जनवरी 2017 में भारतीय वनडे टीम की कमान संभालने के बाद विराट कोहली दिसंबर 2021 तक आधिकारिक रूप से भारतीय वनडे टीम के कप्तान बने रहे. अब विराट बुधवार को जब पार्ल के मैदान पर कदम रखेंगे तब वह एक बतौर बल्लेबाज ही मैदान में उतरेंगे. विराट इसके पहले अक्टूबर 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ बतौर बल्लेबाज वनडे फॉर्मेट में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में उतरे थे. उस वक्त विराट सिर्फ टेस्ट कप्तान थे. हालांकि अब उन्होंने हर फॉर्मेट से भारतीय टीम की कप्तानी छोड़ दी है.
अह कप्तानी के दबाव से दूर विराट
पूर्व कप्तान विराट कोहली साउथ अफ्रीका के खिलाफ केएल राहुल की कप्तानी में मैच खेलने उतरेंगे तब उनसे बतौर बल्लेबाज पुराने रंग लौटने की उम्मीद होगी. लंबे अरसे से शतक का सूखा झेल रहा विराट का बल्ला अब कप्तानी के अतिरिक्त दबाव से कहीं दूर है, जिससे विराट को उनकी बल्लेबाजी पर पूरा ध्यान देने का मौका रहेगा. हालांकि बतौर कप्तान भी विराट कोहली का बल्लेबाजी रिकॉर्ड काफी शानदार रहा है लेकिन ICC टूर्नामेंट्स में टीम का फेल होना विराट के लिए एक सिरदर्द जरूर बना हुआ था.
भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने बतौर कप्तान वनडे में 95 मुकाबलों में 21 शतक जड़े हैं, विराट से कप्तानी से दूर होने के बाद फैंस को 2019 विश्व कप के पहले वाले विराट के मैदान पर दिखने की उम्मीद होगी. अगर विराट के इस फेज की तुलना महान सचिन तेंदुलकर से करें तो यह कहना उचित होगा कि कप्तानी का अतिरिक्त दबाव हटने के बाद विराट से एक बार फिर रनों के अंबार की उम्मीद की जा सकती है.
सचिन ने की धुआंधार बल्लेबाजी
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी छोड़ने के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में 50 की औसत से रन बनाए थे. सचिन ने उस बीच 431 इंटरनेशनल पारियों में 19552 रन बनाए जिसमें 54 शतक शामिल हैं. विराट कोहली से भी इंडियन टीम मैनेजमेंट को कुछ ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद होगी. अपने 71वें इंटरनेशनल शतक का इंतजार कर रहे विराट कोहली पर भी अब ज्यादा दबाव नहीं होगा.
दक्षिण अफ्रीका में विराट कोहली का वनडे रिकॉर्ड काफी शानदार है, विराट ने यहां 17 वनडे खेले हैं, जिसमें से उन्होंने 15 पारियों में 87.70 की जबरदस्त औसत के साथ 877 रन बनाए हैं. विराट ने दक्षिण अफ्रीका में 17 वनडे की 15 पारियों में 3 शतक और 4 अर्द्धशतक जड़े हैं. विराट कोहली से आने वाले 3 वनडे मुकाबलों में ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी.