टीम इंडिया जब इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में खेले जाने वाले तीसरे और निर्णायक वनडे में उतरेगी तो उसका मकसद जीत के साथ लगातार 10वीं बाईलैटरल वनडे सीरीज पर कब्जा करने का होगा.
लेकिन अगर उन्हें हार मिलती है तो वह न सिर्फ इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज गंवाएंगे बल्कि लगातार 10वीं बाईलैटरल वनडे सीरीज जीतने का मौका भी खो देंगे. नॉटिघंम में पहले मैच में आठ विकेट से जीत दर्ज करने के बाद लॉर्ड्स में टीम को 86 रन की हार झेलनी पड़ी, जिससे दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर आ गई.
सिर्फ जीत से बरकरार रहेगा यह ताज
पिछले मैच में मिडिल ऑर्डर की कमजोरियों के उजागर होने के बाद भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ निर्णायक वनडे में इन कमियों को दूर करना चाहेगी जिसमें जीत से विराट कोहली के खिलाड़ी लगातार 10वीं सीरीज अपने नाम कर लेंगे.
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लगातार सबसे अधिक द्विपक्षीय वनडे सीरीज जीतने की बात करें, तो यह वर्ल्ड रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के नाम है. जिसने मई 1980 से मार्च 1988 के दौरान लगातार 15 सीरीज पर कब्जा किया. टीम इंडिया लगातार 9 सीरीज जीतकर दूसरे स्थान पर है, जबकि ऑस्ट्रेलिया (8) तीसरे स्थान पर है.
लगातार बाइलैटरल सीरीज जीतने का रिकॉर्ड
15 - वेस्टइंडीज (1980-1988) (इसमें एक वनडे मैच की सीरीज भी शामिल है. भारत के खिलाफ जनवरी 1988 में)
9 - भारत (2016 से लेकर अब तक जारी)
8 - ऑस्ट्रेलिया (2009-10)
7 - पाकिस्तान (2011-2012)
जनवरी 2016 में भारत को बाईलैटरल वनडे इंटरनेशनल सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-4 से हार झेलनी पड़ी थी, लेकिन इसके बाद से उसने हर द्विपक्षीय वनडे सीरीज अपने नाम की है. उसने जिम्बाब्वे, न्यूजीलैंड (दो बार), इंग्लैंड , वेस्टइंडीज , श्रीलंका (दो बार), ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका को घरेलू और उसके मैदान पर पराजित किया.
वनडे में इंग्लैंड पर भारत का दबदबा बरकरार
टीम इंडिया के लिए यह इंग्लैंड पर वनडे श्रेष्ठता सुनिश्चित रखने का एक और मौका होगा क्योंकि भारत ने 2011 के बाद इस प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाफ द्विपक्षीय वनडे इंटरनेशनल सीरीज नहीं गवाई है. सात साल पहले यहां 0-3 हार के बाद भारत ने दबदबा बरकरार रखा है और 17 मैचों में से 10 में फतह हासिल की है.
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साल 2015 के बाद से इंग्लैंड के सफेद गेंद के क्रिकेट में प्रभुत्व को देखते हुए पिछले दो मुकाबलों में समीकरण संतुलित हो गए हैं. भारत ने जनवरी 2017 में घरेलू सीरीज में 2-1 से जीत हासिल की थी और मौजूदा सीरीज में भी मुकाबला इसी अंतर पर समाप्त होगा, भले ही कोई भी टीम जीते.
हालांकि इंग्लैंड का टी-20 के बजाय वनडे में दबदबा मजबूत है. पिछले मुकाबले को देखा जाए तो इसमें भारत की 50 ओवर के प्रारूप की कमजोरी उजागर हुई जो टी-20 क्रिकेट की वजह से कुछ हद तक छुपी रही हैं.