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विराट कोहली और रवि शास्त्री की बढ़ती नजदीकियों की वजह से धोनी ने लिया टेस्ट से संन्यास!

टीम इंडिया के कैप्टन कूल एम एस धोनी ने मेलबर्न टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद मंगलवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. धोनी के अचानक संन्यास की घोषणा से पूरा क्रिकेट जगत हैरान रह गया लेकिन क्या आपको पता है इस फैसले के पीछे एक कारण नए कप्तान विराट कोहली और टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री के बीच बढ़ती नजदीकी भी है.

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विराट कोहली और रवि शास्त्री
विराट कोहली और रवि शास्त्री

टीम इंडिया के कैप्टन कूल एम एस धोनी ने मेलबर्न टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद मंगलवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. धोनी के अचानक संन्यास की घोषणा से पूरा क्रिकेट जगत हैरान रह गया लेकिन क्या आपको पता है इस फैसले के पीछे एक कारण नए कप्तान विराट कोहली और टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री के बीच बढ़ती नजदीकियां भी हैं. इस आशय की खबर अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने दी है. टीम को अलविदा कहते वक्त रो पड़े थे धोनी

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अखबार के मुताबिक, धोनी ने कुछ हफ्ते पहले ही टीम के साथियों को संकेत दे दिया था कि यह उनकी आखिरी सीरीज होगा. धोनी के अचानक लिए इस फैसले के पीछे ड्रेसिंग रूम का बदलता हुआ माहौल एक बहुत बड़ा कारण था. एडिलेड में टीम इंडिया की ओर से टेस्ट कप्तानी का डेब्यू करने वाले विराट और रवि शास्त्री के बीच बढ़ती नजदीकी के चलते क्रिकेट के इस फॉर्मेट में धोनी युग के अंत की शुरुआत हुई.

रवि शास्त्री टीम डायरेक्टर बने तो कोच डंकन फ्लेचर का टीम में दबदबा कम हुआ. डंकन और धोनी के बीच काम को लेकर काफी अच्छे रिश्ते थे. फ्लेचर के साइडलाइन होते ही टीम से जुड़े सभी मामलों में रवि शास्त्री का सहभागिता बढ़ती गई. टीम को लेकर फैसले में भी शास्त्री की चलने लगी.

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इस तरह से टेस्ट क्रिकेट में यह धोनी के एकछत्र राज के अंत की शुरुआत थी. धोनी ने फ्लेचर के साथ मिलकर टीम को एक अलग रंग में ढाला था और शास्त्री के डायरेक्टर बनने के बाद यह रंग उतरना भी शुरू हो गया.

एडिलेड टेस्ट में कोहली की अगुवाई में टीम काफी आक्रामक होकर खेली. टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के दिए गए मुश्किल लक्ष्य का पीछा करने की ठानी. इस तरह से कोहली और शास्त्री ने टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया को फ्रेश और आक्रामक एप्रोच के साथ खेलने का रास्ता दिखाया. धोनी हमेशा अपनी तरह से खेले हैं और टीम को उसी तरह से ढाला था. एकसाथ इतने बदलाव धोनी खुद पचा नहीं सके और बेहतर समझा कि वो टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दें और उन्होंने ऐसा ही किया.

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