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IND vs NZ: द्रविड़ के आने से ड्रेसिंग रूम में क्या बदला? जानिए क्यों अश्विन बोले- अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी

48 साल के द्रविड़ ने भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री की जगह ली है. उनके कार्यकाल की शुरुआत भारत और न्यूजीलैंड के बीच मौजूदा टी20 सीरीज के साथ हुई.

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Ashwin and Dravid (ANI)
Ashwin and Dravid (ANI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • द्रविड़ ने मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री की जगह ली है
  • अश्विन बोले- उनकी कोचिंग शैली पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी

भारत के शीर्ष स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को भरोसा है कि राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में ड्रेसिंग रूम में खुशियां लौटेंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि इस दिग्गज की कोचिंग शैली पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी.

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48 साल के द्रविड़ ने भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री की जगह ली है. उनके कार्यकाल की शुरुआत भारत और न्यूजीलैंड के बीच मौजूदा टी20 सीरीज के साथ हुई.

अश्विन ने चार साल बाहर रहने के बाद भारत की सीमित ओवरों की टीम में वापसी की है. इस ऑफ स्पिनर को 2017 के मध्य से एक भी सीमित ओवरों का मुकाबला खेलने को नहीं मिला था और हाल में टीम के इंग्लैंड के टेस्ट दौरे पर भी उन्होंने दर्शक की ही भूमिका निभाई थी.

इस 35 साल के खिलाड़ी ने हाल में संपन्न टी20 विश्व कप के दौरान वापसी की, जब उन्हें अफगानिस्तान के खिलाफ खेलने का मौका मिला, वह न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए भी भारतीय टीम का हिस्सा हैं और बुधवार को पहले मैच में उन्होंने दो विकेट चटकाए.

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अश्विन ने बुधवार को भारत की पांच विकेट से जीत के बाद कहा, ‘राहुल द्रविड़ की कोचिंग शैली पर टिप्पणी करना अभी मेरे लिए जल्दबाजी होगी, लेकिन उन्होंने अंडर-19 स्तर से ही मापदंड स्थापित किए है.’

उन्होंने कहा, ‘वह काफी चीजें भाग्य के सहारे नहीं छोड़ेंगे और वह तैयारी तथा प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं, जिससे कि हम भारतीय ड्रेसिंग रूम में खुशियों की वापसी कर पाएं.’ भारतीय टीम में नया नेतृत्व समूह बना है. द्रविड़ ने शास्त्री की जगह ली है तो टी20 में विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा टीम की कमान संभाल रहे हैं.

पहले टी20 के संदर्भ में अश्विन ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि गेंद की गति धीमी करने से काफी फायदा हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘आप जितनी धीमी गेंद फेंकोगे, पिच से उतनी ही मदद मिल रही थी. अगर आप सीम के साथ गेंद को हवा में अधिक देर रखोगे तो मदद मिल सकती है जैसा (मिशेल) सेंटनर ने दूसरी पारी में दिखाया.’

भारत को 165 रनों का लक्ष्य मिला था और अश्विन का मानना है कि उनकी टीम को मैच को अंतिम ओवर तक नहीं ले जाना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘प्रतिस्पर्धी स्कोर से कम रन थे और हमने सोचा था कि 170 से 180 रन प्रतिस्पर्धी स्कोर होगा. हमने सोचा था कि हम 15वें ओवर के आसपास जीत दर्ज कर लेंगे, लेकिन टी20 क्रिकेट में ऐसा होता है.’

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