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'कॉफी विवाद' पर बोले हार्दिक पंड्या- 10 दिन तक घर से बाहर नहीं निकला था

भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पंड्या ने पिछले साल टीवी चैट शो कॉफी विद करण के दौरान महिलाओं पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके लिए उन्हें निलंबित भी किया गया था.

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हार्दिक पंड्या (India Today Inspiration )
हार्दिक पंड्या (India Today Inspiration )

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  • 'इंडिया टुडे इंस्पिरेशन' के एपिसोड में हार्दिक पंड्या
  • पिछले साल टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया था

भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पंड्या ने पिछले साल टीवी चैट शो 'कॉफी विद करण' के दौरान महिलाओं पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके लिए उन्हें निलंबित भी किया गया था. पंड्या ने उस विवाद को लेकर कहा कि वह दस दिन तक घर से नहीं निकले थे. शो के दौरान महिलाओं पर अपमानजनक टिप्पणी वजह से उन्हें पिछले साल न सिर्फ टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया था, बल्कि उनकी खूब किरकिरी हुई थी.

हार्दिक पंड्या ने बताया- 'कॉफी विद करण' में कैसे हुई थी गड़बड़

26 साल के धाकड़ ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने 'इंडिया टुडे इंस्पिरेशन' के एपिसोड में कहा कि इस घटना के बाद उनका घर से निकलना भी मुश्किल हो गया था. उन्होंने कहा, ‘मुझे अब भी याद है कि मैं अपने घर से बाहर नहीं निकल सका. मुझे यह महसूस करने के लिए एक हफ्ता या 10 दिन का समय लगा कि ऐसा नहीं होना चाहिए. आपको बाहर निकलना होगा और परिस्थितियों का सामना करना होगा, आप इस मनोदशा में नहीं रह सकते.’

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हार्दिक पंड्या ने कहा, ‘मुझे महसूस हुआ कि यह इस तरह की परीक्षा है, जिसमें आपको मुश्किल दौर से गुजरना होता है. इसके बाद मैंने अपना ध्यान खेल पर लगा लिया और भूल गया कि क्या हुआ था. मुझे नहीं पता था कि मुझे छह महीने के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा या फिर मैं अगले मैच में वापसी करूंगा. मुझे कुछ नहीं पता था, सब अटकलें ही थीं.’

हार्दिक पंड्या ने कहा,‘काफी लोग मुझे गलत समझते हैं. जो मुझे नहीं समझते, वे समझते हैं कि मैं घमंडी हूं और मुझसे आसानी से बात नहीं की जा सकती. कई लोग ऐसे हैं जो मुझे आकर बताते हैं कि हमने ऐसा सोचा था, लेकिन तुम तो बिल्कुल इसके उलट हो.’

पंड्या ने पीठ की सर्जरी को लेकर कहा, ‘सर्जरी के बाद वापसी बड़ी कठिन थी. मैं तो यही कहूंगा कि किसी और को इस अनुभव से न गुजरना पड़े. सर्जरी के बाद विराट ने मेसेज भेजकर मेरा हालचाल पूछा. मैंने उनसे यही बात दोहराई कि दुनिया में कोई भी पीठ की सर्जरी से न गुजरे. जाहिर है मेरे लिए भावनात्मक तौर पर इससे निपटना आसान नहीं था. पहले मैं जहां 100 किलो वजन उठाता था, सर्जरी के बाद अपना पैर तक नहीं उठा पा रहा था.’

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