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पंत और पुजारा का आउट होना बड़ा टर्निंग पॉइंट, नहीं तो भारत को मिलती ऐतिहासिक जीत

ऋषभ पंत और चेतेश्वर पुजारा ने भारत की जीत की उम्मीदें जगा दी.  पुजारा और ऋषभ पंत ने मिलकर 148 रनों की पार्टनरशिप की थी, लेकिन ऋषभ पंत महज तीन रन से अपने तीसरे टेस्ट शतक से चूक गए, जबकि पुजारा 77 रन बनाकर हेजलवुड की गेंद पर बोल्ड हो गए. अगर टीम इंडिया इस मैच में जीत दर्ज कर लेती तो वह सिडनी में 43 साल बाद जीत दर्ज कर लेती.

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India vs Australia
India vs Australia
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ऋषभ पंत और पुजारा ने बदल दी तस्वीर
  • फिर हनुमा और अश्विन ने दिखाया दम
  • टूट गया कंगारुओं की जीत का सिलसिला

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के आखिरी दिन सोमवार को जब ऑस्ट्रेलियाई टीम मैदान पर उतरी थी तो भारत के खिलाफ उसकी जीत उसके करीब दिख रही थी, लेकिन मेहमान टीम के बल्लेबाज ऋषभ पंत (97), चेतेश्वर पुजारा (77), टिकाऊ हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने अद्भुत बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की जीत के अरमानों पर पानी फेरते हुए मैच ड्रॉ करा दिया.

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एक समय मैच में था ऑस्ट्रेलिया 

भारत को ऑस्ट्रेलिया ने 407 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था जिसके जवाब में चौथे दिन भारत ने अपने दो विकेट 98 रनों पर गंवा दिए थे. पांचवें दिन ऑस्ट्रेलिया को भारत के सिर्फ आठ विकेट लेने थे. विकेट पर थे भारत के कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे और पुजारा.

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पांचवें दिन भारतीय टीम के स्कोर में चार रनों का इजाफा ही हुआ था कि नाथन लियोन ने रहाणे (4) को मैथ्यू वेड के हाथों कैच करा दिया. भारत के लिए यह बड़ा विकेट था, जिसके खोने से ऑस्ट्रेलिया की जीत की उम्मीदें और मजबूत हो गई थी.

ऋषभ पंत और पुजारा ने बदल दी तस्वीर 

ऑस्ट्रेलिया के 407 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया को रोहित शर्मा (52) ने बेहतरीन शुरुआत दी और इसके बाद ऋषभ पंत और चेतेश्वर पुजारा ने भारत की जीत की उम्मीदें जगा दी.  पुजारा और ऋषभ पंत ने मिलकर 148 रनों की पार्टनरशिप की थी, लेकिन ऋषभ पंत महज तीन रन से अपने तीसरे टेस्ट शतक से चूक गए, जबकि पुजारा 77 रन बनाकर हेजलवुड की गेंद पर बोल्ड हो गए.

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टीम इंडिया सिडनी में 43 साल बाद जीत दर्ज कर लेती

अगर टीम इंडिया इस मैच में जीत दर्ज कर लेती तो वह सिडनी में 43 साल बाद जीत दर्ज कर लेती. आखिरी बार में भारत ने 1978 में सिडनी में टेस्ट मैच जीता था. सिडनी में भारतीय टीम के रिकॉर्ड की बात करें तो वह अच्छा नहीं रहा है. भारत अब तक खेले गए 13 टेस्ट मैचों में से सिर्फ 1 ही मुकाबला जीत पाया है, जबकि 5 टेस्ट मैचों में कंगारुओं ने टीम इंडिया को मात दी है. इसके अलावा 7 मैच ड्रॉ पर खत्म हुए हैं.  

सिडनी में टीम इंडिया का रिकॉर्ड

1. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 12-18 दिसंबर 1947 - सिडनी - मैच ड्रॉ

2. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 26-31 जनवरी 1968 - सिडनी - ऑस्ट्रेलिया 144 रनों से जीता

3. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 7-12 जनवरी 1978 - सिडनी - भारत पारी और 2 रन से जीता

4. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 2-4 जनवरी 1981 - सिडनी - ऑस्ट्रेलिया पारी और 4 रन से जीता

5. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 2-6 जनवरी 1986 - सिडनी - मैच ड्रॉ

6. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 2-6 जनवरी 1992 - सिडनी - मैच ड्रॉ

7. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 2-4 जनवरी 2000 - सिडनी - ऑस्ट्रेलिया पारी और 141 रनों से जीता

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8. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 2-6 जनवरी 2004 - सिडनी - मैच ड्रॉ

9. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 2-6 जनवरी 2008 - सिडनी - ऑस्ट्रेलिया 122 रनों से जीता

10. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 3-6 जनवरी 2012 - सिडनी - ऑस्ट्रेलिया पारी और 68 रनों से जीता

11. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 6-10 जनवरी 2015 - सिडनी - मैच ड्रॉ

12. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 3-7 जनवरी 2019 - सिडनी - मैच ड्रॉ

13. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 7-11 जनवरी 2021 - सिडनी - मैच ड्रॉ

पंत के तूफान के कांपे कंगारू 

पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए चोटिल हुए पंत ने कप्तान के बाद मैदान पर कदम रखा और यहां से ऑस्ट्रेलियाई जीत के सपने की इमारत ढहनी शुरू हो गई. एक छोर पर पंत ने तेजी से रन बनाने शुरू किए और दूसरे छोर पर पुजारा पैर जमाकर खड़े रहे. दिन के पहले सेशन में यह जोड़ी नहीं टूटी और दोनों अपने-अपने अंदाज में बल्लेबाजी करते रहे. पहले सेशन की समाप्ति तक पुजारा 41 और पंत 73 रन बनाकर नाबाद थे और भारत का स्कोर तीन विकेट तक 206 रन था. 

पुजारा ने भी दिखाए तीखे तेवर 

पुजारा ने दूसरे सेशन में टेस्ट में अपने छह हजार रन पूरे किए. पुजारा ने अपना अर्धशतक भी पूरा कर लिया. दूसरे छोर पर खड़े पंत शतक की ओर बढ़ रहे थे. उनकी पारी पर लियोन ने ब्रेक लगा दिया.  पंत ने लियोन की गेंद पर बड़ा शॉट मारना चाहा, लेकिन गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर पैट कमिंस के हाथों में गई. पंत तीन रनों से शतक से चूक गए. उन्होंने अपनी मैच बचाऊ पारी में 118 गेंदों का सामना कर 12 चौके और तीन छक्के लगाए. 

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पुजारा और पंत ने की 148 रनों बड़ी साझेदारी

पंत का विकेट 250 के कुल स्कोर पर गिरा. पुजारा और पंत ने 148 रनों बड़ी साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया के लिए मुश्किलात पैदा कर दिए थे. कुछ देर बाद पुजारा भी 272 के कुल स्कोर पर जोश हेजलवुड की गेंद पर बोल्ड हो गए. उन्होंने 205 गेंदें खेली और 12 चौके मारे. पुजारा और पंत के जाने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने मैच में वापसी कर ली थी. दूसरे सत्र का खेल खत्म होने तक भारत ने पांच विकेट खोकर 280 रन बना लिए थे. एक समय जीत की ओर जाती दिख रही भारत के लिए अब मैच ड्रॉ कराना प्राथमिकता था.

विहारी ने अंगद की तरह विकेट पर पैर जमाए

विहारी ने फिर वो किया जो शायद सबसे अहम साबित हुआ. विहारी ने अंगद की तरह विकेट पर पैर जमाए और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया. वह रन नहीं बना रहे थे, यह यूं कहें रन बनाना नहीं चाहते थे. उनका लक्ष्य सिर्फ गेंद खाली खेलते हुए समय निकाला मैच को ड्रॉ कराना था. दूसरे छोर से अश्विन ने उनका बखूबी साथ दिया. विहारी जो कर रहे थे वही अश्विन भी कर रहे थे, लेकिन अश्विन का स्ट्राइक रेट विहारी से ज्यादा था. अंतत: यह दोनों खिलाड़ी अपने मंसूबों में कामयाब रहे और मैच ड्रॉ कराकर नाबाद लौटे.

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अश्विन भी बने दीवार 

विहारी ने 161 गेंदों का सामना कर सिर्फ 23 रन बनाए. उन्होंने 14.29 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए. अश्विन ने 128 गेंदों का सामना करते हुए 39 रनों की पारी खेली. अश्विन का स्ट्राइक रेट 30.47 का रहा. विहारी ने चार चौके लगाए और अश्विन ने सात चौके मारे. इन दोनों बल्लेबाजों ने छठे विकेट के लिए 62 रनों की साझेदारी की. दिन का खेल खत्म होने में एक ओवर बचा था लेकिन दोनों टीमों ने सहमति से उसे न खेलना का फैसला किया.

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