रविवार को भारत-पाकिस्तान के बीच विश्वकप मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में होने जा रहा है. लेकिन हजारों किमी दूर इन दोनों देशों में माहौल बन गया है. मानो एक जंग होने वाली है. बस गोलियां ही नहीं चलेंगी, लेकिन तनाव पूरा है. ऐसा कि बस इसी मैच के जरिए आजादी के बाद से हुई तीन जंग, कारगिल, कश्मीर और आतंकवाद सभी का बदला ले लिया जाए. आइए एक नजर डालें इस मैच को रोचक बनाने वाली हर बातों पर-
दर्शकों का जुनून: 20 मिनट में बिक गए सारे टिकट
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के चीफ एक्जीक्यूटिव जेम्स सदरलैंड दावा करते हैं कि भारत-पाक के बीच यह मैच खेल इतिहास का सबसे ज्यादा देखा गया मुकाबला होगा. एडिलेड ओवल में होने वाले इस मैच के सभी टिकट 20 मिनट में बिक गए हैं.
विज्ञापनों के लिए हर 10 सेकंड 25 लाख रुपए के
क्रिकेट इतिहास में सबसे महंगे विज्ञापन इस मैच के लिए बुक हुए हैं. लेकिन दर्शकों में रोमांच ऐसा है कि ब्रांड्स इस मौके को गंवाना नहीं चाहते. विश्वकप के इस शुरुआती मुकाबले के लिए स्टार स्पोर्ट्स पर 70 ब्रांड्स ने विज्ञापनों की बुकिंग कराई है. पिछले विश्वकप फाइनल में इनकी संख्या 50 से भी कम थी.
अमिताभ को चिंता, कहीं हार न जाए भारत
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन पहली बार क्रिकेट कॉमेंट्री करेंगे. सिर्फ इसी मुकाबले के लिए. हालांकि, ऐसा उन्हें अपनी फिल्म शमिताभ की पब्लिसिटी के लिए करना पड़ रहा है. लेकिन वे चिंतित हैं. एक अंधविश्वास के कारण. अमिताभ कहते हैं कि पिछले कुछ दिनों से जब भी वे टीवी पर भारत का कोई मैच देखते हैं तो भारत हार जाता है. लेकिन उम्मीद है कि यह मेरा अंधविश्वास ही हो.
भारतीय खिलाड़ी क्या सोचते हैं?
पाकिस्तान से मुकाबले को लेकर हरभजन सिंह का अनुभव दोनों देशों के खिलाडि़यों की मनोदशा को समझने में मदद कर सकता है. हरभजन 2011 विश्वकप में पाकिस्तान के खिलाफ खेले थे. वे कहते हैं कि तनाव ड्रेसिंग रूम में आने से पहले होटल रूम में ही दिखने लगता है. मुझे याद है कि मोहाली मुकाबले से पहले वाली रात मैं सो नहीं सका. तनाव ऐसा था. और जीत के बाद अगली रात कहां नींद आने वाली थी. खुशी ही ऐसी थी.
...और पाकिस्तानी खिलाडि़यों पर क्या बीतती है?
रावलपिंडी एक्सप्रेस शोएब अख्तर कहते हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी मुकाबले में हार का मतलब पाकिस्तान में बहुत भूकंप आ जाना है. एक पल के भीतर खिलाडि़यों को विलेन मान लिया जाता है. उनके घरों पर पथराव हो जाता है. हालांकि अब दोनों देशों के बीच मुकाबले कम होते हैं, लेकिन विश्वकप में तो आमना-सामना हो ही जाता है. पाकिस्तान को कम से कम इस बार तो जीतना ही चाहिए.