ऑस्ट्रेलिया ने नागपुर और दिल्ली में खेले गए शुरुआती दो टेस्ट हारने के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने का मौका गंवा दिया है. भारत दौरे में मिली लगातार हार से ऑस्ट्रेलियाई टीम की खूब आलोचना हो रही है. कप्तान पैट कमिंस की रणनीति पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. दिग्गज क्रिकेटर एलेन बॉर्डर का मानना है कि कमिंस के पास चिंता करने के लिए काफी कुछ है. भारत के खिलाफ सीरीज में ‘कप्तान के रूप में उनकी पहली असली परीक्षा’ थी. दूसरे टेस्ट में उन्होंने खुद से काफी कम गेंदबाजी कराई.
कमिंस निशाने पर... खुद से बहुत कम गेंदबाजी कराई
भारत दौरे पर आने से पहले कप्तान के रूप में सिर्फ एक मैच में शिकस्त झेलने वाले कमिंस दिल्ली में 6 विकेट से हार के दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्लेइंग इलेवन में एकमात्र तेज गेंदबाज थे. उन्होंने पहली पारी में सिर्फ 13 ओवर फेंके और भारत की दूसरी पारी में बिल्कुल गेंदबाजी नहीं की. 67 साल के बॉर्डर ने ‘एसईएन रेडियो’ से कहा, ‘मुझे लगता है कि पैट ने उस टेस्ट मैच में खुद से बहुत कम गेंदबाजी कराई.’
उन्होंने कहा, ‘ऐसे मौके थे जब हम भटकने लगे थे, खासकर भारत की पहली पारी में जब हमने उन्हें एक अच्छी साझेदारी बनाने का मौका दिया. उस समय अगर वह दो या तीन ओवर आक्रामक गेंदबाजी करता तो… .’ ऑस्ट्रेलिया ने भारत का स्कोर 7 विकेट पर 139 रन कर दिया था, लेकिन अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन ने 114 रनों की साझेदारी की, जिससे मेजबान टीम ने अपने स्कोर को मेहमान टीम के स्कोर से एक रन कम तक पहुंचा दिया.
‘... दोस्त, आप गेंदबाजी क्यों नहीं करते?'
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैदान पर अन्य लोग थे जो कप्तान के पास जा सकते थे और कह सकते थे, ‘दोस्त, आप गेंदबाजी क्यों नहीं करते?,‘बॉर्डर ने कहा, ‘लेकिन मुझे लगता है कि एक कप्तान के रूप में पैट की यह पहली वास्तविक परीक्षा है, बाकी सब आसान रहा है, आप उपमहाद्वीप में जाते हैं और अचानक हर विभाग में आपकी परीक्षा होती है.’
उन्होंने कहा, ‘वह बहुत सी अलग-अलग चीजों को लेकर चिंतित है, मुझे लगता है कि वह खुद से गेंदबाजी कराना भूल गया, जब आपका प्रमुख तेज गेंदबाज आपका कप्तान हो तो ऐसा हो सकता है.’
तो कमिंस का दिमाग काम नहीं कर रहा था?
पूर्व विकेटकीपर इयान हीली ने महसूस किया कि कमिंस ने दूसरी पारी में ‘मानसिक शक्ति’ खो दी, जिससे दूसरी पारी में सही फील्डिंग नहीं लगा पाए.
हीली ने कहा, ‘फिर मानसिक तनाव जिसके कारण वह सही फील्डिंग नहीं लगा पाया.’ उन्होंने कहा, ‘बल्ले के चारों तरफ कैच लेने वाले अधिक फील्डर लगाने की बजाय उसने बाउंड्री पर क्षेत्ररक्षक लगाए थे. इसके (गेंदबाजी में बदलाव) बारे में सोचने के लिए दिमाग की बहुत शक्ति की जरूरत होती है.’