रोहित शर्मा का मानना है कि इस सीरीज के तीनों मैचों में पिचों का व्यवहार बिल्कुल अलग था. इसके अलावा रोहित ने अपने पुल शॉट का भी बचाव किया. रोहित ने यह भी कहा कि मुझे बाहर की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. रोहित ने ये सब बातें चौथे दिन के खेल के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहीं.
अलग-अलग थीं सारी पिचें
रोहित ने स्वीकार किया कि इस टेस्ट सीरीज में सभी विकेट अलग अलग प्रकृति के थे. उन्होंने कहा, 'जब हमने गाले में शुरूआत की तो यह सीरीज पूरी तरह से भिन्न थी. वहां का विकेट पूरी तरह भिन्न था. इसके बाद पी सारा ओवल में विकेट भिन्न था और यहां एसएससी में भी विकेट अलग तरह का है. जब आप अलग अलग पोजीशन पर खेलते हो तो आपकी मानसिकता भी बदलती है.'
दबाव मुझपर नहीं टीम प्रबंधन पर है
चेतेश्वर पुजारा ने तीसरे मैच में अपने करियर को बदलने वाला शतक जमाया और अब रोहित पर दबाव आ गया है. इस बारे में उन्होंने कहा, 'दबाव मुझ पर नहीं प्रबंधन और कप्तान पर होगा जिन्हें अंतिम एकादश का चयन करना है. मुझे जब भी मौका मिलेगा तब अपना खेल खेलना है.'
पुल शॉट खेलना नहीं छोड़ रहा
रोहित दूसरी पारी में पुल शॉट खेलकर आउट हुए लेकिन उन्होंने कहा कि वह शार्ट पिच गेंदों पर यह शाट खेलना जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, 'यदि आपने पहली सुबह देखा होगा तो मैंने नुवान प्रदीप पर इसी तरह का शॉट खेला था और मुझे चार रन मिले थे. यह मेरा शॉट है और मैं इसे हमेशा खेलता हूं. मैं अपने शॉट खेलने से नहीं हिचकिचाता.'
बाहर की बातों से फर्क नहीं पड़ता
रोहित की हमेशा आलोचना होती रही है कि वह अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाते. इस बारे में उन्होंने कहा, 'बाहर क्या हो रहा है वह मेरे लिये मायने नहीं रखता क्योंकि इससे मेरी क्रिकेट को मदद नहीं मिल रही है. केवल कड़ी मेहनत और लगातार बेहतर बल्लेबाज बनने से ही मुझे मदद मिलेगी और मैं इस पर कायम रहूंगा.' उन्होंने आगे कहा, 'खिलाड़ी के करियर में उतार चढ़ाव आता रहता है. मैं अपवाद नहीं हूं लेकिन जब तक मैं अपनी क्रिकेट का लुत्फ उठाता रहूंगा. इस टेस्ट मैच में मैं योगदान देना चाहता था और आप हर समय शतक नहीं बना सकते.' मैच के बारे में रोहित ने कहा कि भारत सीरीज जीतने में सफल रहेगा. उन्होंने कहा, 'अभी हमारी बहुत अच्छी स्थिति है. हमने उन्हें इस तरह के विकेट पर 386 रन का लक्ष्य दिया है जिसमें पूरे दिन भर गेंदबाजों को मदद मिल रही है.
इनपुट: भाषा