जब-जब कोई टीम मैदान में अद्भुत करिश्मा करती है, तो फैन्स न जाने खुशी और उन्माद में कैसी-कैसी हरकतें कर बैठते हैं. लेकिन क्रिकेट के मैदान में आपने कम ही देखा होगा कि कोई कप्तान इतना जोश में आ जाए कि वह अपनी जर्सी उतारकर हवा में लहराने लगे. लॉर्ड्स पर नेटवेस्ट फाइनल में जीत के बाद सौरव गांगुली का हवा में जर्सी लहराना आज भी क्रिकेट प्रेमियों की जेहन में ताजा है. दादा को यह मौका देने वाले उस मैच के हीरो मोहम्मद कैफ सोमवार को अपना 34वां जन्मदिन मना रहे हैं.
क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर कैफ ने 2002 में नाबाद 87 रनों की पारी खेलकर भारत को इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत दिलाई थी. मैच जीतने के लिए भारत के सामने 326 रनों का बहुत ही मुश्किल लक्ष्य था. इस पहाड़ जैसे स्कोर के सामने टीम इंडिया के 5 दिग्गज (गांगुली, सहवाग, द्रविड़, तेंदुलकर और मोंगिया) महज 146 रन पर पवेलियन लौट गए. फिर लगने लगा कि टीम के बाकी बल्लेबाज भी आसानी से घुटने टेक देंगे. लेकिन टीम इंडिया के दो होनहार, मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह के इरादे कुछ और ही थे. दोनों ने मिलकर अंग्रेज गेंदबाजों की बखिया उधेड़ते हुए टीम इंडिया को जीत दिला दी. युवी ने आउट होने से पहले 69 रनों की शानदार पारी खेली. इस जीत के हीरो मोहम्मद कैफ को करियर में पहली बार 'मैन ऑफ द मैच' के खिताब से नवाजा गया.
मोहम्मद कैफ उन भारतीय खिलाड़ियों में हैं, जिन्होंने शुरुआत तो बहुत अच्छी की, लेकिन अपने करियर को लंबा नहीं खींच सके. 2000 में जब इंडिया अंडर-19 टीम ने कैफ की कप्तानी में विश्वकप जीता, तो लगा कि भारत को भावी कप्तान मिल गया. लेकिन वह भारत के लिए मात्र 125 वनडे और 13 टेस्ट ही खेल पाए. इसकी वजह कई सारी रहीं. बड़े-बड़े दिग्गजों के बीच कैफ को ज्यादातर निचले क्रम में बैटिंग का मौका मिला, जिसने शायद उन्हें अपनी प्रतिभा से न्याय करने का मौका ही नहीं दिया.
अपनी बेहतरीन फील्डिंग के लिए चर्चा में रहने वाले मोहम्मद कैफ के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड है. विश्वकप के एक मैच में कैफ के नाम सबसे ज्यादा (4) कैच लेने विश्व रिकॉर्ड है, जो उन्होंने 2003 के वर्ल्डकप में श्रीलंका के खिलाफ लिया था.