Rohit Sharma: criticism of his leadership: ऑस्ट्रेलियाई धरती पर बॉर्डर-गावस्कर सीरीज अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रही है.1-2 से पिछड़ रही टीम इंडिया के लिए शुक्रवार से शुरू हो रहा सिडनी का मैच 'बड़ा टेस्ट' साबित होने वाला है. मगर हैरानी की बात यह है कि अंतिम टेस्ट मैच के लिए टीम में कप्तान रोहित शर्मा की जगह पक्की नहीं है.
मुख्य कोच गौतम गंभीर ने गुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि शुक्रवार की सुबह टॉस के लिए रोहित आएंगे या नहीं. यानी रोहित का टेस्ट क्रिकेटर के रूप में करियर निराशाजनक अंत की ओर बढ़ता दिख रहा है.
खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर किए जाएंगे?
दरअसल, रोहित अतिरिक्त उछाल और सीम मूवमेंट का सामना नहीं कर पाने के अलावा अपनी कप्तानी को लेकर आलोचना झेल रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो रोहित खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर किए जाने वाले पहले कप्तान होंगे. वह पिछली 5 पारियों में महज 31 रन ही बना सके हैं.
महेंद्र सिंह धोनी और अनिल कुंबले ने सीरीज के बीच में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था क्योंकि उनका शरीर लंबे फॉर्मेट (पांच दिन के क्रिकेट) में खेल पाने की इजाजत नहीं दे पा रहा था. रोहित के मामले में उन्हें फॉर्म के आधार पर बाहर किया जाएगा क्योंकि गंभीर ने साफ तौर पर कहा है कि प्रदर्शन के आधार पर ही कोई भी खिलाड़ी भारतीय ड्रेसिंग रूम में बने रह सकता है.
रोहित शर्मा टॉस के लिए नहीं आते हैं तो..?
अगर रोहित शुक्रवार को टॉस के लिए नहीं आते हैं तो यह माना जा सकता है कि उन्होंने इस हफ्ते मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर अपना आखिरी टेस्ट खेल लिया.गंभीर ने प्लेइंग इलेवन का खुलासा नहीं किया, लेकिन ऐसे संकेत हैं कि भारतीय टीम तीसरे नंबर पर शुभमन गिल को उतार सकती है.
मौजूदा सीरीज भारतीय टीम का प्रदर्शन प्रभावी नहीं रहा है और बतौर कप्तान तथा बल्लेबाज रोहित के लिए यह सबसे खराब दौर है. वह रिटायरमेंट की घोषणा करें या नहीं करें, लेकिन सिडनी के बाद उनका टेस्ट क्रिकेट खेलना संभव नहीं लग रहा.
टीम में असंतोष..? शुरुआत अश्विन के फैसले से
इसके अलावा टीम में असंतोष की खबरें भी प्रदर्शन पर असर डाल सकती है. इसकी शुरुआत सीरीज के बीच में रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के फैसले से हुई और रोहित के खराब फॉर्म से बतौर कप्तान उनका कद घटा है.
सिडनी में पंत की जगह ले सकते हैं ध्रुव जुरेल
ऐसी खबरें हैं कि गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर विकेट गंवाने वाले ऋषभ पंत पर भी गंभीर ने गुस्सा निकाला है. ऐसी अटकलें हैं कि सिडनी टेस्ट में पंत की जगह ध्रुव जुरेल को उतारा जा सकता है. दरअसल, मेलबर्न में लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया को पंत से बड़ी उम्मीद थी. वह क्रीज पर सेट भी हो चुके थे, लेकिन ट्रेविस हेड की गेंद पर बड़ा शॉट मारने के चक्कर में मिचेल मार्श को कैच थमा बैठे. पंत पहली पारी में भी अटपटा शॉट मारने की कोशिश में आउट हुए थे.
पंत को अगर बाहर किया जाता है तो 1984 के इंग्लैंड दौरे की याद ताजा हो जाएगी, जब खराब शॉट खेलने के कारण विकेट गंवाने वाले महान ऑलराउंडप कपिल देव को सबक सिखाने के लिए टीम से बाहर किया गया था.जुरेल ने गुरुवार को सीनियर खिलाड़ियों के साथ अभ्यास किया.
तब कपिल देव ने क्या किया था -
इंग्लैंड की टीम 1984/85 में भारत दौरे पर 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही थी. 'बंबई' में खेला गया पहला टेस्ट भारत ने जीता था. लेकिन इसके बाद भारत को दिल्ली टेस्ट गंवानी पड़ी. भारत की हार के लिए दूसरी पारी में कपिल देव की गैरजिम्मेदाराना बल्लेबाजी को जिम्मेवार ठहराया गया.
कपिल देव उस वक्त बल्लेबाजी करने आए थे, जब विकेट पर रुकने की जरूरत थी. वह इंग्लिश स्पिनर पैट पोकॉक को उड़ाने के चक्कर में लपके गए. उनकी आक्रामकता की ऐसी बानगी दिखी कि 6 गेंदों में 7 रनों की पारी में उन्होंने एक छक्का जड़ा था और 4 मिनट ही क्रीज पर बिता पाए थे. भारत की इस हार के बाद कपिल देव को अगले टेस्ट में नहीं चुना गया. कोलकाता टेस्ट में टीम इंडिया बगैर कपिल देव उतरी थी.