आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के दूसरे सेमीफाइनल में भिड़ने के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें तैयार हैं. दोनों ही टीमों के प्लेइंग इलेवन में बदलाव होने की संभावना ना के बराबर है. सेमीफाइनल का मुकाबला बराबरी का माना जा रहा है.
एक नजर दोनों खिलाड़ियों के प्लेइंग इलेवन और उनके प्रदर्शन पर. प्लेइंग 11-
शिखर धवन vs डेविड वार्नर- टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन बड़े मैचों के खिलाड़ी माने जाते हैं. वो अगर फॉर्म में हों तो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ा सकते हैं. धवन का बल्लेबाजी औसत 43.96 का है और उन्होंने 60 वनडे मैचों में 2462 रन जड़े हैं.
डेविड वार्नर इस वर्ल्ड कप के दौरान अफगानिस्तान के खिलाफ 178 रनों की पारी के अलावा कुछ खास नहीं कर सके हैं. लेकिन वार्नर टीम इंडिया के लिए खतरा साबित हो सकते हैं. वो तेज गति से बड़े स्कोर बनाने में माहिर हैं. वार्नर ने 60 मैचों में 34.91 की औसत से 1990 रन बनाए हैं.
रोहित शर्मा vs एरोन फिंच- रोहित शर्मा दुनिया के एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट में 2 डबल सेंचुरी ठोकी हैं. इसमें से पहली डबल सेंचुरी तो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही जड़ी थी. क्वार्टर फाइनल में सेंचुरी जड़कर रोहित ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. रोहित ने 134 वनडे मैचों में 39.49 की औसत से 4186 रन बनाए हैं.
एरोन फिंच ने इंग्लैंड के खिलाफ 135 रनों की तूफानी पारी खेली थी. फिंच तेजी से रन बनाने में माहिर हैं और गेंदबाजों की लय बिगाड़ने के लिए उन्हें जाना जाता है. उन्होंने 47 मैचों में 36.57 की औसत से 1646 रन बनाए हैं.
विराट कोहली vs स्टीवन स्मिथ- विराट कोहली टीम इंडिया के लिए कई बार मैच विनर साबित हो चुके हैं. विराट को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने में बहुत मजा आता है ऐसे में सेमीफाइनल में उनके खेल पर नजर होना लाजमी है. मुश्किल समय से टीम इंडिया को निकालने में कोहली माहिर हैं. उन्होंने 157 वनडे मैचों में 51.87 की औसत से 6536 रन बनाए हैं.
विराट की तरह स्टीम स्मिथ भी प्रेशर में बिखरते नहीं हैं. क्वार्टर फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने ऐसा ही किया था और टीम को जीत तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. स्टीव ने 56 मैचों में 37.51 की औसत से 1388 रन बनाए हैं. भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान स्मिथ का प्रदर्शन काफी शानदार रहा था.
अजिंक्य रहाणे vs माइकल क्लार्क- अजिंक्य रहाणे सिचुएशन के मुताबिक बल्लेबाजी करते हैं. जरूरत पड़े तो तेजी से रन भी बना सकते हैं और ऐसे ही विकेट पर टिक कर भी खेल सकते हैं. रहाणे इस वर्ल्ड कप में अभी तक कोई बहुत बड़ी पारी नहीं खेल सके हैं सेमीफाइनल में अगर मौका मिलता है तो वो ऐसा जरूर करना चाहेंगे. रहाणे ने 53 वनडे मैचों में 30.80 की औसत से 1540 रन बनाए हैं.
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में शुमार हैं. ऑस्ट्रेलियाई मिडिल ऑर्डर को मजबूती देने का काम क्लार्क करते हैं. उन्होंने 243 मैचों में 44.61 की औसत से 7897 रन बनाए हैं.
सुरेश रैना vs ग्लेन मैक्सवेल- सुरेश रैना वर्ल्ड कप से पहले भले ही आउट ऑफ फॉर्म थे लेकिन अब वो पूरी तरह फॉर्म में आ चुके हैं. रैना अच्छे मैच फिनिशर हैं. बल्लेबाजी के साथ रैना गेंदबाजी में भी उपयोगी साबित हो सकते हैं. कामचलाऊ गेंदबाज के तौर पर उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. रैना शानदार फील्डर भी हैं. रैना ने 214 मैचों में 36.35 के औसत से 5381 रन बनाए हैं.
ग्लेन मैक्सवेल बड़े शॉट खेलने के लिए जाने जाते हैं. इसके अलावा वो अच्छी स्पिन गेंदबाजी भी कर लेते हैं. मैक्सवेल ने 47 मैचों में 35.36 की औसत से 1344 रन बनाए हैं.
रविंद्र जडेजा vs शेन वाटसन- रविंद्र जडेजा बैट्समैन, बॉलर और फील्डर के तौर पर टीम को बहुत कुछ दे सकते हैं. गेंदबाज के तौर पर वो वर्ल्ड कप में जलवा बिखेर चुके हैं लेकिन अभी बल्ले से कुछ कमाल नहीं कर सके हैं. बांग्लादेश के खिलाफ हालांकि उन्होंने कुछ अच्छे शॉट्स खेलकर संकेत दिए हैं कि जरूरत पड़ने पर वो बल्लेबाजी के लिए भी तैयार हैं. जडेजा ने 118 मैचों में 32.77 की औसत से 1737 रन बनाए हैं और 32.80 की औसत से 143 विकेट झटके हैं.
शेन वाटसन मीडियम पेस गेंदबाज हैं और बहुत अच्छे बल्लेबाज भी. पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को हार के संकट से उबार कर जीत तक पहुंचाया था. वाटसन ने 185 मैचों में 40.49 की औसत से 5656 रन बनाए हैं और 31.56 की औसत से 166 विकेट झटके हैं.
एम एस धोनी vs ब्रैड हैडिन- टीम इंडिया के कैप्टन कूल एम एस धोनी दुनिया के बेस्ट मैच फिनिशर्स में शुमार हैं. टीम को मुश्किल से उबारकर जीत तक ले जाने में माही का कोई सानी नहीं है. स्टंप के पीछे भी धोनी काफी चुस्त और सतर्क रहते हैं. धोनी ने 261 मैचों में 52.38 की औसत से 8434 रन बनाए हैं और इसके अलावा 244 कैच और 85 स्टंपिंग की है.
ब्रैड हैडिन काफी अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. आखिरी के ओवरों में वो अहम साबित हो सकते हैं. हैडिन ने 124 मैचों में 31.46 की औसत से 3115 रन बनाए हैं और 165 कैच और 11 स्टंपिंग की है.
आर अश्विन vs जेम्स फॉकनर- आर अश्विन टीम इंडिया के स्पिन आक्रमण के अगुवा होने के साथ साथ निचले क्रम में अच्छी बल्लेबाजी भी कर सकते हैं. विकेट लेने के अलावा अश्विन रनों पर अंकुश लगाकर विरोधी टीम पर शिकंजा कस सकते हैं. अश्विन ने 31.85 की औसत से 95 मैचों में 132 विकेट झटके हैं.
जेम्स फॉकनर क्रिकेट के छोटे फॉरमेट के लिए अच्छे ऑलराउंडर साबित हो रहे हैं. फॉकनर बड़े शॉट्स खेल सकते हैं और आखिरी के ओवरों में मैच पलट सकते हैं. इसके अलावा वो मीडियम पेस गेंदबाजी से विरोधी बल्लेबाजों को परेशान करते हैं. उन्होंने 31.85 की औसत से 42 मैचों में 54 विकेट झटके हैं.
मोहित शर्मा vs जोश हेजलवुड- मोहित शर्मा विकेट टू विकेट गेंदबाजी करते हैं और पेस में अच्छा मिश्रण करके विरोधी टीम को परेशान करते हैं. टीम को जब भी विकेट की जरूरत होती है तो मोहित को याद किया जाता है और इस वर्ल्ड कप में उन्होंने कप्तान और क्रिकेट फैन्स दोनों को कम ही निराश किया है. 30.66 की औसत से मोहित ने 19 मैच में 21 विकेट झटके हैं.
पाकिस्तान के खिलाफ जोश हेजलवुड ऑस्ट्रेलिया के लिए अहम प्लेयर साबित हुए थे. उन्होंने 4 विकेट लिए थे. हेजलवुड के पास भले ही बहुत पेस ना हो लेकिन वो अच्छी लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करते हैं. उन्होंने 20.77 की औसत से 11 मैच में 18 विकेट झटके हैं.
उमेश यादव vs मिशेल स्टार्क- पारी की शुरुआत करने में उमेश यादव ने इस वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी का अच्छा साथ दिया है. यादव तेजी से गेंद फेंकते हैं और बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं देते हैं. उन्होंने 32.30 की औसत से 47 मैचों में 63 विकेट झटके हैं.
मिशेल स्टार्क अपनी तेज और स्विंग गेंदबाजी से विरोधी बल्लेबाजों को खूब परेशान करते हैं. उनके खिलाफ टीम इंडिया के बल्लेबाजों की असली परीक्षा होगी. वर्ल्ड कप के लीडिंग विकेट लेने वालों में शुमार स्टार्क का इकॉनमी रेट भी शानदार रहा है. स्टार्क ने 39 मैचों में 18.65 की गजब की औसत से 79 विकेट झटके हैं.
मोहम्मद शमी vs मिशेल जॉनसन- वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया के पेस अटैक को अनुभवहीन बताया जा रहा था. मोहम्मद शमी ने अनुभव कम होने के बावजूद अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया. वसीम अकरम तक इस गेंदबाज से खासे प्रभावित हुए हैं. शमी इस वर्ल्ड कप में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट ले चुके हैं. वो तेजी और स्विंग दोनों का इस्तेमाल अच्छे से कर रहे हैं. शमी ने 46 मैचों में 24.11 की औसत से 87 विकेट लिए हैं.
मिशेल जॉनसन का इस वर्ल्ड कप में भले ही रिकॉर्ड अच्छा ना रहा हो लेकिन इस गेंदबाजों को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. जॉनसन ने 25.46 की औसत से 151 मैचों में 234 विकेट झटके हैं.