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30 साल बाद भारत ने कंगारुओं से लिया बदला, तब पैदा भी नहीं हुए थे विराट-स्मिथ

गौरतलब है चेपॉक पर पहली बार कोई वनडे मुकाबला खेला गया था. साथ ही 1987 के वर्ल्डकप का वह तीसरा मैच था.

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यजुवेंद्र चहल ने सर्वाधिक तीन विकेट निकाले
यजुवेंद्र चहल ने सर्वाधिक तीन विकेट निकाले

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चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में टीम इंडिया रविवार को महज दूसरी बार आमने-सामने हुई. 30 साल में यह पहला अवसर रहा, जब चेपॉक में दोनों के बीच वनडे मुकाबला हुआ. चेन्नई में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुकाबला 9 अक्टूबर 1987 को हुआ था. तब चेपॉक में पहली बार कोई वनडे मुकाबला खेला गया था. साथ ही 1987 के वर्ल्डकप का वह तीसरा मैच था.

लेकिन, कंगारुओं के खिलाफ वह मैच भारत ने 1 रन से गंवाया था. कपिल देव की कप्तानी में भारत को चेन्नई में मिली उस हार का बदला टीम इंडिया ने 30 साल बाद ले लिया. सबसे बढ़कर तब दोनों मौजूदा कप्तानों विराट कोहली और स्टीवन स्मिथ का जन्म भी नहीं हुआ था. रोहित शर्मा और डेविड वॉर्नर दुधमुंहे बच्चे थे. और अब महेंद्र सिंह धोनी और हार्दिक पंड्या के जबर्दस्त प्रदर्शन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को मात दी.

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1987 के इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने एलन बॉर्डर की कप्तानी में भारत को 271 रनों का लक्ष्य दिया था. जवाब में भारत की टीम 50वें ओवर की पांचवीं गेंद पर 269 रनों पर सिमट गई. मनिंदर सिंह के बोल्ड होते ही टीम इंडिया वह रोमांचक मुकाबला एक रन से हार गई थी. मनोज प्रभाकर दूसरे छोर पर नाबाद रहे. के. श्रीकांत (70 रन) और नवजोत सिद्धू (73 रन) की पारियां काम नहीं आई.

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