अंडर-19 टीम के कोच बने पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है कि उनकी दिलचस्पी टीम इंडिया के कोच बनने में थी. ऐसी खबरें आई थीं कि डंकन फ्लेचर का कार्यकाल खत्म होने के बाद द्रविड़ ने कोच बनने की इच्छा जाहिर की थी.
द्रविड़ ने कहा, 'नहीं, बिल्कुल नहीं. मैं सिर्फ भारत-ए और अंडर-19 टीम का कोच रहूंगा. मैं टीम इंडिया का कोच बनने के बारे में नहीं सोच रहा.' द्रविड़ ने कहा कि बांग्लादेश दौरे पर गए टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री और अन्य सहयोगी स्टाफ अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'रवि और उसकी टीम भारत के लिए बेहतरीन काम कर रही है. मेरी टीम इंडिया का कोच बनने की कोई ख्वाहिश नहीं है.' उन्होंने कहा, 'भारत-ए या अंडर-19 टीम का हिस्सा होना किसी भी खिलाड़ी के लिए बड़ी बात है. मैं खुश हूं कि मुझे यह काम सौंपा गया. अभी 2-3 सीरीज खेलनी है और मैं खिलाड़ियों से अपने अनुभव बांटूंगा.'
द्रविड़ ने कहा कि आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल्स के मेंटर रहने के अनुभव का उन्हें फायदा मिलेगा. द्रविड़ ने कहा, 'इतने साल खेलने के बाद दो साल से मेंटर की भूमिका निभाते हुए मैं प्रबंधन और कोचिंग के नजरिए से चीजों को देखने में सक्षम हुआ हूं. अनुभव के साथ निखार आता है और मुझे इसका इंतजार है. उन्होंने कहा कि भारत-ए टीम के लिए खिलाड़ी चुनने का कोई तय मानदंड नहीं हो सकता और चयनकर्ताओं के जेहन में अलग-अलग समय पर अलग लक्ष्य होते हैं.
उन्होंने कहा, 'यह चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन को तय करना है. कई बार वे युवा खिलाडि़यों को चुनेंगे, कई बार टीम में वापसी की कोशिश में जुटे खिलाड़ियों को चुनेंगे और कई बार भारत के भावी दौरों को ध्यान में रखकर चयन होगा. हर बार मानदंड अलग होगा.'
द्रविड़ ने कहा, 'चयनकर्ताओं ने काफी घरेलू क्रिकेट देखी है. मेरा काम चुने हुए खिलाड़ियों को कोचिंग देना है. मैं चयनकर्ता नहीं हूं. मैं उनके खेल में निखार की कोशिश करूंगा.'
इनपुटः भाषा