भारत और पाकिस्तान के बीच काफी सालों से द्विपक्षीय सीरीज का आयोजन नहीं हुआ है. पिछली बार 2012-13 में भारतीय सरजमीं पर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज हुई थी. तब पाकिस्तान ने तीन वनडे और दो टी20 मुकाबलों के लिए भारत का दौरा किया था. जहां वनडे सीरीज में पाक टीम 2-1 से विजयी हुई थी, वहीं टी20 सीरीज 1-1 से बराबर रही. दोनों देश फिलहाल आईसीसी विश्व कप और एशिया कप में ही एक दूसरे के साथ खेलते हैं.
15 साल पहले दोनों के बीच हुआ था टेस्ट मैच
खास बात यह है कि दोनों देशों के बीच आखिरी द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज को तो लगभग 15 साल हो चुके हैं. Telegraph की रिपोर्ट के मुताबिक अब इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड पाकिस्तान-भारत के बीच टेस्ट सीरीज की मेजबान बनने की पेशकश की है. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष मार्टिन डार्लो ने इंग्लैंड-पाकिस्तान के बीच जारी टी20 सीरीज के दौरान पीसीबी के साथ बातचीत की है, जिसके अनुसार मुताबिक ईसीबी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारत-PAK की मेजबानी करना चाहता है.
बीसीसीआई ने दिया ये जवाब
अब द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज को लेकर बीसीसीआई का भी बयान आया है. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, 'पहली बात तो यह है कि ईसीबी ने भारत-पाकिस्तान श्रृंखला को लेकर पीसीबी से बात की है जो कि थोड़ा अजीब है. किसी भी तरह से पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज का फैसला बीसीसीआई नहीं बल्कि सरकार करेगी. अभी यथास्थिति बरकरार है. हम पाकिस्तान के खिलाफ केवल आईसीसी जैसे बड़े इवेंट्स में ही खेलेंगे.'
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भारतीय टीम के लिए पाकिस्तान से न्यूट्रल वेन्यू पर खेलना राजनीतिक रूप से अधिक स्वीकार्य होगा. भारत-पाकिस्तान मैच दर्शकों को काफी आकर्षित करते हैं और इससे प्रायजकों को भी जमकर मुनाफा होता है. जब भारत ने 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल में पाकिस्तान से मुकाबला किया, तो 495 मिलियन लोगों ने मैच को देखा था.
2007 में पाकिस्तान-भारत के बीच आखिरी टेस्ट सीरीज हुई थी, तब पाकिस्तान ने भारत का दौरा किया था. पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भी आईपीएल के पहले सीजन के बाद से खेलने का मौका नहीं मिला है. ऐसे में यदि आईपीएल के मालिक अन्य लीगों में टीम खरीदते हैं तो इसका प्रभाव पड़ता है. उदाहरण के लिए अगले साल फरवरी में साउथ अफ्रीका के खिलापफ टी20 लीग में कोई भी पाकिस्तानी खिलाड़ी नहीं खेल रहा है, जहां सभी टीमों के मालिक भारतीय हैं.
भारत से खेलना पीसीबी के लिए फायदेमंद
यह समझा जाता है कि पीसीबी इस समय न्यूट्रल वेन्यू पर भारत के साथ खेलने के लिए उत्सुक नहीं है, लेकिन ईसीबी की पेशकश के लिए उसने आभार जताया जो दोनों बोर्डों के बीच बढ़ते संबंधों को दर्शाता है. एक दशक की लंबी अनुपस्थिति के बाद पाकिस्तान ने हाल ही में इंटरनेशनल टीमों को अपने देश का दौरा करने के लिए राजी किया है. भले ही पाकिस्तान और भारत के क्रिकेट बोर्ड्स सीरीज खेलने के लिए राजी भी हो जाए, तो दोनों देशों के सरकारों की सहमति के बगैर यह सीरीज संभव नहीं हो सकता.
दोनों देशो के बीच खराब राजनीतिक एवं कूटनीतिक रिश्तों के बावजूद पीसीबी और बीसीसीआई के बीच अच्छे संबंध हैं. भारत के साथ नहीं खेलन से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड वित्तीय रूप से प्रभावित होता हैय इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया एशेज सीरीज के मुकाबले भारत से खेलने से ज्यादा पैसा कमाते हैं, जो इस बात पर प्रकाश डालता है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ सीरीज को कितना मिस कर रहा होगा.
इंग्लैंड कर चुका है पाकिस्तान-AUS की मेजबानी
इंग्लैंड पहले भी पाकिस्तान टीम के मुकाबलों की मेजबानी कर चुका है. साल 2010 में लॉर्ड्स और हेडिंग्ले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पाकिस्तान ने दो टेस्ट मैच खेले थे. यॉर्कशायर काउंटी ने उस दौरान पाकिस्तान-ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी के लिए बांग्लादेश के खिलाफ इंग्लैंड टेस्ट मैच को होस्ट नहीं करने का फैसला किया था, लेकिन टिकटों की बिक्री निराशाजनक रही और उन्हें नुकसान हुआ. लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच टेस्ट सीरीज होती है तो टिकट बेचना आसान होगा, खासकर अगर मैच लंदन और बर्मिंघम में आयोजित किए जाते हैं. वहीं एजबेस्टन तीसरे वेन्यू के रूप में फिट बैठेगा.