
देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 में शुक्रवार को एक खास मेहमान ने हिस्सा लिया. 'क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने सेशन ‘Sachinism and the idea of India’ में अपने दिल की बात कही. सचिन तेंदुलकर ने यहां बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, वनडे वर्ल्ड कप से लेकर वनडे क्रिकेट के भविष्य पर भी बात की, साथ ही उन्होंने अपने करियर के कई मज़ेदार किस्से भी सुनाए. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में क्या-क्या बोले सचिन तेंदुलकर, जानिए...
क्या सचिन तेंदुलकर बनेंगे अगले बीसीसीआई अध्यक्ष?
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने यहां बीसीसीआई अध्यक्ष के पद को लेकर बयान दिया. जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष क्रिकेटर बने हैं, क्या सचिन भी कभी इस पद पर आएंगे? जिसका मज़ेदार जवाब देते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा कि मैं तेज़ गेंदबाजी (रोजर बिन्नी, सौरव गांगुली मध्यम गति के तेज़ गेंदबाज़ थे) नहीं करता, एक दौरे पर जब सौरव गांगुली ने विकेट निकाले तो वह 140 kmph तक फेंकने की बात कर रहा थे, लेकिन बाद में उसकी कमर में दिक्कत हो गई थी. सचिन ने हंसते हुए कहा कि मैं 140 तक नहीं फेंकता हूं. यानी सचिन ने इस पद के सवाल को एक तरह से टाल ही दिया है.
सचिन ने सुनाया मज़ेदार किस्सा
सचिन तेंदुलकर ने अपनी बातचीत की शुरुआत एक किस्से के साथ की, जिसमें उन्होंने बताया कि मैंने हरभजन सिंह को पहली बार मोहाली में देखा था, किसी ने मुझे बताया था कि भज्जी दूसरा बहुत अच्छा डालता है. ये 90’s की बात है, हर बॉल के बाद वह रनअप पर वापस ना जाकर मेरे पास आता था. जब वह बाद में टीम में आया था, तब इस बारे में उसने बात की थी. क्योंकि मैं बॉल खेलने से पहले सिर हिलाता था, तब उसे लगता था कि मैं उसे बुला रहा हूं.
क्या सचिन तेंदुलकर अब भी घर पर शैडो बैटिंग करते हैं, क्या अब भी वह नेट्स में जाते हैं? इस सवाल पर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि अब यह रोज़ाना नहीं होता है, बीच में कुछ टूर्नामेंट खेले थे तब कुछ प्रैक्टिस हो जाती थी. लेकिन मेरा मानना है कि जब आपके हाथ में बल्ला होता है, तब वह सिर्फ मज़े के लिए नहीं होना चाहिए.
सचिन को सब याद है!
क्या सचिन को उनका हर आउट याद है? इस सवाल के जवाब में सचिन ने हंसी-मज़ाक किया. 1990 में सचिन इंग्लैंड में 10 रन पर आउट हुए थे, सचिन ने बताया कि उन्हें क्रिस लुईस ने क्लीन बोल्ड किया था. 1992 में जब सचिन पहली बार वर्ल्ड कप खेल रहे थे, तब उन्हें इयान बॉथम ने आउट किया था. सचिन बोले कि जब इयान बॉथम ने जश्न मनाया था तो मैं खुश नहीं था. सचिन से यहां उनके जितने भी डिसमिसल पूछे गए, उन्होंने सबका सही जवाब दिया.
'Master Blaster' @sachin_rt tells us about some of his rare and unseen images. You will surely be surprised!
— IndiaToday (@IndiaToday) March 17, 2023
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पिच विवाद पर सचिन ने तोड़ी चुप्पी, कही ये बात
हाल ही में खत्म हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान पिच को लेकर काफी विवाद हुआ था. सचिन तेंदुलकर ने इस बहस पर अपनी राय रखी है, सचिन तेंदुलकर ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट की बहस ये नहीं होनी चाहिए कि वह कितने दिन तक चला था, लेकिन यह होनी चाहिए कि क्या वह इन्गेंजिंग रहा है या नहीं. जब आप किसी भी दौरे पर जाते हैं तो वह आसान नहीं होता है, मेरे लिए एक जिस पिच पर आप खेल रहे हैं वह काफी ज़रूरी चीज़ होती है.
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि टी-20 और वनडे बल्लेबाजों के लिए है, लेकिन हमको टेस्ट क्रिकेट को बॉलर्स के लिए बनाना होगा. अगर आप डेड पिच देंगे तो बॉलर्स के लिए कुछ नहीं है. अंत में कुछ नहीं होता है और टेस्ट क्रिकेट का मज़ा खराब हो जाता है. पिच के विवाद में इतना नहीं जाना चाहिए, आप टेस्ट क्रिकेट के मज़े पर फोकस कीजिए वह कितने दिन चलता है या नहीं उसपर फोकस होना चाहिए.
क्या है वनडे क्रिकेट का भविष्य?
सचिन ने यहां टेस्ट क्रिकेट के साथ वनडे के भविष्य पर भी बात की. सचिन ने कहा कि यह सच है कि वनडे क्रिकेट बोरिंग हो रहा है. जब आप 50 ओवर के मैच में ही दो बॉल लाते हो, तब आप रिवर्स स्विंग को खत्म कर देते हैं. अब आप 5 फील्डर 30 गज के घेरे में रख रहे हो, तो स्पिनर्स को दिक्कत हो रही है जहां वो खुल नहीं पा रहा है. वनडे क्रिकेट बोरिंग हो रहा है, जिसे जिंदा करना होगा.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सचिन तेंदुलकर ने कहा कि क्रिकेट में सलाइवा की वापसी होनी चाहिए, कोरोना के दौरान इसे वापस लिया गया था जो उस वक्त का सही फैसला था. लेकिन अब वह पल बीत चुका है, ऐसे में हमें आगे बढ़ना चाहिए. मैंने खिलाड़ियों को बॉल आर्म-पिट पर लगाते हुए देखा है. सचिन बोले कि कई बॉलर्स भी चाहते हैं कि सलाइवा को वापस लाना चाहेंगे.
महिला क्रिकेट लीग पर क्या बोले सचिन?
महिला प्रीमियर लीग को लेकर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि बीसीसीआई ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, बीसीसीआई ने अपना काम किया है और अब हमारी बारी है कि हम महिला क्रिकेट को सपोर्ट करें. WPL में महिला क्रिकेटर्स की फील्डिंग देखकर मैं हैरान हूं, यह एक शुरुआत है और हमें इसका सपोर्ट करना चाहिए. सचिन ने कहा कि आपको जिंदगी में हीरो चाहिए, जिनकी पूजा करते हुए हम बड़े होते हैं. साइना, मैरीकॉम, सिंधु, पीटी ऊषा ने यह काम किया है. अभी तक गेम हुआ तो कवरेज नहीं थी, लोग फॉलो नहीं कर रहे थे लेकिन अब ऐसा नहीं है.
आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर को इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट लिए हुए एक दशक से अधिक हो गया है, लेकिन क्रिकेट फैन्स में अभी भी उनके लिए क्रेज़ है. सचिन तेंदुलकर का इंटरनेशनल करियर अगर देखें तो उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं, जिन्हें तोड़ना मुश्किल लगता है. सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए 200 टेस्ट मैच में 15921 रन बनाए हैं, उनके नाम 51 टेस्ट शतक हैं. सचिन ने 463 वनडे मैच में 18426 रन हैं, जिनमें 49 शतक उनके नाम हैं. सचिन तेंदुलकर के नाम सबसे ज्यादा इंटरनेशनल रन, इंटरनेशनल शतक का रिकॉर्ड है.