दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में भारतीय टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा. टीम इंडिया ने अच्छी शुरुआत के बाद भी जीत हासिल नहीं कर पाई. इसका एक बड़ा कारण था मध्यक्रम के बल्लेबाजों का फेल होना. रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में कप्तान केएल राहुल टीम इंडिया की ओपनिंग की जिम्मेदारी भी शिखर धवन के साथ संभाल रहे हैं. भारत के लिए नंबर 5 पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले राहुल की कमी टीम को मध्यक्रम में खली.
मध्यक्रम की लापरवाही
297 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया को पहला विकेट गिरने के बाद विराट कोहली और शिखर धवन ने बखूबी संभाला था लेकिन दूसरे विकेट के बाद लगातार भारतीय बल्लेबाज अपना विकेट खोते गए और टीम इंडिया पर दबाव बढ़ता गया. टीम इंडिया को मध्यक्रम में एक मजबूत बल्लेबाज की जरूरत है जो काम केएल राहुल बखूबी कर सकते हैं. ऋषभ पंत और वेंकटेश अय्यर दोनों बल्लेबाजों ने अपनी लापरवाही से अपने विकेट फेंक दिए.
राहुल की जरूरत मध्यक्रम में
जब टीम को उनकी सख्त जरूरत थी. ऐसे में टीम मैनेजमेंट को राहुल को बतौर ओपनर खिलाने की बजाए नंबर 5 पर ही खिलाना मुनासिब होगा. श्रेयस अय्यर की कमजोरी भी शॉर्ट बॉल के सामने नजर आने लगी है. ऐसे में टीम को टॉप आर्डर के बाद मध्यक्रम में भी एक संकटमोचक की भूमिका अदा करने वाला बल्लेबाज चाहिए. जो केएल राहुल नंबर 5 पर बखूबी कर सकते हैं. बतौर ओपनर खेलने उतरे केएल राहुल 12 रन ही बना पाए थे.
वनडे फॉर्मेट में कप्तान केएल राहुल ने भारतीय टीम के लिए नंबर 5 पर अपनी जगह पक्की कर ली है. रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में वह ओपनिंग करने उतरे, राहुल ने भारतीय टीम के लिए नंबर 5 पर 10 पारियां खेली हैं, जिसमें से उनके नाम 56.62 की औसत से 453 रन हैं. राहुल के नाम इस बैटिंग पोजिशन में 1 शतक और 4 अर्द्धशतक भी शामिल हैं. उनका स्ट्राइक रेट भी 113.81 का है.
मध्यक्रम को मजबूत करने की जरूरत
पार्ल में हुए पहले वनडे में टीम इंडिया विराट कोहली के आउट होते ही दबाव महसूस करने लगी थी. जिसके बाद श्रेयस अय्यर शॉर्ट बॉल के सामने अपना विकेट गंवा बैठे और ऋषभ पंत, वेंकटेश अय्यर ने लापरवाही दिखाई. इस वक्त टीम इंडिया को एक मजबूत मध्यक्रम बल्लेबाज की सख्त जरूरत थी, जिसकी कमी टीम इंडिया को पहले वनडे में खेली और नतीजा यह हुआ की टीम 3 मुकाबलों की सीरीज में 1-0 से पिछड़ गई.
टीम के पास युवा ऋतुराज गायकवाड़ बतौर ओपनर टीम में मौजूद हैं, ऐसे में केएल राहुल को उनकी अपनी जगह पर खिलाना ही मुनासिब है, जिससे टीम का संतुलन भी बना रहे. साथ ही मध्यक्रम की वजह हो रहे कोलैप्स की समस्या को भी कम किया जा सके.