भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम (MCA) में जारी है. इस मैच को जीतने के लिए भारतीय टीम को 359 रनों का टारगेट मिला है. ऐसे में सवाल है क्या भारतीय टीम इस टारगेट को चेज कर पाएगी, वैसे भारत की धरती पर केवल एक ही बार 350 प्लस का टारगेट चेज हो पाया है.
न्यूजीलैंड ने अपनी पहली पारी में 259 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारतीय टीम 156 रन ही बना पाई थी. पहली पारी के आधार पर न्यूजीलैंड को 103 रनों की बढ़त मिली थी. दूसरी पारी में न्यूजीलैंड की टीम 255 रनों पर ऑलआउट हो गई. मिलाकर देखा जाए तो भारतीय टीम को चौथी पारी में 350 से ज्यादा रनों का टारगेट चेज करना होगा. वैसे चौथी पारी में इतने रन बनाना आसान नहीं होता है, लेकिन यह नामुमकिन है.
Innings Break!
— BCCI (@BCCI) October 26, 2024
New Zealand bowled out for 255.
4⃣ wickets for @Sundarwashi5
3⃣ wickets for @imjadeja
2⃣ wickets for @ashwinravi99 #TeamIndia need 359 runs to win!
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भारतीय जमीन पर केवल एक बार टेस्ट क्रिकेट में 350 रनों से ज्यादा का टारगेट सफलतापूर्वक चेज हो पाया है. यह इतिहास महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम ने ही रचा था. दिसंबर 2008 में भारत ने चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ 387 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया था. उस मुकाबले में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने शतक (नाबाद 103 रन) जड़ा था और भारतीय टीम छह विकेट से मैच जीतने में कामयाब रही थी.
हालांकि उस मुकाबले में महफिल लूटी थी ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने... सहवाग ने टारगेट का पीछा करने के दौरान सिर्फ 68 गेंदों पर 83 रन बनाए थे, जिसमें 11 चौके और चार छक्के शामिल रहे. सहवाग की उस तूफानी पारी ने भारतीय टीम को मोमेंटम प्रदान किया था. युवराज सिंह (नाबाद 85 रन) और दूसरे ओपनर गौतम गंभीर (66 रन) ने भी अर्धशतकीय पारियां खेली थी. सहवाग को उस तूफानी पारी के लिए 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया था.
वैसे टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम का सफलतम रनचेज साल 1976 में आया था, जो उसने विदेशी धरती पर पूरा किया था. तब भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट में 406 रनों के टारगेट को चार विकेट खोकर हासिल कर लिया था. भारतीय टीम की ओर से गुंडप्पा विश्वनाथ (112 रन) और सुनील गावस्कर (102 रन) ने चौथी पारी में शतकीय पारियां खेली थीं.
क्या भारतीय टीम पुणे में दोहरा सकेगी 2008 का इतिहास?
अब भारतीय टीम से पुणे टेस्ट मैच में 2008 का इतिहास रिपीट करने की चुनौती है. हालांकि ये आसान काम नहीं होगा. सबसे पहले तो खेल के तीसरे दिन उसे न्यूजीलैंड की दूसरी पारी को जल्द से जल्द समेटना होगा. फिर रनचेज में भारतीय ओपनर्स को सॉलिड शुरुआत करनी होगी. अगर भारतीय टीम को चौथी इनिंग्स में अच्छी शुरुआत मिलेगी, तो जीत की उम्मीदें बढ़ जाएंगी.
बता दें कि न्यूजीलैंड की टीम अब तक भारतीय जमीन पर कोई भी द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी है. कीवी टीम ने पहली बार 1955 में भारत का दौरा किया था, तब उसे 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 से हार झेलनी पड़ी. इसके बाद न्यूजीलैंड टीम 1965 में भारत आई और इस बार भी उसे एक भी टेस्ट जीतने का मौका नहीं मिला. तब भारत ने 4 टेस्ट की सीरीज में 1-0 से हराया था. फिर 4 साल बाद यानी 1969 में एक बार कीवी टीम ने भारत का दौरा किया और इस बार भारतीय जमीन पर उसने पहला टेस्ट जीता. इस बार न्यूजीलैंड 3 मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर करने में सफल रही थी.
भारत और न्यूजीलैंड के बीच आखिरी टेस्ट सीरीज नवंबर 2021 में हुई थी. यह सीरीज भारतीय जमीन पर ही हुई थी, जहां न्यूजीलैंड को 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से हार झेलनी पड़ी थी. यदि ओवरऑल टेस्ट सीरीज और मैचों का रिकॉर्ड देखा जाए तो इसमें भी भारतीय टीम का ही पलड़ा भारी नजर आता है.
भारत ने घरेलू मैदान पर 300+ टारगेट का चेज किया
26 बार*
1 जीता (387 बनाम इंग्लैंड चेन्नई 2008)
14 हारे
1 बराबरी पर रहा
9 बार ड्रॉ रहा
भारत-न्यूजीलैंड के बीच ओवरऑल सीरीज रिकॉर्ड
कुल टेस्ट सीरीज: 23
भारत जीता: 12
न्यूजीलैंड जीता: 7
ड्रॉ: 4
भारत में न्यूजीलैंड टीम का टेस्ट मैचों में रिकॉर्ड
कुल टेस्ट मैच: 37
भारत जीता: 17
न्यूजीलैंड जीता: 3
ड्रॉ: 17
भारत-न्यूजीलैंड के बीच ओवरऑल टेस्ट रिकॉर्ड
कुल टेस्ट मैच: 63
भारत जीता: 22
न्यूजीलैंड जीता: 14
ड्रॉ: 27
पुणे टेस्ट में न्यूजीलैंड की प्लेइंग 11: टॉम लैथम (कप्तान), डेवोन कॉन्वे, विल यंग, रचिन रवींद्र, डेरिल मिचेल, टॉम ब्लंडेल (विकेटकीपर), ग्लेन फिलिप्स, टिम साउदी, मिचेल सेंटनर, एजाज पटेल, विलियम ओरोर्के
पुणे टेस्ट में भारत की प्लेइंग 11: यशस्वी जायसवाल, रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), सरफराज खान, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, रविचंद्रन अश्विन, आकाश दीप, जसप्रीत बुमराह.