टीम इंडिया करीब 4 साल बाद साउथ अफ्रीका दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलने आई थी. इस बार भारतीय टीम अपने स्टार बल्लेबाजों के दम पर पहली बार साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रचना चाह रही थी, लेकिन दांव उलटा पड़ गया. गेंदबाजों ने कमाल कर दिया. जबकि पूरी लुटिया बल्लेबाजों ने ही लुटा दी. भारतीय टीम ने केपटाउन टेस्ट 7 विकेट से हारने के साथ ही तीन टेस्ट की सीरीज 1-2 से गंवा दी है.
टीम इंडिया की बल्लेबाजी लाइन-अप में कप्तान विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, केएल राहुल, मयंक अग्रवाल और ऋषभ पंत जैसे स्टार बल्लेबाज थे, लेकिन इनमें से राहुल को छोड़कर कोई भी मैच विनर साबित नहीं हुआ. आखिरी टेस्ट यानी केपटाउन में जरूर पंत ने शतक जमाया, लेकिन यह मैच जीतने के लिए काफी साबित नहीं हुआ.
South Africa win! 🔥
— ICC (@ICC) January 14, 2022
Bavuma and van der Dussen take them over the line!
A terrific victory for a young team – what a performance! 🙌
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पंत पूरी सीरीज में फेल, आखिरी पारी में शतक
केपटाउन की दूसरी पारी से पहले पंत पूरी सीरीज में ही फेल रहे. जोहानिसबर्ग टेस्ट की दूसरी पारी में पंत से रन की पूरी उम्मीद थी, लेकिन वहां वे खराब और गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर आउट हो गए थे. इस पर उनकी जमकर आलोचना हुई थी. पंत की यदि नाबाद 100 रनों की पारी को छोड़ दें, तो उन्होंने इससे पहले 5 पारियों में सिर्फ 86 रन ही बनाए हैं. जो बेहद खराब प्रदर्शन रहा.
पुजारा और रहाणे को जबरन टीम में बनाए रखा
साउथ अफ्रीका सीरीज से पहले भी चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे खराब फॉर्म से गुजर रहे थे. ऐसे में उन्हें इस सीरीज के लिए न बल्कि चुना, उन्हें तीनों टेस्ट में खिलाया भी गया. इसका खामियाजा टीम को सीरीज में हार के साथ चुकाना पड़ा. 6 पारियों में पुजारा-रहाणे ने सिर्फ 1-1 फिफ्टी लगाई है. इसके अलावा उन्होंने टीम को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
पुजारा ने सीरीज की 6 पारियों में 20.66 की खराब औसत से सिर्फ 124 रन ही बनाए. जबकि रहाणे ने तीन टेस्ट की 6 पारियों में 22.66 की औसत से सिर्फ 136 रन बनाए. पुजारा की छह पारियों के बराबर रन तो केएल राहुल ने एक ही पारी में बना दिए थे. राहुल ने सीरीज के पहले ही टेस्ट में 123 रनों की पारी खेली थी.
मयंक भी मौके का फायदा नहीं उठा सके
केएल राहुल के साथ तीनों टेस्ट में ओपनिंग करने वाले मयंक अग्रवाल को अच्छी शुरुआत मिली थी, लेकिन वे इसका फायदा नहीं उठा सके. मयंक ने पहले टेस्ट में फिफ्टी लगाई थी, लेकिन इसके बाद बाकी पारियों में बुरी तरह फ्लॉप रहे. मयंक ने 6 पारियों में 22.50 की खराब औसत से सिर्फ 135 रन बनाए.
सीरीज जिताने में फ्लॉप रहे कप्तान कोहली
वनडे और टी20 फॉर्मेट से कप्तानी छिनने के बाद कोहली की बतौर कप्तान यह पहली टेस्ट सीरीज थी. इसमें उन पर अच्छे प्रदर्शन और टीम को जिताने का दबाव था. बल्लेबाजी में कोहली ने अपना प्रदर्शन अच्छा किया, लेकिन वे सीरीज जिताने में फ्लॉप साबित हुए. सीरीज में कोहली ने सिर्फ दो ही टेस्ट खेले, जिसकी 4 पारियों में 40.25 की औसत से 161 रन बनाए. उनकी कप्तानी में टीम ने सीरीज का पहला टेस्ट जीता था. दूसरे मैच में कोहली चोट के चलते नहीं खेले और राहुल की कप्तानी में टीम को हार मिली. तीसरे टेस्ट में कोहली ने वापसी की, लेकिन वे मैच और सीरीज नहीं जिता सके.
केएल राहुल का प्रदर्शन ठीक ठाक रहा
भारतीय ओपनर और टीम के उपकप्तान केएल राहुल ने पहले ही टेस्ट में शतक जमाकर टीम को 113 रन से पड़ी जीत दिलाई थी. इसके बाद वे सीरीज में ज्यादा कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके. यानी वे टीम के लिए मैच विनिंग पारी नहीं खेल सके. राहुल पर अच्छी शुरुआत का दारोमदार था, लेकिन सीरीज के आखिरी दो टेस्ट में वे इसके अच्छे से अंजाम नहीं दे सके. राहुल ने तीन टेस्ट की 6 पारियों में 37.66 की औसत से 226 रन बनाए.