भारत और वेस्टइंडीज के बीच वनडे सीरीज का पहला मुकाबला अहमदाबाद में खेला जा रहा है. कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर मेहमान टीम को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया. बतौर फुलटाइम सीमित ओवर्स कप्तान के रूप में रोहित शर्मा का यह पहला मुकाबला है.
इस मुकाबले में रोहित की कप्तानी का जलवा देखने को मिला है. वेस्टइंडीज की पारी के दौरान तीन मौके ऐसे आए, जब अंपायर ने बल्लेबाज को नॉटआउट दिया था. इसके बाद डीआरएस की मदद से टीम इंडिया ने सफलता हासिल की. खास बात यह थी कि तीनों ही अवसरों पर मैदानी अंपायर अनंत पद्मनाभन ने बल्लेबाज को नॉटआउट दिया था.
क्लिक करें: ‘कप्तान नहीं फिर भी लीडर’, वादे पर खरे उतरे विराट कोहली, ऐसे की रोहित शर्मा की मदद
मैच में कब-कब आया ऐसा मौका ?
सबसे पहले 12वें ओवर की आखिरी बॉल पर भारतीय टीम ने फैसला पलटवाया. वॉशिंगटन सुंदर की गेंद को डैरेन ब्रावो ने टर्न के साथ खेलने का प्रयास किया, लेकिन बॉल को खेलने से चूक गए और वह पैड पर जा लगी. मैदानी अंपायर के नॉटआउट देने के बाद भारतीय टीम ने डीआरएस लिया. रिप्ले में साफ दिखाई दिया कि गेंद लाइन में पिच होकर विकेट्स पर जा लगती. ऐसे में मैदानी अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा.
इसके बाद 20वें ओवर की तीसरी बॉल पर युजवेंद्र चहल ने निकोलस पूरन को अपने जाल में फंसाया. मैदानी अंपायर ने पूरन को नॉटआउट दिया था. जिसके बाद डीआरएस की मदद से भारत ने यह सफलता हासिल की. रिप्ले में साफ दिखाई दिख रहा था कि बॉल विकेट्स के बीच में टकराती.
फिर 22वें ओवर की पांचवीं गेंद पर एकबार फिर भारत ने डीआरएस का सहारा लिया. शमराह ब्रूक्स ने बॉल को डिफेंस करने का प्रयास किया, लेकिन बॉल बैट का किनारा लेकर विकेटकीपर के दस्ताने में चली गई. कुछ खिलाड़ियों का मानना था कि बॉल पहले पैड पर टकराई है, लेकिन रोहित शर्मा ने सोच विचार के बाद रिव्यू लिया, जो सफल साबित हुआ.
1000 वनडे खेलने वाली टीम इंडिया
इस मुकाबले में उतरते ही टीम इंडिया 1000 वनडे मुकाबला खेलने वाली दुनिया की पहली टीम बन गई है. इस मैच से पहले भारत ने 999 मैच खेले थे, जिसमें उसे 518 मुकाबलों में जीत और 431 में हार का सामना करना पड़ा. वहीं, 9 मुकाबले टाई रहे और 41 मैच बिना किसी परिणाम के समाप्त हुए. भारत ने अपना 500वां मैच 2002 में खेला था और दो दशक बाद उसने 1000 वनडे खेलने की खास उपलब्धि हासिल की है.