श्रीलंका के खिलाड़ी दिलरुवान परेरा द्वारा DRS के लिए ड्रेसिंग रूम से मदद लेने के आरोपों को श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने पूरी तरह से नकार दिया. एसएलसी ने स्पष्ट किया कि DRS के लिए उन्होंने ड्रेसिंग रूम की मदद नहीं ली थी.
बता दें कि कोलकाता टेस्ट के चौथे दिन श्रीलंकाई पारी के 57वें ओवर में मोहम्मद शमी की गेंद पर मैदानी अंपायर ने परेरा को एलबीडब्लू आउट दिया था. परेरा ने पहले अपने साथी रंगना हेराथ की तरफ देखा और फिर वह पवेलियन की तरफ मुड़ गए लेकिन उन्होंने ड्रेसिंग रूम की तरफ देखकर अचानक ही रेफरल लेने का फैसला लिया.
श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने हालांकि परेरा का पक्ष लेते हुए कहा कि उन्होंने डीआरएस समीक्षा के लिए ड्रेसिंग रूम की मदद नहीं ली थी और उन्होंने देर से फैसला रेफरल की उपलब्धता को लेकर असमंजस की स्थिति के कारण लिया.
एसएलसी ने बयान में कहा, ‘जैसा कि माना जा रहा है उसके विपरीत रेफरल के लिए ड्रेसिंग रूम से किसी तरह का संदेश नहीं गया था.’ इसमें कहा गया है, ‘दिलरूवान परेरा को लगा कि श्रीलंका के रेफरल खत्म हो गए हैं और इसलिए उन्होंने क्रीज छोड़ दी लेकिन तभी उन्होंने सुना कि रंगना हेराथ मैदानी अंपायर लॉंग से पूछ रहे हैं क्या श्रीलंका का कोई रिव्यू बचा हुआ है जिसका लॉंग ने हां में जवाब दिया.’
बयान में कहा गया है, ‘हम यह बताना चाहते हैं कि श्रीलंका का प्रत्येक खिलाड़ी और अधिकारी न सिर्फ आईसीसी के नियमों को पूरी तरह से सम्मान करता है बल्कि पूरी खेल भावना से क्रिकेट खेलता है.’ परेरा से पहले ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ भी इस तरह के विवाद में फंस गए थे. उन्होंने भारत के खिलाफ मार्च में बेंगलुरू टेस्ट मैच के दौरान ड्रेसिंग रूम से रिव्यू के लिए मदद का इशारा किया था. हालांकि यह साफ नहीं हो सका कि उन्हें ड्रेसिंग रूम से कोई मदद मिली थी या नहीं.
इस घटना के समय दूसरे छोर पर खड़े हेराथ ने भी अपने साथी का बचाव किया. उन्होंने कहा, ‘मैं अंपायर लॉंग से रिव्यू के लिए कह रहा था और शायद दिलरूवान ने इसे सुन लिया और इसके बाद उसने रिव्यू के लिये कहा.’ क्या परेरा को ड्रेसिंग रूम से मदद मिली, इस सवाल पर हेराथ ने कहा, ‘मैंने कुछ नहीं देखा. जैसे मैंने कहा मैं तब लॉंग की तरफ देख रहा था.’
नियमों के मुताबिक रिव्यू के लिए क्षेत्ररक्षण टीम के कप्तान मैदान में खिलाड़ियों से और बल्लेबाज दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज से मदद परामर्श ले सकते हैं.आईसीसी के नियम के मुताबिक अगर अंपायर को लगता है कि रिव्यू के लिए मैदान से बाहर से मदद मिली है तो वे उसे खारिज कर सकते हैं.
भारतीय टीम ने परेरा के मामले में खास प्रतिक्रिया नहीं की लेकिन पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कहा कि ड्रेसिंग रूम से मदद लेने में कुछ भी गलत नहीं है और सही फैसलों की खातिर नियमों में बदलाव किए जाने चाहिए. भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि अभी तक इस पर अधिकारियों ने कुछ नहीं कहा है इसलिए वे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे.
भुवनेश्वर ने मैच के बाद कहा, ‘हमने इस पर खास ध्यान नहीं दिया क्योंकि हम विकेट का जश्न मनाने में व्यस्त थे. इसके बाद हमने इसे रीप्ले में देखा लेकिन किसी ने टिप्पणी नहीं की क्योंकि अधिकारियों की तरफ से कुछ नहीं कहा गया था. अगर हम कहते हैं कि उन्होंने गलती की और मैच रेफरी की सोच भिन्न हो तो फिर यह हमारी तरफ से गलती होगी. जब तक स्थिति स्पष्ट न हो कोई भी विरोधाभासी टिप्पणी गलत होगी.’