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Ind vs Pak: पाक के खिलाफ भारत की जीत का 'सिक्सर', कोहली बने मैन ऑफ द मैच

टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप के इतिहास में सौ फीसदी जीत का रिकॉर्ड कायम रखा है. एडिलेड ओवल के मैदान पर वर्ल्ड कप 2015 के अपने पहले मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया है.

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india vs Pakistan
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टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप के इतिहास में सौ फीसदी जीत का रिकॉर्ड कायम रखा है. एडिलेड ओवल के मैदान पर वर्ल्ड कप 2015 के अपने पहले मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 76 रनों से हरा दिया है. यह जीत पाक के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी जीत है. इसी जीत के साथ वर्ल्ड कप में पाक के खिलाफ भारत का स्कोर 6-0 हो गया है. स्कोर कॉर्ड देखने के लिए क्लिक करें

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इससे पहले 301 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम में अहमद शहजाद और मिस्बाह उल हक को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के सामने खड़ा होने की ताकत नहीं दिखा सका. पाक कप्तान मिस्बाह उल हक ने टीम की हार टालने की भरसक कोशिश की, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें कोई मदद नहीं मिली. मिस्बाह ने अथक प्रयास किए लेकिन शमी ने 76 के निजी स्कोर पर उनका बोरिया बिस्तर समेट दिया. मिस्बाह ने अपनी पारी में 9 चौके और 1 छक्का लगाया. देखें, भारत का अगला मैच कब

भारत की ओर से मोहम्मद शमी ने शानदार चार विकेट झटके, वहीं उमेश यादव और मोहित शर्मा ने दो-दो सफलता हासिल की, जबकि अश्विन और जडेजा को एक-एक सफलता मिली.

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इससे पहले 11 के स्कोर पर यूनिस खान (6) का विकेट गंवाने के बाद अहमद शहजाद (47) और सोहैल खान (36) ने पाकिस्तान की पारी को संभाला. एक समय खतरनाक दिख रहे दोनों बल्लेबाजों की इस जोड़ी को अश्विन ने तोड़ा. अश्विन की गेंद पर सोहैल को रैना ने कैच किया.

इसके बाद धोनी ने उमेश यादव को गेंदबाजी के मोर्चे पर लगाया. अपने कप्तान के फैसले को सही साबित करते हुए उमेश यादव ने शोएब मकसूद को रैना के हाथों कैच करा दिया, तो उमर अकमल जडेजा की गेंद पर धोनी के हाथों लपके गए. हालांकि उमर अकमल के लिए गेंदबाज की अपील को अंपायर ने खारिज कर दिया, जिसके बाद कप्तान धोनी ने तीसरे अंपायर के लिए डिसीजन रिव्यू मांगा और भारत को पांचवीं सफलता मिल गई.

पांच विकेट गिरने के बाद शाहिद अफरीदी और मिस्बाह उल हक ने पारी को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई. दोनों बल्लेबाजों के बीच पनप रही महत्वपूर्ण साझेदारी को मोहम्मद शमी ने तोड़ा. शमी की गेंद को उठाकर मारने के चक्कर में अफरीदी गेंद को हवा में खेल बैठे और कोहली ने कैच में लपकने में कोई गलती नहीं की.

अफरीदी की जगह लेने क्रीज पर आए वहाब रियाज भी मोहम्मद शमी का शिकार बने. उन्हें शमी की गेंद पर धोनी ने विकेट के पीछे लपका. 154 रन पर सात विकेट गंवाकर संकट में फंसी अपनी टीम की नैया पार लगाने के लिए कप्तान मिस्बाह उल हक ने अकेले लड़ने की ठानी और संघर्षपूर्ण अर्धशतक जड़ा. यासिर शाह के साथ मिस्बाह ने आठवें विकेट के लिए महत्वपूर्ण रन जोड़े और टीम का स्कोर 200 के पार पहुंचाया.

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203 के स्कोर पर पाकिस्तान को आठवां झटका मोहित शर्मा ने दिया. मोहित की गेंद को उठाकर खेलने के चक्कर में यासिर 30 गज के दायरे में उमेश यादव के हाथों लपके गए.

300 तक आकर ठिठक गई टीम इंडिया
आखिरी ओवरों में लगातार विकेट गंवाने के चलते एक बार बड़े स्कोर की ओर बढ़ रही टीम इंडिया 300 रन तक आकर ठिठक गई. पाकिस्तान के सामने यह मैच जीतने के लिए 301 रन का लक्ष्य रखा. स्कोर कॉर्ड देखने के लिए क्लिक करें

इससे पहले भारत की ओर से शिखर धवन, विराट कोहली और सुरेश रैना ने शानदार बल्लेबाजी की. कोहली ने 126 गेंदों में 107 रन की जोरदार पारी खेली और 45वें ओवर तक एक छोर थामे रखा. कोहली ने अपनी पारी में 8 चौके जड़े. जानिए भारत का अगला मुकाबला कब है..

भारत और पाकिस्तान के बीच ये वर्ल्डकप का छठा मुकाबला था. छह मैचों में पांचवी बार टॉस भारत के नाम हुआ और पांचवी बार ही भारत ने बल्लेबाजी भी चुनी. बल्लेबाजों की मददगार पिच पर दो स्पिनर्स के साथ उतरने की रणनीति टीम इंडिया पहले ही बना चुकी थी, लिहाजा जडेजा और अश्विन दोनों ही टीम का हिस्सा बने. पाकिस्तान ने भी एक स्पेशलिस्ट लेग स्पिनर यासिर शाह पर दांव लगाया और इसके लिए टीम के स्पेशलिस्ट विकटकीपर सरफराज अहमद को बाहर कर उमर अकमल को विकेट के पीछे की जिम्मेदारी दी गई.

रोहित शर्मा और शिखर धवन ने सधी शुरूआत, तो की लेकिन इससे पहले कि दोनों बल्लेबाज हाथ खोलते रोहित शर्मा की जल्दबाजी ने पाकिस्तान को मौका दे दिया. पिछले कुछ मैचों में रोहित ने शानदार पारियां खेली हैं लेकिन जिन पारियों में वो रन नहीं बनाते उनमें उनका आउट होने का तरीका हमेशा सवालों के घेरे में ही रहता है. 15 रन उनके बल्ले से निकले और सोहेल खान की गेंद पर पुल करने की कोशिश में मिस्बाह ने उन्हें लपक लिया.

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विराट कोहली ने क्रीज पर आते ही रन गति बढ़ाने की कोशिश की. शिखर धवन भी टिककर खेलने आए थे. बड़े मैच का प्रेशर लिए बिना दोनों ने पाकिस्तानी बल्लेबाज़ी को बिना किसी परेशानी के खेला. दोनों ने मिलकर टीम को पहले 100 और फिर 150 के पार पहुंचा दिया. इस दौरान दोनों अपनी अपनी हाफ सेंचुरी भी पूरी कर चुके थे. 30वें ओवर तक टीम का स्कोर 163 तक पहुंच चुका था और इसी स्कोर पर एक रन लेने की कोशिश में दोनों का तालमेल बिगड़ गया और नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े धवन, मिस्बाह की थ्रो से पहले क्रीज में नहीं पहुंच पाए. लेकिन इतने बड़े मैच में 76 गेंदों पर खेली 73 रनों की शिखर की ये पारी इतिहास में दर्ज जरूर हो गई.

विराट के आगे पाकिस्तानी गेंदबाज पानी भर रहे थे और उनके फील्डर्स एक के बाद एक कैच छोड़कर विराट को आगे बढ़ने का हौसला देते जा रहे थे. 3, 16 और 76 पर मिले तीन जीवनदानों का फायदा उठाते हुए विराट ने शतक की उम्मीदें जगा दीं. दूसरे छोर से उन्हें साथ मिला सुरेश रैना का जिन्होंने आते ही ताबड़तोड़ रन बरसाने शुरू कर दिए. दोनों ने मिलकर करीब 7 की औसत से रन बनाने शुरू किए. 15.3 ओवर तक चली पार्टनरशिप में दोनों ने कुल 110 रन जोड़ डाले.

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इस दौरान विराट ने वो करिश्मा भी किया जो आज तक किसी भारतीय बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्डकप में नहीं किया था. सचिन तेंदुलकर के 2003 वर्ल्डकप में बनाए 98 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़कर विराट ने जबरदस्त शतक जमा दिया. 126 गेंदों में विराट ने 107 रन की पारी खेली जिसमें उन्होंने 8 चौके जड़े. सोहेल ख़ान की गेंद पर उमर अकमल को कैच थमाने से पहले विराट भी भारतीय क्रिकेट इतिहास की एक बेशकीमती पारी खेल चुके थे.

अब 300 की उम्मीद जाग चुकी थी. बड़े मैच में रैना अपने रंग में थे और पाकिस्तानी गेंदबाज सकते में. सिर्फ 56 गेंदों पर 5 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 74 रन बनाकर सोहेल खान के तीसरे शिकार बन गए. इसके बाद धोनी आए और बड़ी उम्मीदें लाए, लेकिन डेथ ओवर्स में पाकिस्तान के गेंदबाजों ने वापसी के लिए कमर कस ली थी.

अब भारत के लिए बड़े शॉट्स लगाने मुश्किल होने लगे. वहाब रियाज और सोहेल ख़ान की गेंदों ने टीम इंडिया का इम्तिहान लेना शुरू कर दिया. जडेजा (3), धोनी (18) और रहाणे बिना खाता खोले लौटे. आलम ये रहा कि अंतिम पांच ओवरों में भारत ने केवल 27 रन बनाए और इस दौरान पांच विकेट गंवाए. भारत के खिलाफ अपने पहले ही वर्ल्डकप मैच में 5 विकेट लेने का कारनामा करने वाले सोहेल खान भी इस मैच के लिए हमेशा याद किए जाएंगे.

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खैर आखिरी ओवर में मोहम्मद शमी और आर अश्विन ने मिलकर टीम इंडिया को किसी तरह 300 तक पहुंचा दिया. पाकिस्तान के सामने किसी टीम का वर्ल्डकप में ये तीसरा सबसे बड़ा स्कोर है.

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