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World Cup 2023 Prize Money: 1983, 2011 में इतनी थी टीम इंडिया के चैम्प‍ियंस की प्राइज मनी! 2023 में मिलेंगे करोड़ों रुपए... छप्परफाड़ है इनामी राश‍ि

World Cup 2023 Prize Money: 1983 के वर्ल्ड चैम्प‍ियंस को लता मंगेशकर की वजह से मिली थी 1-1 लाख की इनामी राश‍ि मिली थी. 2011 में भी टीम इंडिया के ख‍िलाड़‍ियों पर जमकर धनवर्षा हुई थी. इस बार के वर्ल्ड कप व‍िनर्स को व‍िजेता को करोड़ों रुपए की प्राइज मनी मिलेगी. वहीं 2023 में प्राइज मनी बढ़कर अब करोड़ों में हो गई है.

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भारत और ऑस्ट्रेल‍िया के बीच 19 नवंबर को होगा फाइनल का मुकाबला (Getty)
भारत और ऑस्ट्रेल‍िया के बीच 19 नवंबर को होगा फाइनल का मुकाबला (Getty)

World Cup 1983, 2011, 2023 Prize Money Comparison: 1983 में जब कपिल देव की अगुवाई में भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप का खिताब जीता था तब टीम के खिलाड़ियों को एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार देने के लिए क्रिकेट की प्रशंसक लता मंगेशकर को ‘कॉन्सर्ट’ करना पड़ा था.

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2011 में धोनी के नेतृत्व में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम पर भी जमकर पैसों की बार‍िश हुई थी. वहीं इस बार यानी 2023 में वर्ल्ड चैम्प‍ियन बनने पर टीम को आईसीसी की ओर से ही 33 करोड़ रुपए से ज्यादा की इनामी राश‍ि मिलेगी. उपव‍िजेता टीम भी मालामाल हो जाएगी, उसे विजेता की आधी इनामी राश‍ि मिलेगी. 

यहां ध्यान रहे कि 1983 में टीम इंडिया कपिल देव की अगुवाई में भारतीय जांबाजों ने 1983 विश्व कप जीता था, तो उन्हें दैन‍िक भत्ते के रूप में प्रति मैच 50 पाउंड मिलते थे.

1983 की टीम में विकेटकीपर रहे सैयद किरमानी ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'हमें दैन‍िक भत्ते के रूप में हर दिन 50 पाउंड मिलते थे. इस रकम का उपयोग हम अपने दोपहर के भोजन, रात के खाने, कपड़े धोने  के लिए करते थे. पूरे टूर के लिए हमें बोनस के तौर पर 15,000 रुपये मिले थे. यह रकम ट्रॉफी जीतने के बाद भारत लौटने पर दिया गया था.' 

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28 साल बाद जब एमएस धोनी की अगुवाई में टीम  इंडिया ने 2011 का वनडे वर्ल्ड कप जीता था. तब बीसीसीआई ने खिलाड़ियों पर इनामों की बौछार कर दी थी. वर्ल्ड कप स्क्वॉड में शामिल सभी भारतीय खिलाड़ियों को इनाम के तौर पर दो-दो करोड़ रुपये दिए थे. इसके अलावा तब व‍िभ‍िन्न राज्य सरकार ने भी ख‍िलाड़‍ियों पर इनामों की बौछार कर दी थी. वहीं कई कंपन‍ियों ने भी ख‍िलाड़‍ियों को व‍िभ‍िन्न पुरस्कार द‍िए थे. 

2011 में वर्ल्ड कप की कुल प्राइज मनी 8 मिलियन अमेरिकी डॉलर (66 करोड़) निर्धारित की थी. वहीं टीम इंडिया को तब आईसीसी ने करीब 25 करोड़ रुपए की इनामी राश‍ि दी थी. वहीं उपव‍िजेता श्रीलंका को करीब साढ़े 12 करोड़ रुपए मिले थे. वहीं बाकी पैसा लीग मैचों और नॉकआउट मैचों में जीतने वाली टीमों को दिया गया था. 

ICC World Cup 2023
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेड‍ियम में है वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल (Getty) 

इतनी है 2023 वर्ल्ड कप की प्राइज मनी 

आईसीसी की ओर से वर्ल्ड कप चैम्पियन टीम को 33.17 करोड़ रुपये (4,000,000 USD) की इनामी राशि मिलेगी. वहीं उपव‍िजेता को इसकी आधी राश‍ि मिलेगी. वहीं सेमीफाइनल में हारने वाली दोनों टीमों को एक समान 6.63 करोड़ (800,000 USD) रुपये की राशि मिलेगी.इसके अलावा ग्रुप स्टेज में मुकाबला जीतने पर 33.17 लाख (40,000 USD) रुपये मिले. वर्ल्ड कप 2023 में आईसीसी द्वारा लगभग 82.95 करोड़ रुपये (10,000,000 USD) की प्राइज मनी बांटी जाएगी.

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1983 BCCI के पास नहीं थे उतने पैसे, लता मंगेशकर बनी मददगार  

भारतीय टीम 1983 में जब वर्ल्ड चैम्पियन बनी थी तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के पास खिलाड़ियों को देने के लिये पैसा नहीं था. अब दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई की हालत उस समय काफी खस्ता थी. बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष एनकेपी साल्वे खिलाड़ियों को पुरस्कार देना चाहते थे, लेकिन पैसे की कमी के चलते वह मजबूर थे.‌

साल्वे ने इस स्थिति से निकलने के लिए स्वर कोकिला लता मंगेशकर से मदद मांगी. भारतीय टीम की जीत के जश्न के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में लंता मंगेशकर कन्सर्ट आयोजित किया गया. इससे 20 लाख रुपए की कमाई हुई. बाद में भारतीय टीम के सभी सदस्यों को इनाम के तौर पर एक-एक लाख रुपये दिए गए.

तब लता मंगेशकर ने गाए थे कई गाने, 'भारत व‍िश्व व‍िजेता' की हुई खूब चर्चा 

उस कन्सर्ट में लता मंगेशकर ने कई गाने गाए, लेकिन 'भारत विश्व विजेता' गाने को खूब पसंद किया गया. इस गाने का संगीत लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने दिया था, तो वहीं इसके बोल बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार 'इंदीवर' ने लिखे‌ थे. खास बात यह है कि जब लता मंगेशकर मंच पर यह गाना गा रही थीं, तब भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी पीछे से लता जी के सुर में अपना सुर मिला रहे थे. लता मंगेशकर ने इस कन्सर्ट के लिए बीसीसीआई से कोई फीस नहीं ली थी. 

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लता मंगेशकर के लिए एक सीट रहती थी स्टेडियम में बुक 

बीसीसीआई और तब के खिलाड़ियों ने लता मंगेशकर के इस योगदान को हमेशा याद रखा. बीसीसीआई ने तो यह प्रस्ताव किया कि लता जब तक जीवित रहेंगी, भारत के प्रत्येक स्टेडियम में मैच देखने के लिए उनके लिए एक सीट रिजर्व रहेगी.

1983 की जीत के बीस साल बाद 2003 में जब लता मंगेशकर को अपने अस्पताल के लिए फंड की जरूरत थी, तो बीसीसीआई इस पुराने कर्ज को चुकाने के लिए आगे आई. बीसीसीआई ने अस्पताल के लिए फंड जुटाने के लिए एक चैरिटी क्रिकेट मैच का आयोजन किया. चैरिटी मैच 2003 वर्ल्ड कप के ठीक बाद भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था, जिससे एकत्रित धन मंगेशकर अस्पताल में गया था. लता मंगेशकर के पिता की याद में बनाया गया दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पुणे में मौजूद है. 

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