जब भी कोई युवा क्रिकेटर अपने करियर की शुरुआत करता है, तो उसके मन में सबसे बड़ा सपना होता है टेस्ट में शतक बनाने का. लेकिन अगर यह शतक किसी खास मैदान पर बने, तो उसकी खुशी दोगुनी हो जाती है. आज भारत के एक ऐसे ही क्रिकेटर का जन्मदिन है जिन्होंने क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में नंबर 8 पर बैटिंग करते हुए शतक जड़ा था. अजीत अगरकर ने वो कारनामा कर दिखाया जो सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग जैसे महान बल्लेबाज भी नहीं कर सके.
अगरकर में दिखी थी कपिल देव की झलक
अजीत अगरकर ने जब अपने करियर की शुरुआत की, तो सभी को लगा कि यह खिलाड़ी लंबी रेस का घोड़ा है. वनडे में अगरकर ने अपना पहला मैच 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला. डेब्यू के बाद लगातार 13 मैचों तक एक भी मैच ऐसा नहीं रहा जिसमें उन्हें विकेट न मिला हो. इस तूफानी रफ्तार से बढ़ रहे करियर ने कई रिकॉर्ड ध्वस्त किए. इस क्रम में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली के सबसे तेज 50 विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. अगरकर ने यह रिकॉर्ड मात्र 23 मैचों में बनाया. 1998 में बनाए गए इस रिकॉर्ड को 2009 में श्रीलंका के अजंथा मेंडिस ने तोड़ा.
.....जब अगरकर ने ऑस्ट्रेलिया में 20 साल बाद टेस्ट मैच जीत में निभाया था अहम किरदार
2003 में जब भारत ने 20 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीता, तो उस जीत में अगरकर का बहुत बड़ा योगदान था. पहली पारी में 556 रन का पहाड़ जैसा स्कोर बनाने वाली कंगारू टीम को दूसरी पारी में अगरकर की घातक गेंदबाजी ने मात्र 196 रन पर ढेर कर दिया था. अगरकर ने मात्र 41 रन देकर 6 विकेट चटकाए, और भारत मैच जीत गया.
कुछ खास बातें:
* वनडे में भारत की तरफ से सबसे तेज (21 गेंद) अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड अगरकर के नाम है.
* अजीत अगरकर के नाम सबसे कम वनडे मैचों में 200 विकेट और 1000 रन बनाने का रिकॉर्ड है. उन्होंने शॉन पॉलक के 138 मैचों का रिकॉर्ड तोड़ा था.