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IND Vs PAK, Rashid Latif: 'रातोरात नहीं हुआ पाकिस्तान क्रिकेट का पतन...', भारत से हार के बाद राशिद लतीफ ने खोली पोल

रविवार को दुबई में खेले गए महामुकाबले में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 6 विकेट से शिकस्त दी. मैच में विराट कोहली का बल्ला जमकर चला. उन्होंने 111 गेंदों पर शतक जमाया. मुकाबले में करारी हार के बाद पाकिस्तानी पूर्व दिग्गजों ने अपनी टीम और क्रिकेट बोर्ड को जमकर कोसा.

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पाकिस्तानी टीम की हार पर राशिद लतीफ का बड़ा बयान.
पाकिस्तानी टीम की हार पर राशिद लतीफ का बड़ा बयान.

IND Vs PAK, Rashid Latif Slams Pakistan Cricket Board: चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 के तहत रविवार (23 फरवरी) को भारतीय टीम और पाकिस्तान के बीच महामुकाबला खेला गया. मैच में पाकिस्तान ने 242 रन का टारगेट दिया था. जिसके जवाब में भारतीय टीम ने 6 विकेट से मुकाबला जीत लिया.

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मैच में विराट कोहली का बल्ला जमकर चला. उन्होंने 111 गेंदों पर शतक जमाया. इस दौरान उन्होंने 7 चौके जमाए. कोहली ने वनडे क्रिकेट में 15 महीने बाद यह शतक लगाया है. मुकाबले में करारी हार के बाद पाकिस्तानी पूर्व दिग्गजों ने अपनी टीम और क्रिकेट बोर्ड को जमकर कोसा.

इसी कड़ी में पूर्व दिग्गज राशिद लतीफ ने भी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की जमकर आलोचना की. साथ ही बताया कि पाकिस्तान क्रिकेट का पतन रातोरात नहीं हुआ है. बल्कि इसे राजनीतिक लोगों ने धीरे-धीरे काफी पहले से खोखला करना शुरू कर दिया था.

'खिलाड़ियों को धन की जरूरत होती है'

राशिद लतीफ ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि पाकिस्तान क्रिकेट रातों-रात पतन के कगार पर नहीं पहुंचा. इसमें सरकार और पूर्व दिग्गजों की अहम भूमिका थी. हर कोई अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर रहा है, चाहे वह नजम सेठी हों या एहसान मनी, जका अशरफ हों या मोहसिन नकवी.

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उन्होंने कहा कि सभी चेयरमैनों ने आते ही अपनी-अपनी सोच के अनुसार दिग्गजों को अपने पास रखा और क्रिकेट को उनके हाथों में सौंप दिया. यहीं से हमारे क्रिकेट का पतन शुरू हुआ. फ्रेंचाइजी क्रिकेट ने यह सब किया है. जो लोग इस PSL (पाकिस्तान सुपर लीग) को चला रहे हैं वे पेशेवर नहीं हैं और 10 साल से अपनी जगह बचाने के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

राशिद ने कहा कि खिलाड़ियों को धन की जरूरत होती है, चाहे वह कमेंट्री से हो, कोचिंग से हो, टीवी विशेषज्ञ बनने से हो, या मार्गदर्शक बनने से हो. वे कहीं भी सफल नहीं हो सकते और वे पाकिस्तान क्रिकेट को कोई महत्वपूर्ण लाभ नहीं पहुंचा सकते.

नजम सेठी ने शादाब को कप्तान बनाया

पाकिस्तानी बोर्ड ने अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए अपने ही खिलाड़ियों को दूसरे चैनलों पर उतार दिया है और एक समय तो ऐसा भी आया था जब चेयरमैन ने कहा था कि हम उन लोगों को बोर्ड पर नहीं लादेंगे जो टीवी पर बैठकर बातें करते हैं. लेकिन उन्होंने टीवी पर अपनी खुद की किंवदंतियां पेश कीं. ये बहुत कमजोर लोग हैं जो केवल मचान की मदद से खड़े हो सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि PCB ने अपने खिलाड़ियों को अलग चैनलों पर रखा है ताकि वे मुद्दों को कवर कर सकें. यह एक सुस्थापित टीम थी, लेकिन उन्हें कप्तानी का लालच देकर पूर्व अध्यक्ष ने एक खराब प्रतिष्ठा बना दी. नजम सेठी साहब आए और शादाब को कप्तान बनाया, फिर जका अशरफ साहब आए और कुछ पूर्व कप्तानों और खिलाड़ियों की सलाह पर शाहीन आफरीदी को कप्तान बनाया, और कहानी यहीं खत्म नहीं होती.

फिर मोहसिन नकवी साहब आए और कुछ पूर्व कप्तानों और खिलाड़ियों की सलाह पर बाबर आजम को फिर से कप्तान बनाया. जब बाबर ने इस्तीफा दिया तो रिजवान को कप्तान बनाया गया. जो भी चेयरमैन आये, वे राजनीतिक आधार पर आये, योग्यता के आधार पर नहीं. भूतपूर्व खिलाड़ी या वर्तमान खिलाड़ी एक मोहरा है जिसे अध्यक्ष मंत्री बनाता है और मंत्री को भी मोहरा देता है.

अध्यक्ष पद पर चयन समिति क्यों बनाता है?

संक्षेप में कहें तो पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के लिए बर्बादी के दिन तब शुरू हुए जब एहसान मनी ने सरफराज को कप्तानी से हटा दिया. सरकार से अनुरोध है कि बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियां बंद की जाएं और पीसीबी संविधान में संशोधन किया जाए. क्रिकेट बोर्ड अध्यक्ष पद पर चयन समिति क्यों बनाता है? और अध्यक्ष को कप्तानों की नियुक्ति का अधिकार क्यों है? ये मूलभूत गलतियां हैं जिन्हें यथाशीघ्र सुधारने की आवश्यकता है, अन्यथा हम भूटान से भी हारने लगेंगे.

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