इंडिया ए के कोच राहुल द्रविड़ हालिया स्पॉट फिक्सिंग मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन फैसले से प्रभावित हुए खिलाड़ियों के प्रति उनकी सहानुभूति है.
कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए
भारत के पूर्व कप्तान ने कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल से दो साल के लिये बाहर करने के जस्टिस लोढा समिति के फैसले से युवा खिलाडि़यों पर असर पड़ेगा लेकिन उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिये.
यह निराशाजनक है
द्रविड़ ने कहा, 'यह निराशाजनक है कि कई बार एक या दो व्यक्तियों की हरकतों का असर इतने सारे लोगों पर पड़ता है. इन हालात में पिरामिड में सबसे नीचे मौजूद लोगों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है. शीर्ष खिलाडि़यों और कोचों को हमेशा काम मिल जाता है. हमारी टीम के शीर्ष खिलाडि़यों को दूसरी टीमों में जगह मिल जायेगी.'
युवा खिलाड़ियों पर पड़ेगा असर
द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ सीरीज से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि युवा खिलाडि़यों पर इसका असर पड़ेगा. उनके लिये निराशा है लेकिन फैसले का सम्मान करना होगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय के पास अधिक जानकारी थी और उन्होंने इस पर बहुत सोचा होगा.
लोग तय करें कि यह धब्बा है या नहीं
यह पूछने पर कि क्या यह उनके कैरियर पर एक धब्बा है, द्रविड़ ने कहा कि यह लोगों को तय करना है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह लोगों को तय करना है कि क्या यह धब्बा था. मैं अपना बचाव नहीं करना चाहता. मेरी भूमिका मेंटर और कोच की थी. लोगों को तय करना है कि मालिकों और अंशधारियों की हरकतों को क्या कोचों और मेंटर से जोड़ा जाना चाहिये. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हमें उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करना होगा.'
यह तय करना मेरा काम नहीं
यह पूछने पर कि क्या यह कड़ा फैसला था, द्रविड़ ने कहा, 'यह तय करना मेरा काम नहीं है कि फैसला कड़ा था या नहीं. यह टीम, खिलाडि़यों और लीग के लिये कठिन फैसला है लेकिन हमें इसका सम्मान करना होगा. ऐसे भी लोग हैं जिनका कोई कसूर नहीं हैं और जो बहुत अच्छे हैं लेकिन इस फैसले से वे प्रभावित होंगे. मैं नहीं जानता कि टीम का भविष्य क्या होगा क्योंकि मैं न तो संचालन परिषद का हिस्सा हूं और न ही बीसीसीआई से जुड़ा हूं.'
फिक्सिंग के बार में नहीं पता था
आपको बता दें कि दो साल पहले राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाये गए थे. उस समय टीम के मेंटर रहे द्रविड़ ने कहा कि कोच के लिये यह पता करना बहुत मुश्किल होता है कि कौन भ्रष्टाचार में लिप्त है. द्रविड़ ने कहा, 'मैं नहीं जानता था कि ये तीन खिलाड़ी कुछ संदिग्ध कर रहे हैं. यदि मुझे पता होता तो मैं उससे निपटता. मुझे कोई अंदेशा नहीं था और मैने मुद्गल समिति से इस बारे में साफ बात की है.
पता करना मुश्किल कि कौन गलत है
उन्होंने कहा, 'एक टीम में होते हुए भी यह पता करना मुश्किल होता है कि कोई स्पॉट फिक्सिंग में शामिल है या नहीं. यदि मैं हर वाइड बाल या चौके पर शक करने लगूं तो खेल से प्यार और उसमें रूचि खत्म हो जायेगी. मैं इसलिये हर मैच या टीम में चौके छक्के लगने पर खिलाडि़यों पर शक नहीं करता. द्रविड़ ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोहराव से बचने के लिये सतर्क रहना जरूरी है. उन्होंने कहा, 'ऐसे मसले आने पर क्रिकेट की छवि पर धब्बा लगता है. भारतीय क्रिकेट से जुड़े सभी लोगों के लिये यह दुखद है. हमें हमेशा सतर्क रहना होगा. इस फैसले के बावजूद ऐसे लोग हैं जो क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे, हमें सतर्क रहना होगा'
इनपुट: भाषा