टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट मैच में पारी और 64 रनों से धमाकेदार जीत हासिल की. इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज पर 4-1 से कब्जा जमा लिया. भारतीय टीम ने जहां अपने घर पर लगातार 17वीं टेस्ट सीरीज जीती है. वहीं ब्रैंडन मैक्कुलम के कोच और बेन स्टोक्स के कप्तान बनने के बाद से इंग्लैंड की यह पहली सीरीज हार रही.
टीम इंडिया की इस सीरीज में शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और उसे हैदराबाद टेस्ट मैच में हार झेलनी पड़ी थी. इसके बाद रोहित ब्रिगेड ने जबरदस्त वापसी करते हुए लगातार चार मैच जीत लिए. भारतीय टीम ने लगातार चार मैच जीतकर इंग्लैंड की बैजबॉल रणनीति को भी तहस-नहस कर दिया. चाहे बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी, भारतीय खिलाड़ी हर डिपार्टमेंट में अंग्रेजों पर भारी पड़े. टीम इंडिया के इस यादगार प्रदर्शन में छह खिलाड़ियों की अहम भूमिका रही और वह इस सीरीज के स्टार परफॉर्मर रहे...
A 4⃣-1⃣ series win 🙌
— BCCI (@BCCI) March 9, 2024
BCCI Honorary Secretary Mr. @JayShah presents the 🏆 to #TeamIndia Captain Rohit Sharma 👏👏
Scorecard ▶️ https://t.co/OwZ4YNua1o#INDvENG | @IDFCFIRSTBank | @ImRo45 pic.twitter.com/KKpRaaGbOU
1. यशस्वी जायसवाल- इस सीरीज में बैजबॉल का तोड़ 'जायसवाल का जैसबॉल' बना. यशस्वी ने पूरी सीरीज में अटैकिंग अंदाज में बल्लेबाजी की. यशस्वी ने इस सीरीज में कुल 9 पारियों में सर्वाधिक 712 रन बनाए, जिसमें दो दोहरे शतक और तीन अर्धशतक शामिल रहे. इस दौरान यशस्वी का स्ट्राइक रेट 79.91 और औसत 89.00 रहा. यशस्वी ने 68 चौके और 26 छक्के लगाए. 22 साल के यशस्वी ने वाइजैग (विशाखापत्तनम) टेस्ट मैच में 209 रनों की पारी खेली थी. फिर राजकोट टेस्ट में भी इस युवा खिलाड़ी ने भारत की दूसरी पारी में 214 रन बना डाले. फिर रांची और धर्मशाला टेस्ट मैच में भी यशस्वी का प्रदर्शन शानदार रहा. यशस्वी इस शानदार प्रदर्शन के चलते 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' चुने गए.
2. रोहित शर्मा- टीम इंडिया की जीत में कप्तान रोहित शर्मा की बेहद अहम भूमिका रही. रोहित ने कप्तानी के साथ-साथ बल्ले से भी कमाल का खेल दिखाया. रोहित ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 44.44 की औसत से 400 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से दो शतक और एक अर्धशतक निकला. राजकोट टेस्ट में भारत पहले ही घंटे में तीन विकेट खोकर मुश्किलों में था, लेकिन रोहित ने शतकीय पारी खेलकर अपनी टीम को उबार लिया था.
3. कुलदीप यादव: कुलदीप यादव मूलत: गेंदबाज हैं, लेकिन उन्होंने इस सीरीज में गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी दमदार प्रदर्शन किया. कुलदीप ने 8 पारियों में 20.15 की औसत से 19 विकेट चटकाए. बल्लेबाजी की बात करें तो कुलदीप ने इस सीरीज में छह पारियों को मिलाकर कुल 362 गेंदें खेलकर 97 रन बनाए. कुलदीप को हैदराबाद टेस्ट मैच में मौका नहीं मिला था, लेकिन इसके बाद उन्होंने टीम मैनेजमेंट के भरोसे पर खरे उतरते हुए सीरीज जीत में अहम किरदार निभाया.
4. रविचंद्रन अश्विन- अनुभवी ऑफ-स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने धर्मशाला में अपने टेस्ट करियर का 100वां मैच खेला. अश्विन इस सीरीज जीत के हीरोज में से एक रहे. अश्विन ने कुल 10 पारियों में 24.80 की औसत से सबसे ज्यादा 26 विकेट चटकाए. इस दौरान अश्विन ने दो बार पारी में पांच विकेट लिए. 37 साल के अश्विन ने बल्ले से भी उपयोग योगदान दिया और सात पारियों में 116 रन बनाए.
5. रवींद्र जडेजा- टीम इंडिया की सीरीज जीत में बाएं हाथ के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा की भी अहम भूमिका रही. जडेजा ने गेंद के साथ-साथ बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया. जडेजा ने छह पारियों में 38.66 के एवरेज से 232 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल रहा. गेंदबाजी की बात करें तो जडेजा ने छह पारियों में 25.05 के एवरेज से 19 विकेट चटकाए.
6. शुभमन गिल: ओपनर यशस्वी जायसवाल के बाद इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन शुभमन गिल ने ही बनाए. गिल इस सीरीज में टीम मैनेजमेंट के भरोसे पर पूरी तरह खरे उतरे. गिल ने अंग्रेजोंं के खिलाफ 5 मैचों में 452 रन बना डाले. इस दौरान गिल का एवरेज 56.5 का रहा. गिल के बल्ले से धर्मशाला और विशाखापत्तनम में शतक भी आए.
भारत Vs इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का नतीजा
1st टेस्ट: 25-29 जनवरी, हैदराबाद (इंग्लैंड 28 रनों से जीता)
2nd टेस्ट: 2-6 फरवरी, विशाखापत्तनम (भारत 106 रनों से जीता)
3rd टेस्ट: 15-19 फरवरी, राजकोट (भारत 434 रनों से जीता)
4th टेस्ट: 23-27 फरवरी, रांची (भारत 5 विकेट से जीता)
5th टेस्ट: 7-11 मार्च, धर्मशाला (भारत पारी और 64 रनों से जीता)