भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में 4 विकेट से जीत हासिल की. गुरुवार (6 फरवरी) को नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारत को जीत के लिए 249 रनों का टारगेट मिला था, जिसे उसने 38.4 ओवरों में ही हासिल कर लिया.
हर्षित ने काटा गदर... पुणे टी20 में हुए विवाद पर तोड़ी चुप्पी
इस मुकाबले में भारतीय टीम की जीत में तेज गेंदबाज हर्षित राणा की अहम भूमिका रही. अपना वनडे डेब्यू मैच खेलने उतरे राणा ने तीन विकेट चटकाए. राणा एक समय काफी महंगे साबित हो रहे थे और उनके एक ही ओवर में फिल सॉल्ट ने 26 रन बटोरे थे. फिर राणा ने धांसू वापसी की और इंग्लिश पारी के 10वें ओवर में 2 विकेट निकाले. उस ओवर में राणा ने बेन डकेट को यशस्वी जायसवाल के हाथों कैच आउट कराया. फिर उन्होंने हैरी ब्रूक को भी 0 पर लौटा दिया. राणा ने बाद में लियाम लिविंगस्टोन को भी अपना शिकार बनाया.
हर्षित राणा ने कुछ दिन पहले ही इंग्लैंड के खिलाफ अपना टी20I डेब्यू किया था. तब राणा पुणे टी20 मुकाबले में कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर शिवम दुबे की जगह मैदान पर उतरे थे. राणा ने मैदान पर उतरते ही अपने स्पेल से मैच का रुख पलट दिया था. राणा ने पुणे टी20 में 33 रन देकर 3 विकेट लिए थे. कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर हर्षित राणा को मैदान पर उतारने के फैसले की इंग्लिश खिलाड़ियों ने आलोचना की थी. महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी इस फैसले को गलत बताया था.
अब हर्षित राणा ने पहले वनडे में मैच जिताऊ स्पेल के बाद उस विवाद पर बड़ा बयान दिया है. राणा ने कहा कि उन्हें ये फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या कह रहे हैं. वो देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं. राणा ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मेरा मानना है कि लोग बातें करते रहेंगे. मैं सिर्फ खेलना चाहता हूं, चाहे अच्छा या बुरा खेलूं. मुझे इसकी चिंता नहीं है, मैं सिर्फ अपने देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं. मैं उन बातों पर ध्यान नहीं देता."
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'क्रिकेट में हमेशा उतार-चढ़ाव...'
हर्षित राणा कहते हैं, "मानसिक रूप से, मैं जब भी मैदान पर आता हूं तो हमेशा तैयार रहता हूं. मुझे पता है कि मैं कभी भी खेल सकता हूं, कुछ भी हो सकता है. क्रिकेट में हमेशा उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, मैं केवल अपनी लेंथ पर ध्यान देना चाहता था, जहां जरूरत हो वहां गेंदबाजी करना चाहता था और इसका इनाम मुझे बाद में मिला. मैंने अपने दूसरे स्पेल में कुछ अलग नहीं किया, बस सही एरिया में गेंद डालने पर ध्यान केंद्रित किया."
दिल्ली के इस तेज गेंदबाज का मानना है कि 50 ओवर का फॉर्मेट मुश्किल है क्योंकि इसमें एक गेंदबाज को अलग-अलग भूमिकाएं निभाने की जरूरत होती है. हर्षित राणा कहते हैं, "वनडे क्रिकेट थोड़ा कठिन है क्योंकि यह एक लंबा फॉर्मेट है. आपको गेंदबाजी के लिए 10 ओवर मिलते हैं. आपको अलग-अलग फेज में अलग-अलग भूमिकाएं निभानी होती हैं. लेकिन अगर आप इसका अभ्यास अच्छी तरह से करते हैं, तो यह अच्छा है."