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2007 वर्ल्ड कप के बाद संन्यास लेना चाहता थाः सचिन तेंदुलकर

2007 वर्ल्ड कप को शायद ही कोई भारतीय क्रिकेट फैन याद रखना चाहता हो, वेस्टइंडीज में खेले गए इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया पहले राउंड में ही बाहर हो गई थी. इस शर्मनाक प्रदर्शन से टीम टूट सी गई थी.

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सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर

2007 वर्ल्ड कप को शायद ही कोई भारतीय क्रिकेट फैन याद रखना चाहता हो, वेस्टइंडीज में खेले गए इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया पहले राउंड में ही बाहर हो गई थी. इस शर्मनाक प्रदर्शन से टीम टूट सी गई थी. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर तो इतना निराश हो गए थे कि वो क्रिकेट से संन्यास लेना चाहते थे. आज तक 'सचिन... सचिन' में बात करते हुए तेंदुलकर ने इस बात का खुलासा किया.

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2007 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को ग्रुप मैचों में बांग्लादेश और श्रीलंका से हार का सामना करना पड़ा था. टीम इंडिया को उस वर्ल्ड कप के ग्रुप मैच में केवल बरमुडा पर ही जीत हासिल हो सकी थी और उसे टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा. सचिन भी उस टीम के सदस्य थे और खराब बल्लेबाजी के लिए तब उनकी खूब आलोचना हुई. बांग्लादेश के साथ हुए मैच में सचिन ने 7 रन बनाए जबकि श्रीलंका के खिलाफ वह अपना खाता भी नहीं खोल सके.

सचिन ने कहा कि वह क्रिकेट से तभी संन्यास ले लेते लेकिन उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने उन्हें ऐसा करने से रोका. सचिन ने बताया कि उनके बड़े भाई ने उन्हें 2011 वर्ल्ड कप तक खेलने की सलाह दी थी.

सचिन ने कहा, 'मुझे अभी भी 2007 का वर्ल्ड कप याद है जब हम हारकर घर लौटे. मैं अपने प्रदर्शन से इतना निराश था कि संन्यास लेने के बारे में विचार करने लगा. मैंने अपने भाई अजीत को फोन किया और कहा कि मैं क्रिकेट छोड़ना चाहता हूं. अजीत ने मुझसे कहा, तुम 2011 की कल्पना करो जब तुम वानखेड़े स्टेडियम में यहां खेल रहे होगे.' सचिन ने 2011 में वर्ल्ड कप फाइनल जीतने के बाद के अहसास को साझा करते हुए कहा, 'मैं काफी भावुक हो गया था और मेरी आंख में आंसू आ गए. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह लम्हा बहुमूल्य था. वह कुछ ऐसा समय था जिसका सपना मैं देखा करता था.'

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2011 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच था खास
सचिन ने बताया, 'हमने क्वार्टर फाइनल के लिए अलग रणनीति बनाई थी. ऑस्ट्रेलिया खतरनाक टीम थी और उसे हराना आसान नहीं था. उस मैच में हम वाकई शानदार खेले और जीत दर्ज की. इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ मैच भी काफी बड़ा था. कुछ मौकों पर हम दबाव में आए लेकिन आखिरकार हमने जीत दर्ज की. फाइनल मैच के दौरान मैं ड्रेसिंग रूम में बैठा था और मैच जीतते ही मैंने भगवान का शुक्रिया अदा किया. मैं अपनी किट में भगवान रखता हूं.'

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