टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ वर्ल्ड टी20 के सेमीफाइनल में दो में से एक नोबाल फेंकने के लिए उसे विलेन नहीं बनाया जाना चाहिए.
अश्विन ने एक नोबाल फेंकी थी जिस पर ‘मैन ऑफ द मैच’ लेंडल सिमंस को जीवनदान मिला था. सिमंस की पारी के दम पर ही वेस्टइंडीज ने 193 रन का लक्ष्य हासिल करके जीत दर्ज की थी.
आईपीएल में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के सदस्य अश्विन ने कहा, ‘उस दिन जब मैं घर गया तो मेरे कुत्ते को लू लग गई थी. इससे मुझे पता चला कि क्या अधिक महत्वपूर्ण है और क्या बहुत अहम है. मैंने अगले तीन दिन पेपर नहीं पलटा. मैंने नहीं पढ़ा कि लोग क्या कह रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘कई बेहतरीन पत्रकारों और जानकार लोगों ने कहा कि मैंने बरसों से नोबाल नहीं फेंकी थी और वह नोबाल फेंककर मैं विलेन नहीं बन गया. यदि ऐसी धारणा है तो मुझे नहीं पता कि उसका जवाब कैसे देना है.’
यह पूछने पर कि ओस के कारण गीली गेंद से गेंदबाजी करना उन्हें कैसा लगा, उन्होंने कहा, ‘जिस समय ओस थी, मैंने गेंदबाजी नहीं की. मुझे नहीं पता कि उस समय कैसा लगा होगा.’ उन्होंने यह सवाल पूछने वाले पत्रकार से कहा, ‘मैं आपको दोष नहीं दे रहा. लेकिन आपको जिम्मेदारी से लिखना चाहिए क्योंकि उसे पढ़कर लाखों लोग अपनी राय बनाते हैं.’
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली पुणे टीम के बारे में पूछने पर अश्विन ने कहा कि वह नई चुनौती का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘यह नई शुरुआत है. मेरे लिए यह नई टीम है और नई चुनौती है जिसका मुझे इंतजार था. नए माहौल में ढलना काफी अहम है. मैं काफी रोमांचित हूं.’ उन्होंने स्वीकार किया कि भारतीय टीम के खिलाड़ियों के लिए एशिया कप, वर्ल्ड टी20 के बाद आईपीएल में खेलना कठिन है.
उन्होंने कहा, ‘यह काफी कठिन और मानसिक तथा शारीरिक रूप से थकाउ होगा. आईपीएल काफी तेज रफ्तार टूर्नामेंट है.’ उन्होंने कहा, ‘यदि आप इस दौरान अपनी गलतियों को पहचानकर सुधार के प्रयास करेंगे तो बतौर क्रिकेटर आपको काफी मदद मिलेगी. यह पूरे साल आपके काम आएगा.’