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धोनी के कप्तानी से हटते ही हुई युवराज की वापसी !

युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह महेंद्र सिंह धोनी पर दिए उनके बयानों को लेकर काफी विवादों में रहे. 2011 विश्व कप में धोनी के खुद नंबर चार में आने के फैसले की भी योगराज सिंह ने आलोचना की थी.

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चार साल बाद युवराज की वापसी
चार साल बाद युवराज की वापसी

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इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली तीन वनडे और तीन टी20 मैचों की सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है. ऐलान में सबसे बड़ी खबर युवराज सिंह की टीम इंडिया में चार साल बाद की गई वापसी है. लगता है चयनकर्ताओं ने युवराज सिंह को उनकी शादी और नए साल का तोहफा टीम में वापसी के तौर दिया है. विराट कोहली के टीम का कप्तान बनते ही युवराज की वापसी यह साफ दर्शाती है कि महेंद्र सिंह धोनी की टीम में भले ही युवराज फिट ना बैठते हो लेकिन कोहली की टीम में उनकी जगह अभी भी बरकरार है. पिछले कुछ समय से लगातार घरेलू मैच खेल रहे युवराज सिंह की वापसी की अटकलें काफी समय से लगाई जा रही थी, लेकिन तब के वनडे कप्तान धोनी हमेशा फिटनेस की बात कह उनकी वापसी के सवालों को टालते रहे.

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पिता योगराज का रहा धोनी से 36 का आंकड़ा
युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह महेंद्र सिंह धोनी पर दिए उनके बयानों को लेकर काफी विवादों में रहे. 2011 विश्व कप में धोनी के खुद नंबर चार में आने के फैसले की भी योगराज सिंह ने आलोचना की थी. योगराज सिंह ने धोनी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि एक टाइम था जब धोनी के पास कुछ भी नहीं ना था, अब वह मीडिया वालों को भला बुरा कहते है. योगराज सिंह ने कहा था कि मैं होता तो यदि मैं मीडिया में होता तो धोनी में चांटा जड़ देता. योगराज ने धोनी पर घमंडी होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि जैसा रावण का घमंड टूटा था उसी प्रकार धोनी का घमंड भी जल्द ही टूटेगा.

वापसी के बाद नहीं किया परफॉर्म
कैंसर की बीमारी की वजह से करीब एक साल युवराज को क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. जब वापस आए, तब वे उस फॉर्म में नहीं थे. आईपीएल से लेकर रणजी ट्रॉफी तक युवराज फ्लॉप हो रहे थे, लेकिन युवराज हार मानने वाले नहीं थे. टीम में आने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. एक तरफ वह फॉर्म में नहीं थे तो दूसरी तरफ अन्‍य खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे. एक बार एक इंटरव्यू के दौरान युवराज सिंह ने यह कहा कि शायद भारतीय टीम में उनकी वापसी मुश्किल है. घरेलू मैच में काफी अच्छे प्रदर्शन के वजह से कैंसर से पूरी तरह ठीक होने के बाद युवराज सिंह ने 11 सितंबर 2012 को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी-20 मैच खेला. फिर उनको टेस्ट और एकदिवसीय टीम में मौक़ा मिला., जबकि इससे पहले आखिरी एकदिवसीय मैच 11 दिसंबर 2013 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला था वहीं उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच 5 दिसंबर 2012 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला था.

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ये हो सकता है वापसी का कारण !
घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रर्दशन किया है, उन्होंने रणजी के 8 मैचों में 724 रन बनाए, जिसमें 260 और 177 रनों की शानदार पारी भी शामिल है. वहीं चीफ सिलेक्टर एमएसके प्रसाद ने भी कहा कि युवराज सिंह ने घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रर्दशन किया है इसलिए उन्हें मौका जरूर देना चाहिए.

रिकार्ड का युवराज
2007 टी-20 विश्वकप में 6 गेंदों पर 6 छक्के लगाने वाले युवराज सिंह ने अभी तक 293 वनडे मैच खेले है जिनमें उन्होंने 36 की औसत से 8329 रन बनाए है, युवराज के वनडे में कुल 13 शतक और 51 अर्धशतक हैं. वहीं युवराज ने 55 टी-20 मैच खेलें है जिनमें उन्होंने लगभग 30 की औसत से 1134 रन बनाए हैं. टेस्ट टीम से अधिकतर बाहर रहने वाले युवराज ने 40 टेस्ट खेले हैं और 34 की औसत से मात्र 1900 रन बनाए हैं.

 

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