भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आयोजित चार मैचों की टेस्ट सीरीज में पिच को लेकर खूब बवाल मचा था. नागपुर, दिल्ली और इंदौर में आयोजित पहले तीन टेस्ट मैच तीन दिन के भीतर ही समाप्त हो गए थे, वहीं अहमदाबाद टेस्ट मैच में बल्लेबाजों ने रनों का अंबार लगा दिया था. इंदौर टेस्ट मैच की पिच पर तो आईसीसी ने एक्शन लेते हुए उसे खराब बताया था और मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड की रिपोर्ट के आधार पर पिच को तीन डिमेरिट अंक दे दिए थे.
अब इंदौर की पिच को केवल एक डिमेरिट अंक
आईसीसी के इस कड़े फैसले से बीसीसीआई का गुस्सा फूट पड़ा था और उसने इंदौर के पिच की रेटिंग में बदलाव के लिए अपील की थी.
बीसीसीआई की अपील के बाद आईसीसी ने इंदौर की पिच की रेटिंग में बदलाव किया है. अब आईसीसी ने इंदौर की पिच की रेटिंग को औसत से नीचे (Below Average) में बदल दिया है और उसे केवल एक डिमेरिंग अंक मिला है.
आईसीसी ने अपने बयान में कहा, टेस्ट मैच के फुटेज की समीक्षा आईसीसी अपील पैनल द्वारा की गई, जिसमें वसीम खान और रोजर हार्पर शामिल थे. पैनल ने निष्कर्ष निकाला कि पिच को 'औसत से नीचे' रेट किया जाना चाहिए, जिसका अर्थ है कि होलकर स्टेडियम को मूल रूप से तीन के बजाय केवल एक डिमेरिट अंक प्राप्त होगा.'
🚨 The pitch rating for Indore's Holkar Stadium, which was initially rated "poor", has been changed.
— ICC (@ICC) March 27, 2023
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इंदौर में तीसरे टेस्ट में इस्तेमाल की गई पिच पर स्पिनर्स का दबदबा रहा था और पहले दिन कुल 14 विकेट गिरे थे. पूरे मैच में 31 में से 26 विकेट स्पिनरों ने लिए. वह टेस्ट दो दिन और एक सत्र तक चला, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई टीम ने नौ विकेट से जीत हासिल की थी. इंदौर टेस्ट मैच जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने WTC फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी. फिर कुछ दिनों बाद टीम इंडिया की भी फाइनल में एंट्री हो गई.
मोटेरा की पिच ‘औसत’ रही
आईसीसी ने अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच (चौथे मैच) को ‘औसत’ रेटिंग दी. यह बल्लेबाजी के लिए काफी धीमी थी. वहां दोनों टीमों ने एक-एक पारी ही पूरी की थी और मैच ड्रॉ रहा था, जिससे भारत ने सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी. आईसीसी मैच रेफरी ने वानखेडे स्टेडियम की पिच और वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम को ‘बहुत अच्छी’ रेटिंग दी, जहां भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले दो वनडे खेले गए थे.
पिच की रेटिंग को लेकर आईसीसी का ये है नियम
आईसीसी के नियमानुसार अगर किसी मैदान की पिच को पांच साल की अवधि के दौरान पांच या उससे ज्यादा डिमेरिट अंक मिलता है तो उसे एक साल तक इंटरनेशनल मैच की मेजबानी करने से रोक दिया जाता है. अब आईसीसी के फैसले से भारतीय फैन्स को बड़ी राहत मिली है. आईसीसी ने पिचों को मूल्यांकन को कुल छह वर्गों में बांटा हुआ है. इसमें बहुत अच्छा (Very Good), अच्छा (Good), औसत (Average), औसत से नीचे (Below Average), खराब (Poor) और अनुपयुक्त (Unfit) शामिल है.