लगभग एक साल पहले जेम्स एंडरसन ने इंग्लैंड में जब ऑफस्टंप के बाहर घूमती गेंद पर विराट कोहली को आउट किया तो भारतीय प्रशंसकों को कोहली के 6 साल के क्रिकेट करियर में पहली बार उनकी तकनीक में कोई खामी दिखी.
तकनीक पर काफी काम किया
लेकिन बीती सर्दियों में कोहली ने अपनी इस कमी पर काफी काम किया और उन सारी शंकाओं को बेकार सिद्ध कर दिया जो उनकी तकनीक के चलते उठ रही थीं. जिसके बाद उत्साही भारतीय प्रशंसकों को लगा कि विराट की तकनीक में यही एकमात्र खामी थी, लेकिन भारतीय टेस्ट कप्तान को पता था कि ऐसा नहीं है. उनके दिमाग में ये बात शीशे की तरह साफ थी कि आधुनिक युग की बैटिंग में बेहद जरूरी स्वीप शॉट उनकी बैटिंग से गायब है.
स्वीप शॉट की कमी खल रही थी
आज की क्रिकेट के दौर में जहां बल्लेबाज स्वीप शॉट से कहीं आगे पैडल स्वीप, रिवर्स स्वीप और स्विच हिंट का लगातार प्रयोग कर रहे हैं वहां इनके बेसिक यानी कि स्वीप शॉट का अपनी बैटिंग से बाहर होना विराट को बहुत खल रहा था. श्रीलंका के आगामी दौरे पर जहां की स्लो पिचों पर स्पिनर्स का बोलबाला रहता है वहां इस शॉट की अहमियत विराट से छुपी नहीं थी. इसी को ध्यान में रखते हुए विराट अपनी बैटिंग स्टाइल में स्वीप शॉट को एक विशेष हथियार की तरह शामिल करना चाहते थे.
छुट्टी मिलते ही की प्रैक्टिस
बांग्लादेश दौरे के बाद क्रिकेट से लंबी छुट्टी मिलते ही विराट अपने बचपन के कोच राजकुमार शर्मा के पास पहुंचे और स्वीप शॉट पर जमकर काम किया. इस बारे में शर्मा कहते हैं, 'वैसे तो विराट की बैटिंग तकनीकी रूप से बहुत अच्छी है लेकिन वो स्वीप शॉट कभी नहीं खेलते. लेकिन अब वो इस शॉट पर महारत हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं जिससे कि वो स्पिनर्स को और अच्छी तरह से खेल पाएं.'
महारत हासिल करने में लगेगा वक्त
शर्मा ने आगे कहा कि वो इस शॉट को और बेहतर तरीके से खेलने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. 'कोहली यहां लगातार प्रैक्टिस के लिए आते थे और वो यहां पर सूखी और खुरदुरी पिचों की मांग करते थे. ऐसी पिच पर वो रोज तकरीबन दो घंटे तक स्पिनर्स के खिलाफ बैटिंग करते थे और ज्यादा से ज्यादा स्वीप शॉट खेलने की कोशिश करते थे.' हालांकि शर्मा के मुताबिक विराट स्वीप शॉट पर अभी पूरी तरह से महारत नहीं हासिल कर पाए हैं. शर्मा ने कहा, 'वो अभी पूरी तरह से इसमें महारत हासिल नहीं कर पाया है. लेकिन एक बार तय करने के बाद विराट पूरी तरह से सजग होकर यह शॉट खेलते हैं.