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Team India Weakness: मेलबर्न में इन 5 कमियों ने डुबोई भारतीय टीम की नैया... ऐसे कैसे जीतेंगे सिडनी?

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस सीरीज का आखिरी यानी पांचवां टेस्ट मैच सिडनी में होना है. यह मुकाबला 3 जनवरी से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा. यदि भारतीय टीम को यह टेस्ट जीतकर सीरीज बराबर करनी है, तो उसे हर हाल में अपनी 5 कमियां सुधारनी होंगी, जो मेलबर्न टेस्ट में सामने आई हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में...

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रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह
रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह

Team India Weakness Exposed after Melbourne Test: रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम इस समय ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी के घर में 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत इस सीरीज का चौथा मुकाबला मेलबर्न में सोमवार (30 दिसंबर) को खत्म हुआ.

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इस मेलबर्न टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम 184 रनों से जीती. इस तरह मेजबान टीम ने सीरीज में 2-1 से बढ़त बना ली है. बता दें इस टेस्ट में भारतीय टीम को 340 रनों का टारगेट मिला था, लेकिन पूरी टीम 155 रनों पर ही सिमट गई. इस हार के बाद भारतीय टीम की कई कमियां उजागर हुई हैं.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस सीरीज का आखिरी यानी पांचवां टेस्ट मैच सिडनी में होना है. यह मुकाबला 3 जनवरी से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा. यदि भारतीय टीम को यह टेस्ट जीतकर सीरीज बराबर करनी है, तो उसे हर हाल में अपनी 5 कमियां सुधारनी होंगी, जो मेलबर्न टेस्ट में सामने आई हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में...

टॉप ऑर्डर का फ्लॉप होना

पर्थ टेस्ट को हटा दें तो इस टेस्ट सीरीज के बाकी 3 मुकाबलों में टॉप बैटिंग ऑर्डर ने भारतीय टीम को बड़ी पार्टनरशिप नहीं दी है. पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने 201 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप की थी.

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इसके बाद हर मैच में भारतीय टीम पहले और दूसरे विकेट के लिए बड़ी साझेदारी को तरसती दिखी है. इस मामले में भारतीय टीम मैनेजमेंट को खास तैयारी करने की जरूरत है, क्योंकि अच्छी शुरुआत नहीं मिलेगी तो टेस्ट जीतना नामुमकिन सा हो जाता है.

रोहित-कोहली का बल्ला खामोश

इस सीरीज में विराट कोहली और कप्तान रोहित शर्मा का बल्ला खामोश ही रहा है. मौजूदा सीरीज के शुरुआती 4 टेस्ट मैचों में भारत की ओर से सबसे ज्यादा 359 रन यशस्वी जायसवाल ने बनाए हैं. कोहली इस लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं, जिन्होंने 7 पारियों में 167 रन बनाए हैं. इस दौरान एक शतक जमाया है. पर्थ में लगी यह सेंचुरी हटा दें तो उनका भी हाल बुरा ही नजर आया है.

जबकि कप्तान रोहित का बेहद बुरा हाल है. कप्तान रोहित ने अब तक 3 टेस्ट मैचों की 5 पारियों में सिर्फ 31 रन बनाए हैं. इस दौरान उनका औसत भी 6.20 का रहा, जो बेहद खराब है. रोहित से ज्यादा रन तो तेज गेंदबाज आकाश दीप ने बना दिए हैं. आकाश ने 3 पारियों में 38 रन ठोके हैं. यदि सिडनी टेस्ट जीतना है, तो कोहली-रोहित को हर हाल में रन बनाने होंगे.

लचर फील्डिंग, टपकाए कई कैच

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मेलबर्न टेस्ट में भारतीय टीम की फील्डिंग बेहद ही खराब नजर आई है. इस मैच की दूसरी पारी में भारतीय टीम ने कुल 4 कैच छोड़े, जो काफी भारी पड़े. अकेले यशस्वी जायसवाल ने 3 कैच टपकाए. जबकि एक कैच मोहम्मद सिराज ने छोड़ा था. सिडनी टेस्ट जीतना है, तो खिलाड़ियों को कसी हुई फील्डिंग करनी होगी. साथ ही हर कैच लपकना होगा.

अकेले बुमराह पर निर्भरता

देखा जाए तो पूरी सीरीज में ही भारतीय टीम तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पर निर्भर नजर आई है. खासकर मेलबर्न टेस्ट में तो यह सबसे ज्यादा देखने को मिला है. आप इसका अंदाजा इसी से लगा लीजिए कि अब तक शुरुआती 4 टेस्ट में बुमराह ही टॉप विकेट टेकर हैं. उन्होंने सबसे ज्यादा 30 विकेट लपके हैं.

जबकि दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस हैं, जिन्होंने 20 विकेट लिए. जबकि भारतीय टीम में मोहम्मद सिराज ने 16, आकाश दीप ने 5, हर्षित राणा और रवींद्र जडेजा ने 4-4 विकेट लिए हैं. वॉशिंगटन सुंदर और नीतीश रेड्डी को 3-3 सफलताएं मिलीं.

इस तरह सिराज, आकाश, हर्षित और जडेजा ने मिलकर कुल 29 विकेट लिए. जबकि अकेले बुमराह 30 विकेट चटका चुके. इस तरह गेंदबाजी में भी भारतीय टीम काफी कमजोर नजर आई है. यदि अगला टेस्ट जीतना है, तो बाकी गेंदबाजों को बुमराह का साथ देना होगा.

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रोहित की कप्तानी भी लचर दिखी

भारतीय टीम ने इस सीरीज का एकमात्र टेस्ट पर्थ में जीता है. वहां रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में बुमराह ने कमान संभाली थी. रोहित ने दूसरे टेस्ट से वापसी की और भारतीय टीम की हालत खराब हो गई. टीम एक भी टेस्ट नहीं जीत सकी और उलटा सीरीज गंवाने की दहलीज पर खड़ी हो गई.

इसमें कहीं ना कहीं रोहित की कप्तानी में लचरपन दिखा है. इसका एक उदाहरण मेलबर्न टेस्ट से समझ सकते हैं, जहां दूसरी पारी में भारतीय टीम ने 91 रनों पर ऑस्ट्रेलिया के 6 बल्लेबाजों को आउट कर दिया था. इसके बाद रोहित ने इतनी ढील दे दी कि आखिरी 4 विकेट ने ऑस्ट्रेलिया को 234 के स्कोर तक पहुंचा दिया.

6 विकेट के बाद कप्तान रोहित को टाइट फील्डिंग लगानी थी, लेकिन उन्होंने फैली हुई फील्डिंग लगाई. इससे निचले क्रम के बल्लेबाजों को 1-1, 2-2 रन लेना आसान हो गया और उन्होंने बड़ी साझेदारियां कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया. पैट कमिंस और मार्नस लाबुशेन ने 7वें विकेट के लिए 57 रन जोड़े. जबकि नाथन लायन और स्कॉट बौलेंड ने आखिरी विकेट के लिए 61 रनों की पार्टनरशिप की. अब आखिरी टेस्ट में रोहित को दमदार कप्तानी दिखानी होगी.

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