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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले गए टेस्ट मैच में सोमवार को टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया. हार के करीब पहुंची टीम ने अंत तक लड़ाई का ऐसा जज्बा दिखाया जिसके आगे कंगारू टीम पानी भरती हुई नज़र आई. यही कारण रहा कि ऑस्ट्रेलिया जीत के करीब पहुंचकर भी उसे पा ना सकी और अंत में भारत ने मैच ड्रॉ करवा दिया. टेस्ट क्रिकेट कितना शानदार हो सकता है, वो टीम इंडिया के प्रदर्शन ने दिखाया.
सोमवार को इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच को ड्रॉ करवाने के पीछे कई खिलाड़ियों का परिश्रम रहा, जिन्होंने अंत तक जी-जान के साथ मैदान पर अपना सौ फीसदी से अधिक देने की कोशिश की. आप भी उन हीरो पर नजर डालें, जिन्होंने सिडनी में इतिहास रच दिया...
1. ऋषभ पंत
पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए चोटिल हुए ऋषभ पंत फील्डिंग के दौरान विकेटकीपिंग भी ना कर सके. ऐसे में जब ऑस्ट्रेलिया ने 400 से अधिक रनों का पहाड़ सा लक्ष्य दिया, तो भारतीय टीम खतरे में थी. लेकिन ऐसे संकट में जब पांचवें दिन की शुरुआत में कप्तान रहाणे जल्दी लौटे, तो पंत ने दर्द को सहते हुए मोर्चा संभाला. हार की कगार पर खड़ी टीम इंडिया को अगर कहीं जीत की उम्मीद दिखी, तो उसका कारण पंत बने जिन्होंने टेस्ट मैच में भी धमाकेदार पारी खेली और कंगारुओं के छक्के छुड़ा दिए. पंत ने 12 चौके, 3 छक्के जड़ते हुए 97 रन बना डाले, लेकिन अंत में शतक से चूक गए.
2. चेतेश्वर पुजारा
पहली पारी में अपनी धीमी बल्लेबाजी के लिए दिग्गजों के निशाने पर आने वाले चेतेश्वर पुजारा ने साबित किया कि उनका धैर्य ही उनकी ताकत है. एक छोर से जब पंत रन बरसा रहे थे, तब पुजारा ने दूसरे छोर पर खूंटा गाड़ दिया. अंत में उन्होंने अपने रनों की रफ्तार को आगे भी बढ़ाया. चेतेश्वर पुजारा ने शानदार 77 रन बनाए, कंगारुओं को छकाया और टीम इंडिया को हार के मुंह में जाने से बचाया. इतना ही नहीं पुजारा ने अपने टेस्ट करियर के 6 हजार रन भी पूरे किए.
3. हनुमा विहारी
जब ऋषभ पंत को हनुमा विहारी से पहले बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया, तो हर कोई चौंका था. लेकिन पंत-पुजारा के जाने के बाद हनुमा विहारी ने सिडनी की पिच पर अंगद के पैर की तरह खुद को जमा दिया. हैम्सट्रिंग होने के बाद हनुमा विहारी दर्द की गोलियां खाकर बैटिंग कर रहे थे और उन्होंने अकेले दम पर कंगारुओं को छका दिया. हनुमा ने 161 बॉल खेलीं और सिर्फ 23 रन बनाए. लेकिन इसी ने मैच को ड्रॉ कराया. भले ही आंकड़ों की नजरों में ये पारी काफी धीमी गिनी जाएगी, लेकिन आंकड़े आज के हालात की सच्चाई बयां नहीं कर पाएंगे.
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Moments to cherish for a long time 👏👏
— BCCI (@BCCI) January 11, 2021
Visuals from inside the dressing room as #TeamIndia pull off a remarkable draw at the SCG 🏟️
Exclusive interview coming up shortly on https://t.co/uKFHYdKZLG. Stay tuned! pic.twitter.com/7dE0OcWqBb
4. आर. अश्विन
जब टीम के अधिकतर खिलाड़ी चोटिल थे और अंतिम दिन मैच बचाने की बारी आ गई थी. तब हनुमा विहारी के साथ दूसरे छोर पर अश्विन ने मोर्चा संभाला और एक पक्के बल्लेबाज की तरह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को अपनी टेकनिक से छकाया. अश्विन ने नाबाद 38 रन बनाए और 128 गेंदें खेलीं, हनुमा विहारी के साथ नाबाद साझेदारी की. इसके अलावा उन्होंने मैच में दो विकेट भी लिए.
5. रवींद्र जडेजा
रवींद्र जडेजा ने पहली पारी में शानदार स्कोर की ओर बढ़ रहे कंगारुओं को अकेले दम पर रोका. उन्होंने गेंदबाजी करते हुए चार विकेट झटके और अंत में स्टीव स्मिथ को रन आउट किया. इसके अलावा बल्लेबाजी करते हुए भी शानदार पारी खेली, लेकिन इसी दौरान उनको चोट लग गई थी. आज जब आखिरी दिन था, तब भी जडेजा इंजेक्शन लगवाकर बल्लेबाजी के लिए तैयार थे यानी विकेट गिरते तो वो मैदान में बल्लेबाजी करते हुए दिखते.
इन प्रमुख खिलाड़ियों के अलावा भी रोहित शर्मा की टेस्ट में वापसी ने उम्मीद जताई जहां उन्हें एक अच्छी शुरुआत मिली. इसके अलावा शुभमन गिल ने दोनों ही पारियों में अपनी छाप छोड़ी. इसके अलावा कई अहम पलों पर कप्तान अजिंक्य रहाणे के फैसलों ने टेस्ट मैच का रुख ही बदल दिया.
आंकड़ें नहीं बयां करेंगे इस ड्रॉ की सच्चाई..
रविंद्र जडेजा का चोटिल होना, ऋषभ पंत का दर्द के बावजूद बल्लेबाजी करना, हनुमा विहारी का दवाई खाकर बल्लेबाजी करना, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों-फील्डरों की लगातार स्लेजिंग झेलना, दर्शकों का खिलाड़ियों के साथ बुरा व्यवहार करना, इतनी मुसीबतों के बाद भी टीम इंडिया ने हार को सिडनी में टाल दिया. ऐसे में आंकड़ों में भले ही ये सिर्फ एक ड्रॉ कहलाया जाएगा, लेकिन टीम इंडिया ने जिन हालातों में ये ड्रॉ हासिल किया उसकी तारीफ हर क्रिकेटप्रेमी कर रहा है.
पहले ऋषभ पंत और चेतश्वर पुजारा, फिर हनुमा विहारी और आर. अश्विन जिस वक्त बल्लेबाजी कर रहे थे तब ऑस्ट्रेलियाई टीम ने स्लेजिंग के हर तरीके को अपनाया. कंगारू कप्तान टीम पेन लगातार विकेट के पीछे खड़े होकर बल्लेबाजों पर कमेंट कर रहे थे, साथ ही साथ में खड़े फील्डर भी बल्लेबाजों को परेशान कर रहे थे. इतना ही नहीं स्टीव स्मिथ ने पिच के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश भी की, लेकिन कंगारु अपने इस प्लान में सफल ना हो पाए.
BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली हो या फिर दिग्गज सुनील गावस्कर, हर किसी ने टीम इंडिया के इस कैरेक्टर की तारीफ की है. जिन्होंने आधी टीम के चोटिल होने के बाद भी लड़ने का जज्बा नहीं छोड़ा और अंत तक कंगारुओं को कड़ा जवाब दिया.