भारत के 1983 में विश्व कप जीतने के बाद एशिया महाद्वीप में भी क्रिकेट का विस्तार बहुत तेजी से हुआ. भारत के अलावा श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, सऊदी अरब जैसे देशों में भी खूब क्रिकेट खेला जाने लगा. इसके बाद एशिया महाद्वीप में क्रिकेट के स्तर में भी सुधार होने लगा. बाद में पाकिस्तान ने भी एक दिवसीय क्रिकेट का वर्ल्ड कप जीता. पाकिस्तान के बाद श्रीलंका ने भी विश्व कप जीता. अब भारत दूसरे देशों में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है.
मालदीव में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए भारत काम कर रहा है. हाल ही में BCCI की एक टीम ने मालदीव का दौरा किया. इस टीम का काम मालदीव के लिए क्रिकेट टीम बनाने में उन्हें सहयोग करना है. इतना ही नहीं टीम के सदस्य वहां क्रिकेट स्टेडियम, इमारत, क्रिकेट ट्रेनिंग सेंटर आदि के निर्माण भी सहयोग करेगी. भारत मालदीव में वहां के कोच और अंपायर को भी ट्रेनिंग देगा. यह काम दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग के तहत किया जा रहा है.
पीएम मोदी कर रहे मालदीव का दौरा
नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार पीएम बनने के बाद अपने पहले दौरे के लिए मालदीव को चुना है. पीएम मोदी का मालदीव दौरा 7 और 8 जून को प्रस्तावित है. साथ ही मालदीव ने प्रधानमंत्री मोदी को मालदीव की संसद को संबोधित करने का भी न्यौता दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि संसद को संबोधित करने के दौरान पीएम नेबर फर्स्ट यानी पड़ोसी पहले की नीति पर जोर देंगे. हम आपको बता दें कि हिन्द महासागर में मालदीव भारत का अहम रणनीतिक साझेदार है. पिछले साल नवंबर में भी मोदी मालदीव के दौरे पर गए थे. इसके बाद दिसंबर में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद सालेह भारत के दौरे पर आए थे.
मालदीव को क्यों दे रहे हैं तरजीह
मालदीव में भारत का व्यापारिक हित है. लेकिन अब चीन मालदीव से नजदीकी बढ़ा रहा है और भारतीय हितों को नुकसान पहुंचा रहा है. मालदीव ने 2012 में अपने यहां एयरपोर्ट विस्तार के लिए भारत की एक निजी कंपनी को ठेका दिया था. बाद में मालदीव ने इसे छीनकर एक चीनी कंपनी को ठेका दे दिया. ऐसे में भारत मालदीव को तरजीह दे रहा है, ताकि अपना व्यापारिक हित साध सके.