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दुनिया की सबसे तेज महिला गेंदबाज झूलन गोस्वामी को जन्मदिन मुबारक

महिला क्रिकेट को न तो मीडिया में कुछ खास तरजीह दी जाती है और न ही उन खिलाड़ियों के प्रति फैन्स में कुछ खास रुचि दिखती है. लेकिन हकीकत ये है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम में कई ऐसी खिलाड़ी हैं जिन्होंने मैदान में बड़े-बड़े कारनामे अंजाम दिए हैं. आज ऐसी ही एक क्रिकेटर का जन्मदिन है. नाम है झूलन गोस्वामी.

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झूलन गोस्वामी
झूलन गोस्वामी

महिला क्रिकेट को न तो मीडिया में कुछ खास तरजीह दी जाती है और न ही उन खिलाड़ियों के प्रति फैन्स में कुछ खास रुचि दिखती है. लेकिन हकीकत ये है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम में कई ऐसी खिलाड़ी हैं जिन्होंने मैदान में बड़े-बड़े कारनामे अंजाम दिए हैं. आज ऐसी ही एक क्रिकेटर का जन्मदिन है. नाम है झूलन गोस्वामी.

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भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम हमेशा से ही एक अदद तेज गेंदबाज के लिए जूझती रही है. भारत हमेशा ब्रेट ली, शोएब अख्तर, वसीम अकरम, वकार यूनुस और एलेन डोनाल्ड जैसे गेंदबाजों की तरफ लालायित निगाहों से देखता रहा, तरसता रहा कि काश हमारे पास भी ऐसे तेज गेंदबाज होते. लेकिन मजे की बात ये है कि जो कारनाम भारत के पुरुष तेज गेंदबाज न कर सके वो काम भारत की महिला बॉलर ने कर दिखाया.

बहुत कम ही लोगों को पता होगा कि महिला टीम की स्टार गेंदबाज झूलन गोस्वामी इस समय दुनिया की सबसे तेज गेंदबाज हैं. झूलन की सबसे तेज गेंद 120 किमी/घंटे की रही है. वैसे अगर ओवरऑल बात की जाए तो ऑस्ट्रेलिया की कैथरीन फिट्ज़पैट्रिक को सबसे तेज महिला बॉलर माना जाता है. उन्होंने सबसे तेज 125 किमी/घंटे की रफ़्तार से गेंदबाजी की है.

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....और झूलन बन गई तेज गेंदबाज
झूलन गोस्वामी का जन्म बंगाल के नदिया जिले में 25 नवम्बर 1982 को हुआ. झूलन बचपन में अपने घर के आसपास के लड़कों के साथ टेनिस बॉल से क्रिकेट खेला करती थीं. लेकिन इनकी रफ़्तार इतनी कम थी कि लड़के इनको चिढ़ाते और कहते थे कि बॉलिंग तुम्हारे बस की नहीं, तुम बैटिंग कर लो. ये बातें झूलन को बहुत चुभी और उन्होंने उसी दिन फैसला किया वो तेज गेंदबाज बनेंगी. झूलन बताती हैं कि 1997 महिला विश्व कप का फाइनल मैच टीवी पर देखने के बाद उनके मन में पहली बार भारत के लिए खेलने की इच्छा जागी थी.

अवार्ड्स और सम्मान
झूलन गोस्वामी को 2007 में आईसीसी विमेंस क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर अवार्ड से नवाजा गया. 2008 में झूलन को भारतीय टीम की कप्तानी का मौका मिला. इन्होंने 25 वनडे मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की. 2010 में झूलन को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया. 2012 में भारत सरकार ने इन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया है.

ऑलराउंडर झूलन ने टीम इंडिया के लिए 10 टेस्ट और 135 वनडे खेले हैं. 10 टेस्ट मैचों में इन्होंने 40 विकेट झटके और 283 रन बनाए. 135 वनडे में झूलन के नाम 161 विकेट और 736 रन हैं.

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