वनडे और टी 20 टीम की कप्तानी छोड़कर महेंद्र सिंह धोनी ने सबको चौंका दिया है. खासकर जिस गुपचुप तरीके से उन्होंने यह फैसला लिया वह भी हैरत में डालने वाला है. हालांकि कप्तानी छोड़ने से पहले उनकी चीफ सिलेक्टर्स एसके प्रसाद से कई दफा मुलाकात हुई. दोनों के बीच कई चरणों में बातचीत हुई, इसके बाद बीसीसीआई ने बुधवार शाम ट्वीट कर धोनी के फैसले की पुष्टि की. उन्होंने कप्तानी छोड़ने के बाद कहा भी कि कुछ भी बिना सोच-समझे नहीं करता.
धोनी की कप्तानी से हटने को लेकर उठे सवाल और उनके जवाब -
सवाल- क्या धोनी ने अचानक कप्तानी छोड़ने का फैसला लिया?
जवाब- नहीं. धोनी पिछले चार दिनों से नागपुर में थे. बताया जा रहा है कि धोनी झारखंड के मेंटर के तौर पर नागपुर में थे. यहां झारखंड-गुजरात के बीच रणजी का सेमीफाइनल मैच हुआ. रविवार को मैच शुरू हुआ था और बुधवार
को इसका फैसला आया. इसके बाद ही बुधवार को चीफ सिलेक्टर्स एसके प्रसाद भी स्टेडियम में नजर आए. यहीं कुछ घंटों के भीतर तीन बार प्रसाद से धोनी ने मुलाकात की. इसलिए इस फैसले को अचानक लिया हुआ फैसला नहीं
कहा जा सकता.
सवाल- धोनी पर कप्तानी से हटने का दबाव था?
जवाब- पूरी तरह से नहीं. हालांकि, विराट कोहली के बतौर टेस्ट कप्तान प्रदर्शन को देखते हुए यह मांग उठने लगी थी कि तीनों फॉर्मेट का एक ही कप्तान होना चाहिए. धोनी भी इस्तीफे के बाद इस बात की तस्दीक कर चुके हैं कि
वह चाहते हैं कि तीनों फॉर्मेट का एक ही कप्तान होता.
पूर्व कोच बोले 2019 तक खेलेगा माही
रांची में भी धोनी के चाहने वालों को इस फैसले से काफी मायूसी हुई, धोनी के पूर्व कोच चंचल भट्टाचार्य ने कहा कि माही 2019 तक खेलते रहेंगे और अब और बेहतर खेलेंगे. झारखंड के खिलाड़ियों ने कहा कि धोनी ने उनसे कहा
कि मेरी सोच कभी नहीं बदलती है, मैंने जो किया सौ फीसदी सही है.
गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे कामयाब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है. हालांकि धोनी वनडे और टी-20 मैच खेलते रहेंगे. धोनी इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली वनडे और टी-20 मैचों में चयन के लिए भी उपलब्ध रहेंगे. आपको बता दें कि धोनी टेस्ट क्रिकेट से पहले ही संन्यास ले चुके हैं.
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