पाकिस्तान क्रिकेट की बात करें तो जिस एक क्रिकेटर का नाम सबसे पहले आता है वो हैं इमरान खान. 21 सालों तक (1971-1992) तक पाकिस्तान क्रिकेट के सिरमौर बने रहे इमरान को सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में शामिल किया जाता है. अपना 62वां जन्मदिन मना रहे इमरान खान को क्रिकेट से संन्यास लिए आज 22 साल हो गए हैं लेकिन वो आज भी पाकिस्तान के सबसे सफल कप्तान हैं. 1987 रिलायंस वर्ल्ड कप के बाद इमरान ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.
लेकिन लोगों की मांग पर तब पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक ने उनसे संन्यास वापस लेने का आग्रह किया जिसे इमरान ने स्वीकार कर लिया. इसके चार साल बाद 39 साल के इमरान खान के ही नेतृत्व में पाकिस्तान ने पहली बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता. टेस्ट क्रिकेट में तीन हजार रन और 300 विकेटों के साथ इमरान खान ‘ऑलराउंडर ट्रिपल’ बनाने वाले आठ क्रिकेटरों की लिस्ट में शामिल हैं. इमरान खान को 2014 में आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया. इमरान ने 88 टेस्ट की 126 पारियों में 6 शतक और 18 अर्धशतक की मदद से 37.69 की औसत से 3807 रन बनाए. उन्होंने 22.81 की औसत से 362 विकेट भी लिए. 175 वनडे में इमरान खान ने 3709 रन बनाए और 182 विकेट लिए.
संन्यास से बाद इमरान
1992 वर्ल्ड कप जीतने के बाद इमरान ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया और वो पाकिस्तान के हालात सुधारने की दिशा में काम करने लगे. उन्होंने कैंसर हॉस्पिटल खोला जो उनकी मां के नाम पर है. लाहौर में
स्थित इस शौकत खानम मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल ऐंड रिसर्च सेंटर में आधुनिक पद्धति से कैंसर का इलाज किया जाता है. इसके अलावा इमरान ने शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान दिया. उन्होंने नमल कॉलेज की
स्थापना की. नमल इंग्लैंड की ब्रैडफोर्ड यूनिवर्सिटी का एसोशिएट कॉलेज है. फिलहाल इमरान यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रैडफोर्ड के चांसलर भी हैं.
क्रिकेट छोड़ शुरू की राजनीतिक पारी
क्रिकेट से संन्यास के बाद इमरान खान ने अप्रैल 1996 में तहरीक-ए-पाकिस्तान नाम से राजनीतिक पार्टी शुरू की. वो नवंबर 2002 से अक्टूबर 2007 तक नेशनल असेंबली के सदस्य भी रहे हैं. 2013 में वो दोबारा
इसके लिए चुने गए जब उनकी पार्टी को चुनाव में 35 सीटें मिली. ग्लोबल पोस्ट ने इमरान को 2012 के नौ राजनीतिक चेहरों में तीसरे स्थान पर रखा और उन्हें पाकिस्तान का ‘एंटी ड्रोन मूवनेंट’ का अगुवा बताया.
इमरान की जिंदगी
इमरान खान का जन्म लाहौर के पख्तून आदिवासी परिवार में 1952 में हुआ. उनके पिता सिविल इंजीनियर थे. बचपन में इमरान शांत और शर्मीले स्वभाव के थे. इमरान और उनकी चार बहनों की परवरिश बहुत ही
अच्छे तरीके से की गई. इमरान ने पहले लाहौर के प्रसिद्ध एचिंसन कॉलेज में पढ़ाई की और फिर इंग्लैंड के रॉयल ग्रामर कॉलेज में. यहीं से वो क्रिकेट में उभरते चले गए. 1972 में ऑक्सफोर्ड के केबल कॉलेज में
दर्शन शास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की. यहां से वो 1975 में ऑनर्स के साथ ग्रैजुएट हुए.
इमरान का क्रिकेट का नाता उनकी मां से जुड़ा है. उनकी मां बुर्की परिवार से थीं जिसने पाकिस्तान को बहुत से क्रिकेटर दिए. पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेलने वाले क्रिकेटर जावेद बुर्की, माजिद खान और मिसबाह-उल-हक इसी परिवार से हैं.
16 मई 1995 को इमरान ने पेरिस में जेमिमा गोल्ड स्मिथ से निकाह किया. इसके बाद ही उन्होंने राजनीति से जुड़ने का निर्णय किया. इमरान और जेमिमा के दो बच्चे भी हैं. जेमिमा ने शादी के बाद ही इस्लाम कबूल कर लिया लेकिन ये शादी नौ सालों तक ही चली और जून 2004 में, इस घोषणा के साथ कि जेमिमा का पाकिस्तान की जिंदगी के अनुरूप ढलना मुश्किल है, इसका अंत हो गया.