दागी क्रिकेटर एस श्रीसंत ने बीसीसीआई द्वारा लगाए आजीवन प्रतिबंध को पुन: बहाल करने के फैसले को अब तक का सबसे बदतर फैसला करार दिया और कहा कि वह अपना संघर्ष नहीं छोड़ेंगे. श्रीसंत ने अपने प्रशंसकों को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
श्रीसंत ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के फैसले के बाद अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘यह अब तक का सबसे बदतर फैसला है. मेरे लिए विशेष नियम, असली गुनहगारों का क्या. चेन्नई सुपरकिंग्स का क्या हुआ और राजस्थान का.’
This is the worst decision ever..special rule for me?what about real culprits?What about chennai super kings ? And what about Rajasthan ?
— Sreesanth (@sreesanth36) October 17, 2017
And what about the accused 13 names in Lodha report?? No one wants to know about it?i will keep fighting for my right..God is great 🇮🇳✌🏻💒
— Sreesanth (@sreesanth36) October 17, 2017
श्रीसंत ने लिखा, ‘अब तक दिए समर्थन और उत्साहवर्धन के लिए सभी को धन्यवाद. मैं आश्वासन देता हूं कि मैं हार नहीं मानूंगा. मेरे पास सिर्फ मेरा परिवार और कुछ करीबी लोग हैं जो अब भी मेरे ऊपर विश्वास करते हैं. मैं संघर्ष जारी रखूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि मैं हार नहीं मानूं.’
श्रीसंत ने आगे लिखा, ‘और लोढा समिति की रिपोर्ट के 13 आरोपियों का क्या. कोई इसके बारे में जानना नहीं चाहता. मैं अपने अधिकार के लिए संघर्ष जारी रखूंगा. भगवान महान है.’ इस बीच मीडिया से बात करते हुए केरल क्रिकेट संघ के सचिव जयेश जार्ज ने कहा कि केसीए श्रीसंत का समर्थन कर रहा था.
जार्ज ने कहा, ‘हमने उसेक पूर्ण फिटनेस टेस्ट से गुजरने का इंतजाम किया है और उसे मैच फिट बनाने का भी. इस फैसले के साथ हमें इसका सम्मान करना होगा.’ गौरतलब है कि 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान स्पॉट फिक्सिंग मामले में दोषी पाए जाने के बाद श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था.
इस मामले में उन्हें मई, 2013 को दिल्ली की तिहाड़ जेल में भी रखा गया था. दिल्ली पुलिस ने फिक्सिंग के आरोप में 17 मई को मुंबई श्रीसंत और उनके साथी खिलाड़ियों अजीत चांडीला और अंकीत चव्हाण के साथ गिरफ्तार किया था.