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Harbhajan Singh retires: जालंधर की गलियों निकले हरभजन सिंह, क्रिकेट का हर मैदान किया फतह... खुद सुनाई अपनी कहानी

विश्व क्रिकेट के दिग्गज स्पिनरों में शामिल हरभजन सिंह ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से शुक्रवार को संन्यास का ऐलान कर दिया. हरभजन सिंह ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए लिखा कि सभी अच्छी चीजों अंत होता है और वो आज अपने क्रिकेट करियर से रिटायरमेंट का ऐलान कर रहे हैं.

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Harbhajan Singh retires (Getty)
Harbhajan Singh retires (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हरभजन सिंह ने क्रिकेट को कहा अलविदा कह दिया
  • क्रिकेट के अपने शानदार सफर पर अपनी बात रखी

Harbhajan Singh retires: विश्व क्रिकेट के दिग्गज स्पिनरों में शामिल हरभजन सिंह ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से शुक्रवार को संन्यास का ऐलान कर दिया. हरभजन ने 1998 में शारजाह में न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवसीय मैच से अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था. उन्होंने भारत के लिए मार्च 2016 में ढाका में संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय में अपना आखिरी मैच खेला था.

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इस ऑफ स्पिनर ने ट्वीट किया, ‘मैं उस खेल को अलविदा कह रहा हूं जिसने मुझे जीवन में सब कुछ दिया है, सभी अच्छी चीजें भी समाप्त हो जाती हैं. मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस 23 साल के लंबे सफर को बेहतरीन और यादगार बनाया.' हरभजन सिंह ने इसके अलावा अपने यूट्यूब चैनल पर  फैंस के लिए एक वीडियो संदेश भी पोस्ट किया है. 

41 साल के भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन इस वीडियो में अपने क्रिकेट करियर के दौरान आए पड़ावों को याद कर रहे हैं. भज्जी ने वीडियो की शुरुआत में ही कहा कि उनका जालंधर की तंग गलियों से टीम इंडिया के टर्बनेटर तक का सफर काफी खूबसूरत रहा. वो आगे कहते हैं कि लंबे समय से वह इस बात का ऐलान करना चाहते थे, लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ उनकी इंडियन प्रीमियर लीग की कमिटमेंट की वजह से इस ऐलान को टालते रहे. 

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टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन ने कहा कि जब आप टीम इंडिया की जर्सी पहन कर मैदान पर उतरते हैं... उससे बेहतर पल नहीं होता है. हरभजन ने अपनी एक इच्छा भी जाहिर की. उन्होंने कहा, ' मैं चाहता था कि मैं टीम इंडिया की जर्सी पहने संन्यास का ऐलान करता, लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.' 

अपने क्रिकेट करियर को मुकाम तक पहुंचाने के लिए हरभजन सिंह ने काफी मेहनत की है. उन्होंने इस मेहनl में उनके साथ शामिल अपने माता-पिता, बहनों, परिवार और अपने गुरु जी  को शुक्रिया अदा किया.

हरभजन ने कहा, 'मेरे माता-पिता ने मेरे करियर को सफल बनाने में काफी संघर्ष किया और मैं चाहुंगा कि अगली बार भी उनके जैसे ही माता-पिता मिले.' हरभजन सिंह ने अपनी बहनों और अपनी पत्नी को भी उनका साथ देने के लिए शुक्रिया अदा किया. 

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 टेस्ट सीरीज हरभजन सिंह को करियर के शिखर पर लेकर गई. हरभजन सिंह ने कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैट्रिक झटकी थी और उस सीरीज में उन्होंने 3 टेस्ट मुकाबलों में 32 विकेट झटके थे. भज्जी के मुताबिक वो उनके करियर का सबसे शानदार पल था. हरभजन साथ ही 2007 की टी-20 विश्व कप विजय और 2011 की विश्व कप विजय को भी याद करते हैं. 

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संन्यास के बाद टीम इंडिया के टर्बनेटर जल्द ही IPL में किसी टीम के साथ ही बतौर कोच या मेंटर नजर आ सकते हैं. साथ ही यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि हरभजन सिंह अपनी राजनीतिक पारी की भी शुरुआत कर सकते हैं. कुछ दिन पहले ही हरभजन सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू से भी मुलाकात की थी.

 

 

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