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फीफा विश्वकप इतिहास के इकलौते गोल्डेन बॉल विनर गोलकीपर को हैप्पी बर्थडे

ही वो खिलाड़ी है जिसने 2002 फीफा विश्वकप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का अवॉर्ड यानि कि गोल्डेन बॉल जीती थी. और ऐसा करने वाला वो इतिहास का पहला और अभी तक का इकलौता गोलकीपर है.

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ओलिवर कान (फाइल फोटो)
ओलिवर कान (फाइल फोटो)

आठ बुंदसलीगा (जर्मन लीग) टाइटल, 6 डीएफबी पोकल (जर्मन नॉकआउट फुटबॉल कप), एक यूईएफए क्लब, एक यूईएफए चैंपियंस लीग वो भी फाइनल में मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड के साथ, एक इंटरकॉन्टिनेन्टल कप, एक यूईएफए यूरोपियन चैंपियनशिप. इतने रिकॉर्ड किसी एक फुटबॉलर के? वो भी गोलकीपर के? आपको शायद असंभव लग रहा हो लेकिन अगर हम कहें कि यही वो खिलाड़ी है जिसने 2002 फीफा विश्वकप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का अवॉर्ड यानी गोल्डेन बॉल जीती थी.

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और ऐसा करने वाला वो इतिहास का पहला और अभी तक का इकलौता गोलकीपर है. तब तो आप मानेंगे ना? सिर्फ मानेंगे ही नहीं अब तक शायद आप समझ भी गए होंगे कि हम बात कर रहे हैं वॉल्कैनो, 'द टाइटन' ओलिवर कान की.

15 जून 1969 को कार्ल्सरुहेर, तत्कालीन पश्चिमी जर्मनी में जन्मे जर्मन नेशनल फुटबॉल टीम और बुंदसलीगा की सबसे कामयाब टीम बायर्न म्यूनिख के पूर्व गोलकीपर ओलिवर कान के जन्मदिन के अवसर पर आइए हम आपको बताते हैं उनके बारे में कुछ फैक्ट्स

 1. 6 साल की उम्र में कार्ल्सरुहेर की जूनियर टीम से करियर की शुरुआत की, 1994 में कार्ल्सरुहेर की सीनियर टीम से 1994-95 में जर्मन लीग चैंपियन बायर्न म्यूनिख से 2.385 यूरो की रिकॉर्ड ट्रांसफर राशि लेकर जुड़े. और 2008 में रिटायर होने तक बायर्न से ही खेले.

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2. कान को 1994 में और फिर 1997 से लेकर 2002 लगातार बुंदसलीगा के बेस्ट गोलकीपर का अवार्ड मिला कान को 1999 से लेकर 2002 तक लगातार चार बार यूईएफए बेस्ट यूरोपियन गोलकीपर का भी अवार्ड मिला.

3. 1999, 2001, 2002 में तीन बार आईएफएफएचएस वर्ल्ड्स बेस्ट गोलकीपर के अवॉर्ड के साथ ही 2000 और 2001 में जर्मन फुटबॉलर ऑफ द इयर भी रहे.

4. 2001 में फुटबॉल के सबसे बड़े अवॉर्ड बैलन डि ऑर में तीसरे नंबर पर रहे. 2002 फीफा विश्वकप की ऑलस्टार टीम में जगह बनाई और उसी साल फीफा वर्ल्ड प्लेयर ऑफ द इयर सिल्वर अवॉर्ड जीता.

5. 1994 से 2006 तक जर्मन राष्ट्रीय टीम में खेलने वाले कान 99-2000 और 2000-01 में ईएसएम टीम ऑफ द इयर में भी चुने गए.

6. 2002 फीफा विश्वकप में कई मौकों पर टीम के कमजोर प्रदर्शन के बाद भी अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर फाइनल तक ले गए. हालांकि फाइनल में जर्मनी को ब्राजील से 2-0 से हार का सामना करना पड़ा. जिसमें पहला गोल कान की ही गलती से हुआ. और कान को इसका पछतावा आज भी है.

7. 2002 फीफा विश्वकप में कान ने पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ तीन गोल खाए (फाइनल के दो गोलों को मिलाकर) इस टूर्नामेंट में उन्हें बेस्ट गोलकीपर का लेव याशिन अवॉर्ड मिला (जिसे अब गोल्डन ग्लव्ज के नाम से जाना जाता है). कान विश्वकप में पांच क्लीन शीट अर्जित करने वाले पहले जर्मन गोलकीपर भी बने.

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8. 2006 फीफा विश्वकप का प्लेऑफ मुकाबला कान का जर्मनी के लिए आखिरी मैच था. कान ने जर्मनी के लिए कुल 86 मैच खेले जिनमें से 49 में टीम की कप्तानी की.

9. कान ने अपने करियर में एक गोलकीपर के रूप में बुंदसलीगा में 535 मैच खेले जो कि आज भी एक रिकॉर्ड है. अपने पूरे करियर में 197 क्लीनशीट के साथ बुंदसलीगा में सबसे ज्यादा क्लीनशीट वाले गोलकीपर हैं कान

9. 20 साल के करियर में 14 साल बायर्न म्यूनिख के लिए खेलने वाले कान का बायर्न के लिए आखिरी मैच था भारतीय क्लब मोहन बागान के खिलाफ साल्ट लेक स्टेडियम कोलकाता में जो कि युवाभारती क्रीड़ांगन के नाम से भी जाना जाता है.

10. बायर्न के एशियन टूर के एक हिस्से के रूप में खेले गए इस मैत्री मैच में 1,20000 दर्शकों के सामने कान आखिरी बार बार्यन की जर्सी में उतरे थे. जहां मैच 55वें मिनट में कान को माइकल रेनजिंग ने सब्सिट्यूट किया.

11. कान ने टीवी पर जर्मन नेशनल टीम के एनालिस्ट और होस्ट के रूप में भी काम किया. कान ने तीन शादियां अभी वो की जिनसे उन्हें तीन बच्चे दो बेटे और एक बेटी हैं.

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