पद्मश्री सम्मान के लिये चुने जाने से हैरान भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने कहा कि वह इसकी अपेक्षा नहीं कर रही थी क्योंकि कुछ स्टार पुरुष क्रिकेटर भी दौड़ में थे. मिताली ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो जब मेरा सामना विराट कोहली से था तो मैने हार मान ली क्योंकि पुरुष क्रिकेट से कोई तुलना नहीं है. मैं इसकी अपेक्षा नहीं कर रही थी लेकिन यह सुखद आश्चर्य की तरह रहा.’ पिछले 16 साल में 153 वनडे, 10 टेस्ट और 47 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी मिताली का मानना है कि इससे महिला क्रिकेट को भी मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय पुरस्कार किसी के प्रयासों को सराहने का उत्तम तरीका है. जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया तो महिला क्रिकेट को लेकर कोई जागरूकता नहीं थी. लोगों को पता भी नहीं था कि महिला क्रिकेट भी है. उसके बाद से अब तक हमने लंबा सफर तय किया है.’ मिताली ने कहा, ‘इन पुरस्कारों से युवा लड़कियों को खेल में आने और बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी.’ खिलाड़ियों द्वारा पुरस्कारों की मांग किये जाने पर उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों को लगता है कि वे इस सम्मान या पुरस्कार के हकदार हैं लेकिन मैं उस श्रेणी में नहीं हूं. मुझे पुरस्कार मिला और मैं खुश हूं.’
वर्ल्ड कप में भारतीय पुरुष टीम की संभावना के बारे में मिताली ने कहा, ‘टीम इंडिया के लिये गेंदबाजी चिंता का विषय है. उम्मीद है कि वे दमदार बल्लेबाजी से इसकी भरपाई कर लेंगे. हमारे पास अच्छा बल्लेबाजी क्रम है और उम्मीद है कि बल्लेबाज उम्दा प्रदर्शन करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘हम यह नहीं कह सकते कि कौन खिताब का प्रबल दावेदार है क्योंकि वर्ल्ड कप में हमने काफी उतार चढ़ाव देखे हैं. मैं चाहूंगी कि भारत अच्छा प्रदर्शन करे.’ भारतीय महिला टीम ने आठ साल बाद अगस्त 2014 में इंग्लैंड को एक टेस्ट में हराया और मिताली को उम्मीद है कि आगे भी टीम को टेस्ट खेलने के मौके मिलेंगे.
उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि आने वाले समय में हमें टेस्ट खेलने के मौके मिलेंगे लिहाजा महिला क्रिकेट से अधिक खबरें आयेंगी. नियमित अंतरराष्ट्रीय सीरीज और मैचों से महिला टीम का प्रदर्शन बेहतर होगा.’
इनपुटः भाषा