आयरलैंड के खिलाफ भारत की सीरीज खत्म हो गई है और अब हर किसी की नज़रें 1 जुलाई से शुरू होने वाले इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच पर टिकी हैं. भारत के लिए यह टेस्ट मैच कई मायनों में अहम है, इस मैच को जीतना या ड्रॉ करवाने से भारत की सीरीज़ जीत पक्की हो जाएगी जो ऐतिहासिक होगा.
लेकिन एक और वजह से यह टेस्ट मैच जरूरी है, क्योंकि यहां से टीम इंडिया के वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने का रास्ता तय हो सकता है. भारत अभी टेस्ट चैम्पियनशिप की रैंकिंग में तीसरे नंबर पर है और उसके फाइनल में पहुंचने के चांस बने हुए हैं. लेकिन ये कैसे हो सकता है समझिए...
अभी तक भारत ने कितने मैच खेले, टेबल में क्या हाल है?
साल 2021-23 की टेस्ट चैम्पियनशिप में टीम इंडिया अभी तक 11 मैच खेल चुकी है, इसमें 6 में जीत मिली है और 3 में हार मिली है. जबकि दो टेस्ट मैच ड्रॉ हुए हैं. भारत के कुल 77 प्वाइंट हैं और जीत का प्रतिशत 58.33 है.
फाइनल में पहुंचने के लिए क्या करना होगा?
इस चैम्पियनशिप में भारत को अभी 7 टेस्ट मैच खेलने हैं. इनमें एक एजबेस्टन टेस्ट है, चार टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैं जो घर में होंगे. जबकि दो टेस्ट मैच बांग्लादेश के खिलाफ हैं, जो बांग्लादेश में ही होने हैं. अगर भारत अपने सभी मैच जीत जाता है, तब उसका जीत प्रतिशत ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा हो जाएगा.
अगर भारत 7 में से 6 से जीत जाता है, तब भारत का जीत प्रतिशत 70 फीसदी के आसपास होगा. दो टेस्ट हारने पर भारत का जीत प्रतिशत 65 फीसदी से नीचे चला जाएगा. यानी भारत की कोशिश होगी कि एजबेस्टन टेस्ट में बिल्कुल ना हारे, ताकि उसका जीत प्रतिशत खराब ना हो.
फाइनल में फिर किससे होगी भिड़ंत?
टेस्ट चैम्पियनशिप की टेबल में जो टीमें टॉप-2 पॉजिशन पर हैं, वह ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका हैं. नियम के अनुसार, जीत प्रतिशत के आधार पर जो टीमें टॉप पर रहती हैं उन्हीं के बीच फाइनल होता है. यानी टीम इंडिया को अपना जीत प्रतिशत इन टीमों से आगे ले जाना होगा.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली घरेलू टेस्ट सीरीज़ में भारत अगर 4-0 से जीतता है, तब उसका जीत प्रतिशत आगे बढ़ेगा जबकि ऑस्ट्रेलिया को घाटा होगा. ऐसे में अगर भारत टॉप-2 तक पहुंच पाता है, तब साउथ अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया से भिड़ंत हो सकती है.