'मैं वही आदमी हूं जिसे आप खोज रहे हैं'

पृध्वी ने इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए कहा, 'सभी को नमस्कार... मैं वही आदमी हूं जिसे आप लोग कमेंट बॉक्स में खोज रहे हैं. आप लोगों ने जो भी सुना वह बिल्कुल झूठ है. खेल से बड़ा कोई नहीं है और मेरा स्वाभिमान किसी भी चीज से कहीं ज्यादा बड़ा है.'

विकेटकीपर बल्लेबाज ने आगे लिखा, 'व्यक्तिगत हमले और अभद्र भाषा किसी भी तरह से अस्वीकार्य हैं. टीम में हर कोई जानता है कि उस दिन क्या हुआ था. इस सहानुभूति के खेल को आप जैसे चाहें खेलें.' बता दें कि केएन पृध्वी राज के पिता फिलहाल YSR कांग्रेस पार्टी पार्टी से जुड़े हुए हैं.

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हनुमा ने भी इंस्टाग्राम पर एक लंबी पोस्ट शेयर की

हाल ही में हनुमा ने भी इंस्टाग्राम पर एक लंबी पोस्ट शेयर की थी. इसमें उन्होंने लिखा था, 'इस पोस्ट के जरिए मैं कुछ फैक्ट सामने रखना चाहता हूं. बंगाल के खिलाफ पहले मैच में मैं कप्तान था. उस मैच के दौरान मैं 17वें खिलाड़ी पर चिल्लाया और उसने अपने पिता (जो एक राजनेता है) से शिकायत की. बदले में उसके पिता ने संघ से मेरे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा.'

30 साल के हनुमा ने कहा, 'मैंने खिलाड़ी को व्यक्तिगत रूप से कभी कुछ नहीं कहा लेकिन संघ ने सोचा कि वह खिलाड़ी उस व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण है जिसने पिछले साल अपना शरीर दांव पर लगा दिया और बाएं हाथ से बल्लेबाजी की. पिछले सात साल में पांच बार आंध्र को नॉकआउट में जगह दिलाई और भारत के लिए 16 टेस्ट खेले.'

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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अपनी चोट का भी हनुमा ने पोस्ट में जिक्र किया

बता दें कि हनुमा ने कुछ समय पहले ही निजी कारण बताकर आंध्र टीम की कप्तानी छोड़ दी थी. मगर अब कप्तानी से हटने की वजहों का दूसरा ही खुलासा किया. रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन में आंध्र प्रदेश को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मध्य प्रदेश ने 4 रनों से हराया था. हनुमा ने कहा कि वह फिर कभी राज्य के लिए नहीं खेलेंगे.

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मध्य प्रदेश के खिलाफ पिछले साल के रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल मैच को याद करते हुए विहारी ने कहा कि उन्होंने टीम के लिए अपना शरीर दांव पर लगा दिया था. दाहिने हाथ में चोट के कारण उन्होंने उस मैच में बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने के लिए मजबूर होना पड़ा लेकिन वह आंध्र को बाहर होने से नहीं रोक सके.

अब आंध्र प्रदेश के लिए कभी नहीं खेलेंगे हनुमा

हनुमा ने कहा, 'दुखद बात यह है कि संघ का मानना है कि वे जो भी कहें खिलाड़ी को वह सुनना होगा और खिलाड़ी उनकी वजह से ही वहां हैं. मैंने फैसला किया है कि मैं आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा जहां मैंने अपना आत्मसम्मान खो दिया है. मैं टीम से प्यार करता हूं, जिस तरह से हम हर सत्र में प्रगति कर रहे थे वह मुझे पसंद है, लेकिन संघ नहीं चाहता कि हम आगे बढ़ें. मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई लेकिन इस सत्र में खेलना जारी रखने का एकमात्र कारण यह था कि मैं खेल और अपनी टीम का सम्मान करता हूं.'

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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भारत के लिए 16 टेस्ट खेलने वाले मध्यक्रम के बल्लेबाज विहारी ने सत्र की शुरुआत आंध्र के कप्तान के रूप में की थी, लेकिन पिछले साल के उपविजेता बंगाल के खिलाफ पहले मैच के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया. रिकी भुई ने सत्र के बाकी मुकाबलों में टीम का नेतृत्व किया और अब वह 902 रनों के साथ मौजूदा सत्र में सबसे सफल बल्लेबाज हैं.

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हनुमा ने भारतीय टीम के लिए अब तक 16 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 33.56 के एवरेज से 839 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 1 शतक और 5 अर्धशतक निकले. विहारी ने अपना आखिरी टेस्ट मैच जुलाई 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेला था. विहारी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में खेली गई साहसिक पारी के लिए याद किया जाता है. उस मैच में हनुमा विहारी ने अंगद की तरह अपना पैर रखकर मैच बचाया था. उसके बाद ही भारत ने गाबा टेस्ट जीतकर सीरीज अपने नाम की थी.

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