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भारतीय मूल की लड़की को पाने के लिए पाकिस्तान से अफ्रीका शिफ्ट हुए थे इमरान ताहिर

गालिब ने क्या खूब फरमाया है कि 'ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है'. सच में, मोहब्बत इंसान से क्या न कराए. ये दीवानगी कभी कभी दीवानों को सात समंदर पार जाने को भी मजबूर कर देती है. ऐसी कुछ कहानी है साउथ अफ्रीका के लेग स्पिनर इमरान ताहिर की. जो अपनी मोहब्बत की तलाश में पाकिस्तान से साउथ अफ्रीका पहुंच गए.

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इमरान ताहिर
इमरान ताहिर

गालिब ने क्या खूब फरमाया है कि 'ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है'. सच में, मोहब्बत इंसान से क्या न कराए. ये दीवानगी कभी कभी दीवानों को सात समंदर पार जाने को भी मजबूर कर देती है. ऐसी कुछ कहानी है साउथ अफ्रीका के लेग स्पिनर इमरान ताहिर की. जो अपनी मोहब्बत की तलाश में पाकिस्तान से साउथ अफ्रीका पहुंच गए.

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1998 में इमरान ताहिर पाकिस्तान अंडर-19 टीम के साथ दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गए थे. उसी दौरे के दरमियान वह साउथ अफ्रीका में सेटल्ड एक भारतीय मूल की लड़की सुमैय्या दिलदार को अपना दिल दे बैठे. फिर क्या था मोहब्बत का जूनून इस कदर हावी था कि 2006 में ताहिर ने दक्षिण अफ्रीका शिफ्ट होने का फैसला कर लिया. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में इमरान ताहिर ने कहा कि पहले कुछ साल साउथ में बड़े संघर्षपूर्ण रहे. उन्होंने कहा कि उनके दोस्त और दक्षिण अफ्रीका की घरेलू टीम के खिलाड़ी गुलाम बोदी से उन्हें काफी सहयोग मिला.

साउथ अफ्रीका शिफ्ट होने के बाद ताहिर ने वहां घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू किया. घरेलू मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने का फल उन्हें मिला और 2011 में पहली बार उनको दक्षिण अफ्रीका के लिए खेलने का मौका मिला. शुरुआत में उन्हें एक टेस्ट स्पेशलिस्ट बॉलर के रूप में देखा जा रहा था. लेकिन उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से न सिर्फ एकदिवसीय टीम में जगह बनाई बल्कि खूब सफलता भी बटोरी.

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सुमैय्या से शादी के बाद इमरान ताहिर को एक बेटा है. जिसका नाम उन्होंने गिबरान रखा है. ताहिर कहते हैं कि क्रिकेट में इतना व्यस्त रहने के चलते वह अपनी फैमिली को समय नहीं दे पाते जिसका उन्हें काफी दुख है. फिलहाल ताहिर आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेल रहे हैं.

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